के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा भंडारी कृत चार पुस्तकों का लोकार्पण


साहित्य में विधा रूपान्तर एक अलग विधा के रूप में उभरा है साथ ही सुषमा भंडारी के कृतित्व उनके साहित्य के हर पक्ष को उदाहरण द्वारा उजागर किया। सुषमा भंडारी द्वारा किये गए इस अकल्पनीय उत्कृष्ट अनूठे कार्य के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस विधा की ओर ये नई पहल है और उनकी लेखनी की प्रशंसा की।



नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन, विष्णु दिगम्बर मार्ग में के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा भंडारी कृत चार पुस्तकों 'ख़ुशबू तो बचा ली जाए' एक आलोचनात्मक विश्लेषण, 'झुकी डालियाँ बरगद की' दोहा संग्रह, 'परत दर परत' हाइकु संग्रह, 'नई कहानी' बाल कहानी संग्रह के लोकार्पण, परिचर्चा और विभिन्न सामाजिक/सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्रों की उत्कृष्ट संस्थाओं को सम्मानित करने हेतु, साथ ही उत्तम कवियों द्वारा काव्य पाठ हेतु आयोजित इस अनूठे समारोह का आयोजन अनेक सुधि साहित्यकारों, पत्रकारों और कलाकर्मियों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।



कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात साहित्यकार लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने की, मुख्य अतिथि डॉ पूरन चन्द टण्डन हिंदी विभागाध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय रहे, विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेशचन्द्र शर्मा पूर्व प्राचार्य मोती लाल नेहरू कॉलेज सांध्य, डॉ. हरीश अरोड़ा एसोसिएट प्रोफेसर पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ.तारा गुप्ता वरिष्ठ साहित्यकार, रिषीपाल राणा डिप्टी डायरेक्टर शिक्षा विभाग, जसवीर सिंह हलधर वरिष्ठ साहित्यकार, प्रदीप गर्ग पराग वरिष्ठ साहित्यकार रहे।



कार्यक्रम का शुभारम्भ गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना सरस्वती पुत्री डॉ. भावना शुक्ल ने बहुत ही सुंदर रूप व मधुर स्वर में प्रस्तुत की। इसके पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।


इसके पश्चात के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा भंडारी की चार पुस्तकों 'ख़ुशबू तो बचा ली जाए' एक आलोचनात्मक विश्लेषण लक्ष्मीशंकर वाजपेयी के व्यक्तित्व कृतित्व पर शोध, 'झुकी डालियाँ बरगद की' ख़ुशबू तो बचा ली जाए ग़ज़ल संग्रह का दोहा संग्रह में रूपांतर, 'परत दर परत' ख़ुशबू तो बचा ली जाए ग़ज़ल संग्रह का हाइकु संग्रह में रूपान्तर, 'नई कहानी' बाल कहानी संग्रह का लोकार्पण, समारोह के अतिथियों के करकमलों से संपन्न हुआ।


समारोह के दौरान पुस्तक पर चर्चा में भाग लेते हुए लेखक सुषमा भंडारी ने उपर्युक्त पुस्तक की खूबियों पर प्रकाश डाला, उसके बारे में बारीकी से समझाया। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली और किन किन कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ा। उन्होंने इसका श्रेय लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, डॉ. हरीश अरोड़ा व अपने पूरे परिवार को माना। उनके साथ उनकी जीवनसाथी राजेन्द्र राज भंडारी भी वहाँ उनके साथ थे।


के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा लेखिका सुषमा भंडारी को 'के.बी.एस. साहित्य गौरव सम्मान 2019' से सम्मानित किया गया, साथ ही उनका सम्मान पत्र भी पढ़ा गया। इसके पश्चात प्रकाशन ने विभिन्न सामाजिक/सांस्कृतिक एवं साहित्यिक, मीडिया क्षेत्रों की निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए कार्य करनेवाले उत्कृष्ट संस्थाओं को, हिन्दी साहित्य मंथन, माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच, ट्रू मीडिया, प्राची मासिक पत्रिका, कुतुब मेल ई समाचार पत्र, नई सोच एन जी ओ को सम्मानित किया । 


के.बी.एस. प्रकाशन के प्रकाशक संजय शाफ़ी ने लेखक व उनके परिवार के सभी सदस्यों, जिन्होंने हर पल उन सबका साथ दिया प्रोत्साहित किया, को बधाई दी।


सभी सम्मानित अतिथियों ( लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, डॉ पूरन चन्द टण्डन, , डॉ हरीश अरोड़ा, डॉ सुरेशचन्द्र शर्मा, डॉ. तारा गुप्ता, रिषीपाल राणा, जसवीर सिंह हलधर, प्रदीप गर्ग पराग) ने अपने वक्तव्य में बताया कि विधा रूपान्तर क्या है? उसकी महत्ता क्या है! साहित्य में विधा रूपान्तर एक अलग विधा के रूप में उभरा है साथ ही सुषमा भंडारी के कृतित्व उनके साहित्य के हर पक्ष को उदाहरण द्वारा उजागर किया। सुषमा भंडारी द्वारा किये गए इस अकल्पनीय उत्कृष्ट अनूठे कार्य के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस विधा की ओर ये नई पहल है और उनकी लेखनी की प्रशंसा की।


अपना आशीर्वाद देते हुए आयोजन की सराहना करते हुए सभी सम्मानित साहित्यकारों और कलाकर्मियों व लेखकों के परिवारजनों को अपनी शुभकामनायें दीं, लेखक को निरंतर साहित्य साधना में रत रहते हुए देश और समाज के हित में रचना कर्म करते रहने को प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने यह समझाया कि सच्चे साहित्य का निर्माण करना है तो चिंतन ज़रूरी है। साथ ही लेखन से पहले पठन ज़रूरी है, पाठक बनना आवश्यक है, साधना करना आवश्यक है। सुभाष चन्दर, डॉ देवेंद्र मांझी, सीमाभ सुल्तानपुरी, डॉ अलका सिन्हा, डॉ प्रेम सिंह, श्रीगोपाल सिंह सिसोदिया  राजेन्द्र राज, केसर राय का सानिध्य प्राप्त हुआ।


हमारे लिए गौरव का पल था जब हमें उन प्रबुद्धजनों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ जिन्होंने साहित्य को जिया है और हमें जीना सिखाया है। श्रीमती अलका सिन्हा व भावना शुक्ल ने भी सुषमा भंडारी का शॉल पहनाकर सम्मान किया। सुषमा भंडारी ने शिक्षा विभाग से आई डिप्टी डायरेक्टर श्रीमती गीता का सम्मान किया।


 संजय कुमार गिरी ने डॉ. हरीश अरोड़ा एवं जावेद अब्बासी का अपने द्वारा बनाये पेंसिल स्केच भेंट कर उनका सम्मान किया।इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, ग्लोबल बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित ट्रू मीडिया के नवीनतम विशेषांक का लोकार्पण व रोशनी दर्शन साहित्यिक पत्रिका का लोकार्पण सम्मानित अतिथियों के कर कमलों से हुआ।


इसके पश्चात दूसरे सत्र काव्य पाठ का आरंभ हुआ। काव्यपाठ में साहित्य जगत के दिग्गज आमंत्रित साहित्यकारों ने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ (श्री मती ) प्रेम सिंह की अध्यक्षता मेंअपनी रचनाओं से समारोह में चार चाँद लगा दिए जिनमें श्रीमती शकुन्तला मित्तल, ए.एस.अली खां, श्रीमती चंचल पाहुजा, डॉ. भावना शुक्ल ,श्रीमती सरिता गुप्ता, जगदीश मीणा, डॉ. मनोज कामदेव, श्रीमती कुसुम लता पुंडोरा , संजय कुमार गिरी , श्रीमती चन्द्रमणि चौधरी, श्रीमती परिणीता सिन्हा, श्रीमती आभा पालीवाल, मुख्य रूप से थे। सभी सम्मानित कवियों को काव्य सम्राट सम्मान व काव्य सम्राज्ञी सम्मान से सम्मानित किया। सत्र के अंत में काव्य रचनाओं की आवश्यकताओं के विषय में बताया व सत्र की समाप्ति की।


इस समारोह में श्रीमती मुक्ता मिश्रा, एम. एल. गर्ग ,गोपाल गुप्ता ,संदीप सक्सेना विकल, गोविंद पँवार, अब्दुल वात्सई आशीष श्रीवास्तव  ने भी माँ सरस्वती को अपने काव्य सुमन अर्पित किए व उन्हें गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।


इस भव्य समारोह का कुशल व व्यवस्थित संचालन श्रीमती भावना शर्मा ने किया। समारोह के अन्त में सुषमा भंडारी ने समारोह को सफल बनाने के लिए सभी अतिथियों, महानुभावों, मीडिया पार्टनर ट्रू मीडिया, प्राची मासिक पत्रिका, वूमनियावेबडॉटकॉम, राष्ट्र किंकर, हम सब साथ साथ, तनिमा, डिप्रेस्ड एक्सप्रेस, कुतुब मेल, हिंदी भवन और श्रोताओं के प्रति अपना आभार प्रकट किया।


अनिल कुमार गौड़ ,गोपाल सिंह सिसोदिया ,श्रीमती जयाश्री जया, युद्धविन्द्र पाल सिंह , हरमहेन्द्रा सिंह,रमा कांत पूनम,गौतम रॉय, श्रीमती गीतु कुमारी ,श्रीमती विजय लक्ष्मी भट्ट शर्मा, इरफान राही, बलवंत सिंह,रवि तिवारी, विवेक शर्मा, कुमारी शीतल शर्मा, अरविंद त्यागी , डॉ. पूरन सिंह ,आशीष श्रीवास्तव, अशोक कुमार, केशव राय, अनुज कुमार, ध्रुव कुमार, दिव्या नेगी , प्रियंका, डॉ. भावना शर्मा, लतांत प्रसून, श्री पार्थ पुजारी, श्रीमती जया, प्रभाकर कुमार , चन्द्रकान्त मित्तल , श्री ध्रुव, गगन दत्ता आदि ने इस समारोह में पधारकर हमें प्रोत्साहित किया।


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