फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा की 12वीं पुण्य तिथि पर पुष्पांजलि अर्पण समारोह आयोजित

नयी दिल्ली - फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, एमसी की 12वीं पुण्य तिथि मनाने के लिए डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन द्वारा  पारसी जोरोस्ट्रियन सीमेट्री, उधगमंडलम द्वारा पुष्पांजलि अर्पण समारोह आयोजित किया गया। तीनों सेनाओं की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल वाईवीके मोहन, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, कमांडेंट डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन द्वारा स्थानीय पारसी समुदाय की उपस्थिति के बीच सम्मानित सैनिक को उनकी अंतिम विदाई के स्थल पर माल्यार्पण किया गया।



फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा का जन्म 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर में हुआ था। उनका चार दशकों का शानदार सैन्य कैरियर रहा। द्वितीय विश्व युद्ध में, एक युवा कैप्टन के रूप में उन्होंने बर्मा में युद्ध में भाग लिया और गंभीर रूप से घायल हो गए। शत्रु के समक्ष दिखाई गई अतुलनीय बहादुरी के लिए उन्हें 1942 में मिलट्री क्रॉस से सम्मानित किया गया। 1946-47 के दौरान फील्ड मार्शल मानेकशा की नियुक्ति सैन्य प्रचालन निदेशालय में हुई और वहां उन्होंने विभाजन से संबंधित विभिन्न मुद्दों के योजना निर्माण तथा प्रशासन और बाद में जम्मू एवं कश्मीर में सैन्य प्रचालनों की देखरेख की। 1962 के ऑपरेशन के दौरान एक कोर कमांडर के रूप में, उन्होंने विशिष्ट नेतृत्व का परिचय दिया और सकारात्मक रूप से ऑपरेशन का संचालन किया। वह इन्फैंट्री स्कूल, महू तथा डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन के कमांडेंट भी रहे। उन्हें 1968 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।


फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा ने 08 जनवरी 1969 को सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला। उन्होंने 1971 की लड़ाई में सफलतापूर्वक संचालन किया और भारत को उसकी महानतम विजय दिलाई जिसका परिणाम 13 दिनों की अल्प अवधि के भीतर ही बांग्ला देश की आजादी के रूप में सामने आया। उन्हें 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जनरल ऑफिसर द्वारा सशस्त्र बलों एवं राष्ट्र को उनके असाधारण योगदान के सम्मान में उन्हें 15 जनवरी 1973 को फील्ड मार्शल के रैंक पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने 27 जून 2008 को अंतिम सांस लीं।


फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा सक्रिय सेवा के बाद वेलिंगटन में बस गए थे। इस जगह से उनका जुड़ाव उस वक्त से था जब वह डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के कमांडेंट थे। उनका नीलगिरि से विशेष लगाव था और स्थानीय लोग भी उनसे बहुत प्रेम करते थे। स्थानीय लोगों के साथ फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशा के घनिष्ठ लगाव की याद में, डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज द्वारा स्थानीय एनजीओ के जरिये जरुरतमंदों को अनिवार्य वस्तु उपलब्ध कराये जाने के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई गई। अदम्य नैतिक साहस और नेतृत्व के अनुकरणीय गुणों वाले व्यक्ति के रूप में उनके जीवन को सशस्त्र बलों एवं राष्ट्र के लिए सदा एक प्रेरणा स्रोत के रूप में याद किया जाएगा।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले