दंगा पीड़ितों को मुआवजा के लिए दिल्ली सरकार का दो दिवसीय सत्यापन अभियान

नई दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा पीड़ितों के मुआवजे के लिए दो दिवसीय सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। दिल्ली सचिवालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिसौदिया ने यह जानकारी दी। “दिल्ली सरकार ने दिल्ली के  उत्तर पूर्व क्षेत्र में हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा जारी करने के लिए दो दिवसीय सत्यापन अभियान शुरू करने का फैसला किया है। हमें अब तक 1700 मुआवजा आवेदन मिले हैं।" डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा।



“उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों के राहत और पुनर्वास का काम काफी तेजी से चल रहा है। दंगा प्रभावित इलाकों में समुचित संख्या में एसडीएम तैनात किए गए हैं। पीड़ित परिवारों को मुआवजा फॉर्म दिए जा रहे हैं। पीड़ित परिवारों को मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। तत्काल नकद राहत के रूप में 25,000 रुपये दिए जा रहे हैं। साथ ही, सबसे क्षतिपूर्ति फॉर्म भी एकत्र किए जा रहे हैं, जिसके आधार पर सभी पीड़ितों को पूरी मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।"  सिसोदिया ने कहा।


उन्होंने बताया कि वरिष्ठ आईएएस अफसरों के नेतृत्व में यह सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। इस दो दिवसीय सत्यापन अभियान का नेतृत्व छह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी करेंगे। हम इस सत्यापन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं ताकि सभी दंगा पीड़ितों को पूर्ण मुआवजा राशि अतिशीघ्र जारी कर सकें।”


उन्होंने कहा कि कुछ आवेदनों में दोहराव तथा अन्य कारणों से यह सत्यापन ड्राइव जरूरी है। दिल्ली सरकार चाहती है कि सभी दंगा पीड़ितों को पूरी मुआवजा राशि तत्काल मिल जाए, ताकि वे अपने सामान्य जीवन को पटरी पर ला सकें।"डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि हर एक घर की प्रत्येक मंजिल को एक स्वतंत्र आवासीय इकाई के रूप में माना जाएगा। प्रत्येक आवासीय इकाई को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।


अगर पूरे घर का नुक़सान हुआ है तो चार लाख रुपये घर के पुनर्निर्माण के लिए और एक लाख रुपये घरेलू सामान के लिए दिए जाएंगे।  घर को थोड़ा कम नुकसान होने की स्थिति में 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे जिसमें से दो लाख रुपये घर के पुनर्निर्माण के लिए तथा 50000 रुपये सामान के लिए होंगे। दंगों के दौरान नुकसान के शिकार स्कूलों (1000 से कम छात्रों वाले) को पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। 1000 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।


“हमने 4 और 5 मार्च, 2020 को पेरेंट टीचर मीटिंग भी की। यह पीटीएम उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित स्कूलों में आयोजित की गई। इनमें लगभग 55% अभिभावकों की महत्वपूर्ण भागीदारी हुई। ऐसी मीटिंग का उद्देश्य अभिभावकों के मन से डर खत्म करके उन्हें अपने बच्चों को फिर से स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना था।"  मनीष सिसोदिया ने ईदगाह कैम्प का भी दौरा करके दंगा प्रभावित परिवारों के साथ बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।


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