मजदूरों के जोग से दुनिया बनी महान
दुनिया के हर काम को,देते सदा अंजाम। चाहे कोई कुछ कहे, लेते नहीं विराम ।
इनके ही सम्मान की बाते करते लोग। इनके नहीं नसीब में,जीवन को ले भोग।
कहीं तोड़े पत्थर तो, कही तोड़ते हार। लाल तरस नही खाये,अजब गजब ब्यवहार।
पल-पल करते चाकरी ,रोटी खातिर रोज। लाल जाने कब आये,जीवन में सुख भोग।
मजदूरों के जोग से दुनिया बनी महान। चाहे बात विनाश की या हो फिर निर्माण।
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