नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला होगा

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला यकीनन एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है और उन्हें उम्मीद थी कि यह मेला जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला बन जाएगा।



नयी दिल्ली - विदेशी मंडप (हॉल 7 ए बी सी) में अबूधाबी, चीन, मिश्र, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, जापान, इटली, मेक्सिको, शारजाह, नेपाल, पोलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, लैटिन अमेरिका व कैरिबियन देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटैन, सहित 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। यह प्रदर्शक नई दिल्ली प्रतिलिप्याधिकार मंच और इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर में भी भाग लेंगे। इसके अलावा बी – 2 – बी गतिविधियां, विशेष फोटो प्रदर्शनियां भी आयोजित की जा रही है।  


   


केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020 (एनडीडब्ल्यूबीएफ) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रख्यात गांधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, मानव संसाधन विकास  मंत्रालय के  संयुक्त सचिव मदन मोहन, भारतीय व्यापार संवर्धन संस्थान (आईटीपीओ) के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


इस अवसर पर पोखरियाल ने कहा कि हम पुस्तकों के सागर के बीच में हैं और पुस्तकों का यह महाकुंभ विचारों से भरा हुआ है, वे विचार जो मानवता को शक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला एक ऐसी जगह है, जहाँ लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और नए विचारों को उत्पन्न करने के साथ-साथ उन्हें साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि किताबें भारत के युवाओं को नए विचारों के साथ आगे बढ़ने में मदद करती हैं।


इस वर्ष के मेले के विषय 'गांधी: लेखकों के लेखक' पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। दुनिया आज आतंकवाद सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया, राष्ट्र, समाज और सभी व्यक्तियों को गांधी के बारे में उनकी दृष्टि तथा शांति और अहिंसा के दर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने पुस्तकों और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशकों से आग्रह किया है, क्योंकि लोग किताबों से दूर जा रहे हैं, और एनडीडब्ल्यूबीएफ जैसा पुस्तक मेला सुनिश्चित करता है कि किताबें और पढ़ने की आदत कायम रहे।


 इस अवसर पर सम्मानित अतिथि तथा प्रसिद्ध गांधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र ने महात्मा गांधी के जीवन और शिक्षाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मैन ऑफ सेंचुरी थे। उन्होंने गीता, कुरान और बाइबिल सहित अनेक पुस्तकों के व्यापक अध्ययन के कारण सत्य, शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया।


 राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के इस संस्करण के बारे में दर्शकों को बताया। उन्होंने कहा कि पुस्तकों की इस दुनिया के माध्यम से, विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, जो हमें नई दिशा दिखा सकते हैं।


मेले के आकर्षण


इस वर्ष विश्व पुस्तक मेला 2020 का मूल विषय 'गांधीः लेखकों के लेखक' है। महात्मा गांधी एक सफल लेखक, संपादक और प्रकाशक थे। उन्होंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखा। उनके लेखन ने न केवल अहिंसा और शांति के उनके दर्शन को प्रतिबंबित किया, बल्कि देश के सामाजिक- आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य को भी एक अंतर्दृष्टि दी। इस वर्ष की थीम में पुस्तक प्रेमियों को इस बात की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है कि महात्मा गांधी ने, जो कि एक महान रणनीतिक सम्प्रेक्षक भी थे, कैसे लेखकों को पीढ़ियों तक प्रभावित व प्रेरित किया और कैसे बाद के लेखकों ने उनकी प्रेरणा को अपने लेखन में शब्दों के माध्यम से प्रकट किया। इस मेले में विशेष रूप से तैयार किए गए मंडप में गांधी द्वारा तथा गांधी पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गई 500 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है। इसमें साबरमती आश्रम से प्रेरित विशेष रूप से डिजाइन किए गए मंडप में गांधी द्वारा और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 100 प्रकाशकों की 500 पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी भी शामिल है। साथ ही 30 पैनल चर्चा पुस्तक विमोचन और विषय से संबंधित प्रदर्शन भी होंगे। थीम मंडप में प्रदर्शन के लिए अभिलेखीय सामग्री नवजीवन ट्रस्ट, अहमदाबाद और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, नई दिल्ली से हैं।


लेखक मंच/सेमिनार हॉल


मेले में अन्य लेखकों के अलावा कुछ प्रख्यात लेखकों एवं साहित्यिक हस्तियों, यथा- अनिर्बान गांगुली, भावना सोमैया, केविन मिसेल, मधुलिका दत्ता,  मनोषी सिन्हा रावल, सुधा मूती, सुमित दत्त मजुमदार आदि से आगंतुकों और पुस्तक प्रेमियों को संवाद करने का अवसर प्राप्त होगा। इस बार तीन विशेष कॉर्नर होंगे जिनमें इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर (हॉल सं. 7 ए) रिफ्लेक्शंस (हॉल सं. 8), तथा लेखक मंच (हॉल सं. 12) शामिल हैं। मेले के दौरान विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रम, लेखक और विद्वानों, के साथ संवाद, परिचर्चा, बाल-गतिविधियां, पुस्तक विमोचन, मेले की थीम पर फिल्म का प्रदर्शन व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाली प्रमुख हस्तियां यथा- डॉ. राकेश पांडे, डॉ. वर्षा दास, श्री अफलातून, श्री अविनाश दुधे, श्री फिरोज खान, सुश्री फिरोजा खान, श्री सुरेश शर्मा श्री राजीव श्रीवास्तव, श्री राजीव राज, सुश्री शशिप्रभा तिवारी, प्रो. अख्तरुल वासे, प्रो. रिजवान कैसर, डॉ. एम. विलियम भास्करन, डॉ. रविचंद्रन, डॉ. सच्चिदानंद जोशी, पूर्व न्यायपूर्ति नरेन्द्र चपलगांवकर, मिस दीना पटेल, श्री अन्नामलाई, डॉ. सुमेर सिंह सिद्धू, डॉ. खुशवंत सिंह, बरगदी इत्यादि को सुनने व संवाद करने का अवसर प्राप्त होगा।


ब्रेल पुस्तकें


राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ ब्लाइंड (एआईसीबी) के सहयोग से दृष्टिबाधित पाठकों हेतु ब्रेल पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। अब तक हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में लगभग 250 ब्रेल पुस्तके प्रकाशित की जा चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने हेतु राष्ट्रीय पुस्तक न्यास तथा ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ ब्लाइंड के बीच समझौत-ज्ञापन किया गया है जिसके अंतर्गत एनबीटी के वार्षिक प्रकाशन कार्यक्रम के तहत विभिन्न भारतीय भाषाओं में ब्रेल की और अधिक पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। एनबीटी द्वारा इन पुस्तकों का द्विभाषी अंग्रेजी-हिंदी सूची-पत्र भी प्रकाशित किया गया है। इन पुस्तकों का विशेष प्रदर्शन हाल न.-7 में किया जाएगा।


बाल मंडप


बच्चों एवं युवाओं में पुस्तकों एवं पठन के प्रसार हेतु एनबीटी द्वारा आयोजित बाल मंडप (हॉल सं. 7 एच के पास निर्मित हैंगर) में बालोपयोगी गतिविधियां होंगी जैसे- संगोष्ठियां, पैनल- रचनाएं रचनात्मक लेखन, कथावाचन-सत्र सृजनात्मक लेखन एवं चित्रकारी पर आधारित कार्यशालाएं आदि। इस मंडप को स्पर्शनीय एवं मूक पुस्तकों के पैनल से विशेष तौर पर सजाया गया है। इस मंडप पर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 'करियर गाइडेंस' सत्र भी आयोजित किया जाएगा। इन गतिविधियों में अनेक स्कूल एवं स्वयंसेवी संगठन भी भाग लेंगे।


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

COWE इंडिया जयपुर चेप्टर ने आयोजित किया महिला उद्यमियों का JAYPORE बाजार

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "