सिलाई करके बेटे को भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में अधिकारी बनाया, बेटा ड्यूटी से लापता

बलरामपुर - उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर के भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) अधिकारी सुबहान अली का लद्दाख के लेह में बॉर्डर ऑर्गनाइजेशन रोड पर पोस्टेड थे।लॉकडाउन में कारगिल क्षेत्र के द्रास के मीना मार्ग में बने क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी लगी थी।सुबहान अली के घर वालों को सेना के अधिकारी यूनिट कमांडर मनोज जैन ने 23 जून को सुबह 9 बजे फ़ोन पर सूचना देते है कि द्रास मीना मार्ग के क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण करके 22 जून को लौट रहे थे कि उनकी जिप्सी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई।सेना के अधिकारियों ने सुभान की जिप्सी तो तलाश कर-ली है लेकिन अभी तक अधिकारी सुबहान अली और ड्राइवर पलविंदर सिंह का पता नहीं चला है। 




सुबहान अली के पिता रमजान अली ने कई गंभीर सवाल उड़ाते हुए, दुर्घटना और लापता को संदिग्ध बताया।उन्होंने कहा कि  सुबहान और उनके ड्राइवर पलविंदर सिंह की लास्ट लोकेशन फ़ास्ट-फ़ूड पॉइंट जंहा पर चाउमीन खाए थे वंहा पर दिखा रहा है।जोकि फ़ूड पॉइंट दुर्घटना स्थल से दूरी पर है। सुबहान की जिप्सी का खाई में गिरना संदिग्ध के घेरे में है क्योंकि जैसे बताया गया है कि वापस लौड़ते हुए जिप्सी अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई लेकिन जिधर से जा रहे थे।उसके दूसरे तरफ खाई में जिप्सी कैसे गिर सकती है? दुर्घटना स्थल पर न ब्रेक का और न ही कोई गाड़ी का निशान है। कैसे जिप्सी खाई में बाएं तरफ से दाएं तरफ गिरी कोई पता नहीं?


जिस खाई में जिप्सी गिरने का बताया गया है उस खाई कि गहराई 30-40 फिट होगी और जो नदी बह रही है उसकी गहराई 4 फिट होगा।उस खाई में कैसे कोई लापता हो सकता है? सुबहान से घर वालों की आखरी बार जब बात हुई थी तो वो फास्टफूड पॉइंट पर चाऊमीन खा रहे थे।उस वक्त किसी से बहस बहस हो रही थी।उसके बाद से ही सुबहान का फ़ोन नही लगा। सुबहान अली को एक दिन बाद ही रोड कंस्ट्रक्शन की जिम्मेदारी मिलनी थी।उसी के एक दिन पहले लापता हो जाना शक के घेरे में लाता है। सुबहान का फोन न लगने पर उनके बड़े भाई शाबान ने सेना के कई अधिकारियों से बात की लेकिन उन्होंने मामले को संज्ञान में नहीं लिया।घटना के दूसरे दिन सुबह जब दुबारा सेना अधिकारी को फोन लगाया गया तो उन्होंने बताया कि हमारी बात हुई है वो ठीक है।उसके तीन घण्टे के बाद ही फोन आता है कि उनकी जिप्सी खाई में गिरने के बाद से कल ही से लापता है।


सुबहान अली के बड़े भाई शाबान अली ने बताया कि 22 जून घटना के दिन कई बार फोन लगाया नहीं लगने के बाद सेना के अधिकारी ऑफिसर इन कमांड बी.किशन और कमांडर मनोज जैन से बात की लेकिन उन्होंने हल्के में लिया और कोई पता नहीं लगाया।23 जून को सुबह 6 बजे दुबारा ओसी को फ़ोन लगाया तो उन्होंने कहा हमारी बात हुई है वो वंहा ठीक हैं।उसके बाद 9 बजे सुबह ही कमांडर मनोज जैन फोन करके बताते है कि सुबहान की जिप्सी 22 जून को 3 बजे खाई में गिर गई।उसके बाद से ही सुबहान और उनके ड्राइवर पलविंदर सिंह का कोई पता नहीं है।


उन्होंने कहा कि में घटना स्थल पर गया, देखा कि वंहा पर नाम मात्र के लिए सुबहान को सर्च किया जा रहा था।एनडीआरएफ की टीम ऊपर-ऊपर से ही सर्च कर रही थी जब उनको पानी में जाकर ढूंढने के लिए कहा गया तो उनके तरफ से गैर-जिम्मेदाराना जवाब आया कि पानी बहुत ठंढा है।हम उसमें नहीं जा सकते हैं। इस तरह से एक आईईएस अधिकारी के जो देश के लिए सेवा कर रहा था उसके साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है।


लद्दाख के रक्षा मंत्रालय में इंजीनियरिंग के पद पर तैनात रहे सुबहान अली के पिता कपड़ा सिलने का काम करते हैं। उन्होंने अपना पेट काटकर बेटे को भारतीय इंजीनियरिंग सेवा की परीक्षा की तैयारी कराई। किसी चीज की कमी नहीं होने दी। बेटा पिता के संघर्ष की कसौटी पर सौ फीसदी खरा उतरा। उसने आईइएस की परीक्षा में 24 रैंक हासिल कर पिता के सपनों को साकार किया था।


भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी सुबहान अली बलरामपुर जिले के कौवापुर कस्बा क्षेत्र के जयनगरा गांव के निवासी हैं। सुभान की शुरुआती शिक्षा जिले के रमईडीह किसान आदर्श विद्या मंदिर से हुई थी।उसके बाद नवोदय, बलरामपुर से हाइस्कूल और इंटरमीडिएट में जिला टोपर रहे।इंटरमीडिएट के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग किया।सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद शुरुआती दौर में दिल्ली विकास प्राधिकरण में सिविल इंजीनियर के पद पर नौकरी की।जयनगरा गांव निवासी रमजान अली के 28 वर्षीय पुत्र सुबहान अली ने 2019 में संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 24वें रैंक उत्तीर्ण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया था। छः माह पूर्व जनवरी 2020 में उनकी तैनाती रक्षा मंत्रालय में सिविल इंजीनियर पद पर लद्दाख में हुई थी। 


बड़े भाई शाबान अली ने बताया की जुलाई माह में आईइएस सुभान की शादी की तारीख तय थी। घर में शादी की तैयारियां हो रही थीं। भाई शाबान ने बताया कि इसके पहले अप्रैल में उनके शादी की तारीख तय थी लेकिन लॉकडाउन के कारण शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी थी। सुबहान अली 22 जून से लापता है अभी तक कोई सुराग़ नहीं लग पाया है। मां की तबियत गंभीर रूप से खराब है, बेटे के सदमें में गिरने से उनके हाथ टूट गए हैं। घर में भाई - बहन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।पिता टूट गए हैं उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को देश की सेवा के लिए भेजे थे दो हफ्ते से ज्यादा दिन हो गया मेरे बच्चे का कोई पता नहीं।मुझे मेरा बेटा ज़िंदा चाहिए।


पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल और IES अधिकारी सुबहान अली के परिजनों ने लापता होने पर मांग की...इस मामले को भारतीय सरकार और रक्षा मंत्रालय अपने संज्ञान में ले और जल्दी IES अधिकारी सुबहान अली और ड्राइवर पलविंदर सिंह का पता लगाए। दुर्घटना की पुनः जांच हो इसकी तह तक पता किया जाए। सुबहान अली और पलविंदर सिंह के मोबाइल लाइव लोकेशन निकाला जाए।सुबहान अली का फ़ोन न लगने बाद सीनियर सेना अधिकारियों का लापरवाही करना और मामले को संज्ञान में न लेना का भी मामला संज्ञान में लिया जाए। पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल में मौजूद शाहरुख अहमद, अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी, अफ़रोज़ सिद्दीकी और मुख्तार काजी मौजूद रहे।


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