थाईलैंड 4.0 भारत की प्राथमिकताओं का पूरक है PM Modi


भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को 22 वर्ष पहले विधिवत खोला गया और श्री आदित्‍य विक्रम बिड़ला ने स्‍पीनिंग यूनिट स्‍थापित करके थाईलैंड में अपनी शुरूआत की। आज यह समूह 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के विविध कारोबार के बल पर थाईलैंड के सबसे बड़े उद्यमों में शामिल है।   


         


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने थाईलैंड में आदित्‍य बिड़ला समूह के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में भाग लिया। आदित्‍य बिड़ला समूह के अध्‍यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने थाईलैंड में समूह के स्‍वर्णजयंती समारोह में शामिल होने को लेकर प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।


प्रधानमंत्री ने भारत को पांच ट्रिलियन वाली अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के सपने के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि किस प्रकार अर्थव्‍यवस्‍था 2014 के लगभग दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2019 में तीन ट्रिलियन बन चुकी है। थाईलैंड को एक मूल्‍य आधारित सुधारोनमुक्‍त थाईलैंड की थाईलैंड 4.0 नामक पहल की चर्चा करते हुए, उन्‍होंने कहा कि यह भारत की डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्‍वच्‍छ भारत मिशन, स्‍मार्ट सिटी, जल जीवन मिशन जैसी प्राथमिकताओं की पूरक है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों को भू-राजनीतिक नि‍कटता, सांस्‍कृतिक साझेदारी एवं कारोबारी साझेदारी को और आगे बढ़ाने की इच्‍छाशक्ति का लाभ प्राप्‍त करना चाहिए।


समारोह में उपस्थित सरकारी अधिकारियों और उद्योगजगत की हस्तियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने आदित्‍य बिड़ला समूह की टीम को उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी, जिसके परिणाम स्‍वरूप बहुत से लोगों के लिए रोजगार पैदा होने के साथ-साथ समृद्धि भी सुनिश्चित हुई है। भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सांस्‍कृतिक संबंधों के बारे में चर्चा करते हुए, उन्‍होंने कहा कि वाणिज्‍य और संस्‍कृति में विश्‍व को एक सूत्र में पिरोने और निकट लाने की शक्ति निहित है।


भारत में सुधार की दिशा में बदलाव


      प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार की सफलता की कई कहानियों को साझा किया। उन्‍होंने कहा कि लीक से हटकर और मिशन मूड में काम करने से सुधार की दिशा में बदलाव संभव हुआ है। पहले जिसे असंभव माना जाता था, अब उसे संभव माना जा रहा है और इसके फलस्‍वरूप भारत में उपस्थिति का यह सर्वाधिक उपयुक्‍त समय है।


      प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व बैंक की कारोबारी सुगमता रैंकों में भारत ने पिछले पांच वर्षों में 79 रैंकों की छलांग लगाई है और यह 2014 के 142वें स्‍थान से बढ़कर 2019 में 63वें स्‍थान पर पहुंच गया है। इससे कारोबार के वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में सुधार हेतु हमारी प्रतिबद्धता का पता चलता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वर्ल्‍ड इकनॉमिक फोरम ट्रैवल एंड टूरिज्‍़म कम्पिटिटिवनेस इंडैक्‍स में भी इसकी रैंक में सुधार हुआ है और यह 2013 के 65वें स्‍थान से बढ़कर 2019 में 34वें स्‍थान पर पहुंच गया है। आराम, सुविधा के प्रावधान सहित बेहतर सड़कों, सम्‍पर्कता, स्‍वच्‍छता और कानून व्‍यवस्‍था में सुधार के परिणामस्‍वरूप विदेशी पर्यटकों के आगमन में 50 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।


      बचत किए गए धन को अर्जित धन तथा बचत की गई ऊर्जा को सृजित ऊर्जा बताते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण योजना के माध्‍यम से खामियों को दूर करने और क्षमता में सुधार लाने के बारे में चर्चा की, जिसके परिणामस्‍वरूप अब तक 20 अरब डॉलर धनराशि की बचत हुई है। उन्‍होंने कम बिजली खर्च करने वाली एलईडी लाइटों के वितरण के बारे में भी चर्चा की, जिसके परिणाम स्‍वरूप कार्बन के उत्‍सर्जन में कमी हुई है।


भारत : निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्‍य


      भारत को लोगों के लिए सर्वाधिक अनुकूल कर प्रणाली वाला देश बताते हुए, प्रधानमंत्री ने मध्‍य वर्ग पर कर के बोझ में कमी लाने, उत्‍पीड़न की आशंका को दूर करने के लिए फेसलेस कर मूल्‍यांकन शुरू करने, कंपनी के लिए कर दरों में कटौती करने सहित हाल के अनेक कदमों के बारे में चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी की शुरूआत से आर्थिक एकीकरण का सपना एक वास्‍तविकता बना है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इसे और भी अधिक जनोनुकूल बनाने के लिए समर्पित है। इन सभी उपायों के कारण भारत निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्‍यों में शामिल हुआ है और यह यूएनसीटीएडी के अनुसार प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के शीर्ष लक्ष्‍यों में गिना जा रहा है।


 


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