भारतीय भाषा परिषद के नवीकृत पुस्तकालय नई पीढ़ी की रुचियों के अनुरूप

पुस्तक पढ़ने की आदत वह सर्वोत्तम उपहार है । परिषद पुस्तकालय का आधुनिकीकरण अभी एक शुरुआत है। पुस्तकालय में पढ़ने के साथ कॉफी शॉप और संवाद कक्ष भी बनाया है। इसे नई पीढ़ी की रुचियों के अनुरूप ढालना चाहेंगे।  



कोलकाता : कोरोना काल में देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था भारतीय भाषा परिषद के पुस्तकालय को युवा पीढ़ी की जरूरत और रुचि के अनुरूप आधुनिक रूप दे दिया गया है।अब 20,000 से अधिक पुस्तकों के भंडार के साथ यह वातानुकूलित पुस्तकालय पाठकों को कई नई सुविधाएं देने जा रहा है। पुस्तकालय का भव्य नवीनीकरण अनन्य पुस्तक प्रेमी और समाजसेवी श्री प्रदीप चोपड़ा की परिषद के प्रति अथाह श्रद्धा और परिश्रम का नतीजा है।


परिषद की अध्यक्ष डॉ कुसुम खेमानी ने ऑनलाइन पर तथा सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक और परिषद के निदेशक डॉ शंभुनाथ ने प्रत्यक्षत: संयुक्त रूप से शिक्षक दिवस पर परिषद के नवीनीकृत पुस्तकालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ कुसुम खेमानी ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिषद पुस्तकालय अब कॉलेज-विश्वविद्यालय के युवाओं के आकर्षण का केंद्र होगा। डॉ शंभुनाथ ने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि प्रदीप चोपड़ा का यह सराहनीय प्रयास पुस्तक संस्कृति को एक नई ऊंचाई देगा। परिषद युवाओं का साहित्यिक तीर्थ बनेगी। शिक्षक दिवस पर पुस्तकालय का नवारंभ शिक्षा से जुड़े सभी व्यक्तियों के प्रति सम्मान का चिन्ह है।


परिषद के उपाध्यक्ष तथा परिषद पुस्तकालय में नए युग के आह्वायक प्रदीप चोपड़ा ने कहा कि पुस्तक पढ़ने की आदत वह सर्वोत्तम उपहार है जो हम अपने आप को दे सकते हैं। परिषद पुस्तकालय का आधुनिकीकरण अभी एक शुरुआत है। हमने पुस्तकालय में पढ़ने के साथ कॉफी शॉप और संवाद कक्ष भी बनाया है। हम इसे नई पीढ़ी की रुचियों के अनुरूप ढालना चाहेंगे ताकि वे अच्छा साहित्य पढ़कर अपने को विकसित करें। इसके अलावा हम देश विदेश के पाठकों के लिए पुस्तकें डिजिटल रूप में निशुल्क सुलभ करने की योजना बना रहे हैं।


 भारतीय भाषा परिषद पिछले 45 सालों से भारतीय भाषाओं के बीच सेतु बंधन का काम कर रही है। इसके लिए मासिक पत्रिका 'वागर्थ' का प्रकाशन होता है जो हिंदी की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओं में एक है। परिषद बारी-बारी से चार भारतीय भाषाओं के वरिष्ठ साहित्यकारों को हर साल एक- एक लाख रुपये का पुरस्कार देती है। इसके साथ चार युवा साहित्यकार भी सम्मानित होते हैं। हाल में परिषद ने डॉ शंभुनाथ के प्रधान संपादन में सात खंडों में लगभग 5000 पृष्ठों का हिंदी साहित्य ज्ञानकोश का गरिमामय प्रकाशन किया जो हिंदी में इधर 50 सालों के भीतर सबसे बड़ी घटना है।


उद्घाटन समारोह का संचालन परिषद के मंत्री केयुर मजमुदार ने किया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित ताजा टीवी के संचालक विश्वंभर नेवर ने मुख्य अतिथि के रूप में इस नए अभियान के लिए परिषद की सराहना की और कहा कि पढ़ने की संस्कृति को फिर से लोकप्रिय बनाना है। घनश्याम सुगला, अमित मूंधड़ा,  प्रोफेसर संजय जायसवाल, विनोद यादव इत्यादि। धन्यवाद परिषद के वित्त मंत्री घनश्याम सुगला ने दिया।


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