स्कूल दोबारा खुलने के बाद भी एक-तिहाई छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी

नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म ब्रेनली ने अनलॉक 1.0 के दौरान एक सर्वेक्षण किया चूंकि, सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में शिथिलता बढ़ाई है, कई भारतीय स्कूल विभिन्न मॉडलों के जरिये जल्द ही फिर से शुरू होने को तैयार हो रहे हैं। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य बड़े शहरों के 2636 व्यक्तियों की सक्रियता और भागीदारी देखना था। इस रिपोर्ट ने कोरोना के बाद की दुनिया में ऑनलाइन लर्निंग के भविष्य में दिलचस्प और उत्साहजनक जानकारी साझा की।



जो जवाब मिले हैं, उनमें महामारी के बढ़ते पॉजीटिव केस की संख्या को लेकर डर ज्यादा दिखाई दिया। इस वजह से स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में पूछे जाने पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखी गई। केवल 38.7% छात्रों ने कहा कि वे लॉकडाउन के खत्म होने पर खुलते ही स्कूल जाने को तैयार हैं, जबकि 34% छात्रों ने कहा कि वे अभी भी स्कूल जाने से बचेंगे और इसके लिए कोई वादा नहीं कर सकते।


ब्रेनली के अधिकांश यूजर्स (55.2%) ने लॉकडाउन के बीच वर्चुअल क्लासेस का लुत्फ उठाया। एकतिहाई से अधिक प्रतिभागी ऑनलाइन लर्निंग को तत्पर हैं। 42.5% ने बताया कि स्कूल फिर से खुलने के बाद भी वे ऑनलाइन लर्निंग जारी रखेंगे, जबकि एक तिहाई से कम यानी 28.7% छात्रों ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया हैं और अभी भी एक विकल्प के रूप में ऑनलाइन लर्निंग पर विचार कर रहे हैं ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म इस समय लर्निंग के एक तरीके के रूप में छात्रों के बीच लोकप्रियता पा रहे हैं क्योंकि एक क्लिक में कई संसाधनों तक पहुंच को आसान बनाते हैं।


एक सुरक्षित और सोशल डिस्टेंसिंग आधारित इकोसिस्टम की जरूरत ने इस बदलाव को अधिक प्रेरित किया है। ब्रेनली के अनुसार 53.3% छात्र स्कूलों के फिर शुरू होने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा दोनों का मिश्रण पसंद करते हैं। हालांकि, 27.7% हाइब्रिड लर्निंग मॉडल नहीं चाहते हैं जबकि 19% के लिए तय करना फिलहाल बाकी है।


ऑनलाइन लर्निंग तेजी से छात्रों और उनके माता-पिता के लिए लर्निंग के सुलभ और विश्वसनीय स्रोत के रूप में उभर रहा है। हालांकि, बड़ी आबादी वाले देश के रूप में दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क से जुड़े मुद्दे और इंटरनेट की असमान पैठ कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। जब सभी संगठन डब्ल्यूएफएच नीतियों को अपना रहे हैं और उसमें नेटवर्क से जुड़े बुनियादी ढांचे को महत्व दे रहे हैं तो यह स्पष्ट भी होता है। 38.7% ब्रेनली छात्रों ने स्वीकार किया कि दूर रहकर स्कूली शिक्षा प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना होता है, जबकि 34.9% को इसमें कोई समस्या नजर नहीं आई और उनके लिए ऑनलाइन लर्निंग एक अच्छा अनुभव रहा।


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले