इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के ‘ईब्‍लडसर्विसेस’ मोबाइल ऐप से ब्लडयूनिट हासिल करना होगा आसान

नयी दिल्ली - एनएचक्‍यू ब्लड बैंक ने 2896 यूनिट रक्त एकत्र करने वाले 55 रक्तदान शिविर आयोजित किए। लॉकडाउन अवधि के दौरान कुल 5221 यूनिटरक्‍त एकत्र किया गया। 7113 रोगियों को रक्त जारी किया गया है, जिसमें 2923 थैलेसेमिया रोगियों के साथ-साथ सरकारी अस्पताल जैसे एम्स दिल्ली (378 यूनिट) और लेडी हार्डिंग (624 यूनिट) शामिल हैं। इसके अलावा, आईआरसीएसने 3,00,00,000 से अधिक पका हुआ भोजन बांटा हैऔर 11,00,000 से अधिक परिवारों को राशन प्रदान किया है



केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईसीआरएस) द्वारा विकसित मोबाइल ऐप ‘ईब्‍लडसर्विसेस’ की शुरूआत की। 


इस एप्‍लीकेशन को डिजिटल इंडिया योजना के अंतर्गत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडैक) की ई-रक्तकोष टीम ने विकसित किया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,“ यह रक्तदान ऐप इस बात का एक प्रमुख उदाहरण है कि डिजिटल इंडिया योजना किस प्रकार रक्त सेवाओं तक पहुँचने की आवश्यकता को पूरा कर रही है।” उन्होंने कहा कि "कई लोगों को परिवार में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कुछ परिस्थितियां होने के कारण नियमित रूप से रक्त संबंधी सेवाओं की आवश्यकता होती है। इस ऐप के माध्यम से, एक समय में चार यूनिट रक्त की मांग की जा सकती है और ब्लड बैंक इसे ले जाने के लिए व्‍यक्ति का 12 घंटे तक इंतजार करेगा। यह एप्‍लीकेशन ऐसे लोगों के लिए आईआरसीएस एनएचक्‍यू रक्त यूनिटोंका अनुरोध करना आसान बनाता है। "उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश इस तरह की महामारी का सामना कर रहा है, मोबाइल ऐप उन सभी लोगों को सहायता प्रदान करेगा, जिन्हें रक्त की सीधे आवश्यकता है।


ऐप के माध्यम से एक बार अनुरोध करने के बाद, मांगी गई इकाइयां आईआरसीएस, एनएचक्यू ब्लड बैंक के ई-रक्‍तकोष डैशबोर्ड में दिखाई देती हैं और यह निर्दिष्ट समय के भीतर सुनिश्चित डिलीवरी की अनुमति देता है। इस सुविधा से रक्त की मांग करने वाले के लिए रक्त प्राप्त करना आसान हो जाएगा और सेवा में पूर्ण पारदर्शिता और एकल खिड़की के उपयोग का अतिरिक्त लाभ होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने स्‍वेच्‍छा से रक्‍तदान करने वाले उन सभी लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने वर्तमानकोविड-19 के प्रकोप के दौरान रक्तदान किया। रेड क्रॉस ने स्वैच्छिक रक्तदाताओं को या तो परिवहन प्रदान करके या रक्त संग्रह करने वाली मोबाइल वैन में रक्तदान करने की सुविधा प्रदान की।


लोगों को स्वैच्छिक रक्तदाता बनने का आग्रह करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान 65 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति द्वारा एक वर्ष में चार बार किया जा सकता है। “नियमित रक्तदान से मोटापा, हृदय संबंधी समस्याओं और कई अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है। इतना ही नहीं, रक्तदान भी एक आध्यात्मिक मार्ग है जिसके द्वारा मानव जाति की सेवा की जा सकती है।” आईआरसीएसके प्रयासों की सराहना करते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "आईआरसीएस कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से रक्त दाताओं के लिए रक्तदान शिविरों का आयोजन करके, रक्तदाताओं को पास जारी करके सुरक्षित रक्त की पर्याप्त रक्त आपूर्ति बनाए रखने मेंसरकार के साथ प्रमुख भूमिका निभा रहा है।" देश भर में सभी 89 आईआरसीएस ब्लड बैंकों और 1100 शाखाओं ने लॉकडाउन अवधि के दौरान आयोजित किए गए लगभग 2000 रक्तदान शिविरों और घर में किए गए रक्‍तदान के माध्यम से 1,00,000 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र किया है। इसके अलावा, एनएचक्यू ब्लड बैंक के साथ पंजीकृत 38,000 से अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं से संपर्क किया गया है और उन्‍हें रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया है।


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