एमएसएमई के लिए भारत का पहला कोलेबोरेटिव रिसोर्स सेंटर ‘प्रगति’ शुरू

 नयी दिल्ली : भारत के प्रमुख ऑनलाइन लैंडिंग प्लेटफार्मों में से एक इंडिफी टेक्नोलॉजी ने हाल ही में ‘प्रगति’ के लॉन्च की घोषणा की है। यह एसएमई, छोटे कारोबारों और स्टार्ट-अप्स के लिए देश का पहला कोलेबोरेटिव रिसोर्स सेंटर होगा। सहयोगी और साझेदारी-आधारित नजरिये का लाभ उठाकर प्लेटफार्म का उद्देश्य कोविड-19 के बाद की अर्थव्यवस्था में रिवाइवल प्लान से जूझ रहे 15-20 मिलियन एसएमई को सशक्त बनाने के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय संसाधनों का एक पूल तैयार करना है।



अपने कर्जदारों के बीच हालिया सर्वेक्षण में इंडिफी ने पाया कि 90% खुले रेस्तरां और 80% रिटेल दुकानों को बिक्री में कम से कम 50% की गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा वर्ष 2020 के पहले दो महीनों में उन्होंने जो कुछ भी रजिस्टर किया था, उसमें 20% से भी कम बिक्री हो रही है। इस परिस्थिति ने कार्यशील पूंजी को भी प्रभावित किया है, लगभग 85% रिटेल स्टोर और वर्तमान में 70% रेस्तरां खुले हैं और उन्हें अपने सप्लायर्स से कम क्रेडिट मिल रहा है। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में 75% रेस्तरां और 55% रिटेल स्टोर नॉन-ऑपरेशनल थे।


इस पृष्ठभूमि में देशभर में ज्यादातर व्यवसाय कोविड-19 महामारी से तबाह हुई अर्थव्यवस्था से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए अपने मॉडल्स को पुनर्गठित करने के रास्ते तलाशते हुए नई वास्तविकता के अनुकूल होने का प्रयास कर रहे हैं। कैसे? व्यापार करने के नए चैनलों की पहचान कर, जोखिम और उनके उद्यम से जुड़े खर्चों का मूल्यांकन कर उसे और अधिक कुशल बनाने, और नवीनतम नीतियों को समझकर उनका लाभ उठाने के लिए वे प्रयासरत हैं।


इस दिशा में व्यवसायों द्वारा सक्रिय रूप से उठाए जाने वाले कुछ कदमों में ऑनलाइन प्रक्रिया स्थापित करना, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सामान बेचना और अन्य चीजों के साथ सप्लाई चेन का अनुकूलन शामिल है। हालांकि, निरंतरता और विकास की अपनी खोज में कारोबारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां स्पष्ट तौर पर आवश्यकता और उपलब्धता में अंतर है जिसका समाधान प्रस्तुत करना ही प्रगति का लक्ष्य है। इसके अलावा प्लेटफ़ॉर्म द्वारा सक्षम किया गया सपोर्ट सिस्टम सिनर्जिस्टिक है। छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप के अलावा प्रगति पार्टनर्स और कोलेबोरेटर्स को बड़े एमएसएमई तक पहुंचाकर लाभ उठाने के सक्षम कर लाभान्वित कर सकती है। उदाहरण के लिए, प्रगति के माध्यम से संबंधित सेवा प्रदान करने वाले प्लेटफार्म और रीसेल के विकल्प तलाश रहे छोटे व्यवसायी, दोनों एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं।


इंडिफी टेक्नोलॉजी के सीईओ और सह-संस्थापक आलोक मित्तल ने कहा, “इंडिफी में हमारे व्यवसाय का मुख्य आधार व्यवसायों को आगे बढ़ने में समर्थन प्रदान करना है। इस मिशन के एक हिस्से के तौर पर हमने सेक्टर-एग्नॉस्टिक, कोलेबोरेटिव, मल्टी-सर्विस रिसोर्स सेंटर के तौर पर ‘प्रगति’ का शुभारंभ किया है। हमारा लक्ष्य कारोबारियों को विश्वसनीय प्लेटफार्म के जरिये विभिन्न सेवा प्रदाताओं और सामग्री सुलभ करने के लिए विशेष प्रस्तावों के साथ सक्षम करना है जो उनके लिए पैसे और समय की बचत करेगा। हम उन पार्टनर्स को आमंत्रित करते हैं, जो इस सामूहिक लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ने के लिए एमएसएमई को प्रासंगिक उत्पाद और सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। बदले में भविष्य में ग्राहकों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। हम उन पार्टनर्स के साथ काम करने को तत्पर हैं जो एमएसएमई के अपने बेस के लिए प्रगति की सेवाएं देना चाहते हैं।”


उन्होंने कहा, “इस वैल्यू प्रपोजिशन को विशिष्ट रूप से आकर्षक यह बनाता है कि प्रगति प्लेटफार्म से सक्षम किया हुआ सपोर्ट सिस्टम निरंतरता और वृद्धि चाह रहे छोटे कारोबारियों और अपने कस्टमर-बेस को बढ़ाने की संभावनाएं तलाश रहे सर्विस प्रोवाइडर्स, दोनों को पारस्परिक रूप से लाभान्वित कर सकती है। उदाहरण के लिए, हमने अपने हालिया सर्वेक्षण में पाया कि हमारे 45% ग्राहक लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहे थे। यह एक ऐसी समस्या है जो प्रवासी मजदूरों के शहरों से दूर अपने गांवों में जाने से और बढ़ सकती है। यहां, एक मैनपॉवर मैनेजमेंट सर्विस प्रोवाइडर प्रगति का उपयोग कर सकता है और ऐसे उद्यमों की मदद कर सकता है जो स्टाफ की कमी का सामना कर रहे हैं।”


इंडिफी के वैल्यू प्रपोजिशन के विस्तार के तौर पर प्रगति का लॉन्च इंडिफी की सास-बेस्ड व्यापारों को सेवाएं देने के लिए सासबूमी के साथ और रेवेन्यू-बेस्ड फाइनेंसिंग के जरिये स्टार्ट-अप्स को सशक्त बनाने के लिए टीआईई दिल्ली-एनसीआर के साथ हालिया साझेदारी के बाद किया गया है। प्रगति के जरिये इंडिफी का लक्ष्य एसएमएमई इकोसिस्टम के सभी क्षेत्रों को कवर करना है। आगे जाकर प्रगति से और अधिक वित्तीय और गैर-वित्तीय उत्पादों को जोड़ा जाएगा ताकि न केवल मुख्य ऑफरिंग को विस्तार दिया जा सके, बल्कि उन उद्योगों को भी आकर्षित किया जा सके जिन्हें अब तक इस तरह की सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं


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