ट्रक मालिक आमतौर पर ठगों के आसान लक्ष्य बन जाते हैं

ट्रक मालिक नयी तकनीक के उपयोग के साथ अपने व्यवसाय की सुरक्षा कर रहे हैं। सेंसर और सॉफ्टवेयर्स के क्षेत्र में नवाचार भारत में परिवहन के सुनहरे युग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। कई स्टार्टअप हैं जो ट्रक मालिक की विभिन्न समस्याओं को हल करने पर काम कर रहे हैं। गुड़गाँव का  WheelsEye   भी ऐसा ही एक युवा स्टार्टअप है जो लाखों ट्रक मालिकों को प्रौद्योगिकी अपनाने, लाभप्रदता और व्यावसायिक सुरक्षा बढ़ाने में मदद कर रहा है।



नयी दिल्ली : यदि आप एक ट्रक मालिक हैं, तो आपको मेहनत की कमाई खोने का खतरा हो सकता है। 2020 लगभग जा ही चुका है, तकनीक तेज़ी से विकसित हो रही है, और ठगी करने वाले पहले से कहीं अधिक सक्रिय एवं शक्तिशाली हैं। अक्सर मामूली शिक्षा और कम सूचित समुदायों से आने वाले ट्रक मालिक आमतौर पर ठगों के आसान लक्ष्य बन जाते हैं। नकली ट्रांसपोर्टर्स, चोरों से लेकर बहुरूपियों तक बहुत सारे स्कैमर हैं जो निर्दोष और अनजान ट्रक मालिकों का शिकार करते हैं।


हाल ही में हुई एक घटना के बारे में, गुरुग्राम से एक ट्रक मालिक बुलंद सिंह बताते हैं कि कैसे एक व्यक्ति ने ट्रांसपोर्टर होने का दावा करते हुए उससे 15,000 रुपये की ठगी की थी। इस व्यक्ति ने ट्रांसपोर्टरों के एक फेसबुक ग्रुप के माध्यम से उनसे संपर्क किया। इस तरह के फेसबुक ग्रुप आजकल आम हैं। एक ट्रक मालिक आमतौर पर कम से कम 8-10 ऐसे फेसबुक ग्रुप का हिस्सा होता है। ठग ट्रांसपोर्टर होने का दावा करता है और चक्कर लगाने के लिए आकर्षक भाड़ा दिखता है। सौदा फेसबुक / बिना मिले फ़ोन पर ही तय होता है। लेकिन जब ट्रक लोडिंग गंतव्य तक पहुँचता है, तो ड्राइवर से नकद और डीज़ल लूट लिया जाता है । यदि लूट शुरुआत में नहीं होती तो वह होता है जो बुलंद सिंह के साथ हुआ। फेसबुक या व्हाट्सऐप से किये सौदों में ट्रक मालिकों को कई बार 10% शेष राशि का भुगतान नहीं किया जाता है और ठग बस गायब हो जाता है।


ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि बुलंद सिंह के पास उस व्यक्ति के नकली या असली होने का पता लगाने का कोई तरीका नहीं था। इस तरह के धोखाधड़ी को बढ़ावा देने में सेक्टर का बिखरा हुआ होना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहुत कम परिवहन कंपनियां और मालिक संस्थागत तरीके से काम करते हैं। आधिकारिक ईमेल आईडी और पक्का कागज़ी काम का उपयोग कम ही किया जाता है। अधिकांश कार्य प्रबंधन आमतौर पर सामान्य ईमेल आईडी या व्हाट्सऐप के माध्यम से होता है। कई ट्रक मालिक आधुनिक ट्रक स्टार्टप्स के साथ जुड़ रहे हैं। पारदर्शिता के साथ काम करके उचित भाड़ा व् रिटर्न लोड सुनिश्चित किया जा सकता है। तमाम पारम्परिक परिवहन कंपनियां भी प्रौद्योगिकी में बड़ा निवेश कर रही हैं, ताकि ट्रक मालिकों को पारदर्शी  सुविधाएँ देकर व्यापार बढ़ाया जा सके।


दिलचस्प बात यह है कि प्रौद्योगिकी सबसे अप्रत्याशित स्थानों में ट्रक मालिकों को सक्षम बना रही है। हिमाचल प्रदेश से WheelsEye  के सेल्स प्रतिनिधि संजीव कुमार बताते हैं कि कैसे प्रौद्योगिकी हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में ट्रक चालकों की मदद कर रही है। “आमतौर पर भारत में पहाड़ के लोग अभी भी 2G और छोटे फोन इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब ट्रक मालिकों और ट्रक प्रबंधन की बात आती है, तो वे बड़े शहरों में अपने समकक्षों की तरह प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। ” संजीव बताते हैं


वह आगे कहते हैं, “जब मैंने इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया, तो मुझे लगा कि ट्रक मालिकों को ट्रक प्रबंधन तकनीक खरीदने के लिए राजी करना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन ट्रक सुरक्षा, चोरी-रोधी तकनीक और सुरक्षित डिजिटल भुगतान पर ध्यान केंद्रित करके, मैं मेट्रो शहरों के बराबर सेल्स करने में सक्षम रहा हूं। बाजार की प्रतिक्रिया ट्रक मालिकों को सक्षम करने की स्पष्ट आवश्यकता दर्शाती है। ”


“WheelsEye  ने जीपीएस के साथ-साथ विभिन्न प्रौद्योगिकी सेवाओं जोड़कर जीपीएस तकनीक को बदल कर रख दिया है। ट्रक मालिक अब केवल ट्रक पर नज़र रखने तक सीमित नहीं हैं। व्यवसाय संचालन के वास्तविक समय दृश्यता के साथ, ट्रक मालिक तत्काल एवं नाप तौल कर निर्णय ले सकते हैं। वे अपने व्यावसायिक लक्ष्यों की योजना भी बना सकते हैं और पारदर्शिता के साथ इसका पीछा कर सकते हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह 2G पर चलता है”  उत्तरी राज्यों के वरिष्ठ सेल्स अधिकारी मोहित सैनी बताते हैं


एक अलग घटना में, मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित एक ट्रक मालिक गौरव त्रिवेदी WheelsEye  की मदद से महज 60 मिनट में अपने चोरी हुए ट्रक को बरामद करने में सफल रहे। उन्होंने अपने WheelsEye ऐप पर ट्रक की संदिग्ध गति विधि देखी और ट्रक चालक से संपर्क किया। तब पता चला कि ट्रक चोरी हो गया था। उनके ट्रक चालक को रतहारा, रीवा में एक व्यक्ति ने संपर्क किया और कहा कि ट्रक के मालिक गौरव ने तत्काल डिलीवरी के लिए ट्रक मंगाया है। बात पर विश्वास करके भोले से ड्राइवर ने चाबी चोर को थमा दी।


आखिरकार, ड्राइवर से संपर्क करने के बाद, यह गौरव को स्पष्ट हो गया कि ट्रक चोरी हो गया था।  इसलिए, उन्होंने अपने WheelsEye  ऐप से ट्रक के इग्निशन को बंद कर दिया और निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित किया। आखिरकार, चोर पकड़ा गया और ट्रक बरामद हुआ। आखिर में गौरव त्रिवेदी ने राहत की सांस ली। गौरव की तरह, अनगिनत ट्रक मालिकों ने WheelsEye  ऐप की मदद से ट्रक चोरी को रोक दिया है और चोरी हुए ट्रकों को बरामद किया है।


ट्रकिंग उद्योग में सुरक्षित डिजिटल भुगतानों को अपनाने और महत्व पर बोलते हुए, व्हील्सई के प्रवक्ता, सोनेश जैन ने साझा किया कि “हाल ही में WheelsEye  के नाम पर पैसे मांगने की कुछ शिकायतें सामने आयी हैं। मजबूत प्रणालियों के चलते, हमने तेजी से उन पर काम किया और तुरंत उसका समाधान किया। इससे हमें ग्राहकों के साथ अधिक विश्वास बनाने में मदद मिली। अब हर बार जब कोई ट्रक मालिक WheelsEye  ऐप पर ख़रीददारी के लिए पैसा खर्च करता है, तो वह अधिक आश्वस्त महसूस करता है, और अंततः खुश होता है। ”


स्वाभाविक तौर से, ट्रक मालिक होने के नाते आप कई सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ काम करेंगे, और कितना भी बच लें, ठग मीठी बात के बहाने, घोटाला करने की कोशिश करेंगे। लेकिन सुचारु जानकारी, टेलीमैटिक्स तकनीक का ट्रक प्रबंधन में गहन उपयोग के साथ आप ठगी को ठप्प कर सकते हैं। तकनीक की सहायता से ट्रक मालिक अब पहले से कहीं अधिक सक्षम हैं। WheelsEye जैसे स्टार्टअप की मदद से, वे अपने व्यवसाय को सुरक्षित और विकसित कर रहे हैं।


 


 


 


 


 


 


 


 


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