कोविद कथा: जागरूकता फैलाने के लिए एक मल्टीमीडिया गाइड

नयी दिल्ली - मल्टीमीडिया तकनीकों और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके, कोविद-19 के संबध में सामान्य जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लोगों को उपयुक्त ज्ञान और विश्वास के साथ महामारी को समझने और उससे निपटने में सहायता प्रदान करने के लिए एक इंटरैक्टिव इलेक्ट्रॉनिक गाइड को प्रस्तुत किया है।



दिलचस्प बात यह है कि देश भर में एक जन-समर्थित कोविद कथा अभियान की शुरुआत की गई है, और यह एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया का रूप ले रही है। कोविद कथा का मेघालय की खासी भाषा में अनुवाद किया जा रहा है; इसका तमिल संस्करण भी आ रहा है; लोग अपने आप ही इसके बंगाली और असमिया संस्करणों पर काम कर रहे हैं।


राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने डॉ. अनामिका रे मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से, कोविद-19 महामारी के संदर्भ में जन जागरूकता फैलाने के लिए सभी (ए-टू-जेड) महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाली लोकप्रिय मल्टीमीडिया गाइड का हिंदी संस्करण जारी किया है।


इसका अंग्रेजी संस्करण पहले ही इस महीने की शुरुआत में जारी किया जा चुका है। विशेष रूप से हिंदी पट्टी के लोगों की कोविद कथा के हिंदी संस्करण की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, कोविद कथा के हिंदी संस्करण को अतिरिक्त और संशोधित जानकारी के साथ लेकर जारी किया गया है, जिससे लोग इसका लाभ उठा सकें।


डीएसटी के सचिव, प्रो.आशुतोष शर्मा ने कोविद कथा की सराहना करते हुए कहा है कि आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आम आदमी की भाषा में विज्ञान की व्याख्या करना महत्वपूर्ण है और हिंदी व्यापक स्तर पर बोली जाने वाली भाषा है इसलिए कोविद कथा का हिंदी संस्करण बहुत ज्यादा महत्व रखता है। प्रो. शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक संदेश देने और स्वास्थ्य अवधारणाओं को साधारण तरीके से समझाते समय, विज्ञान कार्टून (साइंटून्स) में हास्य और मनोरंजन भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौरान लोग तनाव महसूस कर रहे हैं!


कोविद कथा में विभिन्न विज्ञान संचार उत्साहवर्धकों को प्रभावी रूप से विभिन्न प्रारूपों में एक साथ रखने का प्रयास किया जा रहा है, यानी कि फ्लिप संस्करण, एनिमेशन, वीडियो और अन्य प्रारूप। कई आधिकारिक एजेंसियां अपने सोशल मीडिया और अन्य जनसंचार अभियानों में कोविद कथा के विभिन्न तत्वों का भी उपयोग कर रही हैं, यानी कि क्या करें और क्या नहीं, साइंटून्स, प्रत्येक दिन एक वर्णमाला का उपयोग करके दैनिक जानकारी प्राप्त करना आदि। कोविद कथा के हिंदी और अन्य भाषाओं के संस्करणों के माध्यम से जागरूकता को जमीनी स्तर पर फैलाने में मदद मिलेगी।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले