भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान,रोपड़ स्थाई कैंपस परिसर किया गया देश को समर्पित

आईआईटी.रोपड़ संस्था अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ 1.37 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माणी गई है और इस में 2324 छात्र, 170 फेकल्टी मैंबर और 118 स्टाफ सदस्यों के लिए रिहायश, शानदार प्रवेश द्वार, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, खेल सुविधाओं और अन्य सह पाठ्यक्रम गतिविधियों के लिए खुले स्थान के साथ-साथ विद्यार्थियों के होस्टलों के माडरन डिज़ायनों के साथ यह शानदार संस्थान है।



रोपड़ : केंद्रीय शिक्षा मंत्री  रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आई.आई.टी रोपड़ के स्थाई कैंपस को देश को समर्पित कर दिया। उद्घाटन समारोह आनलाइन मोड के द्वारा राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, संजय धोत्रे की हाजि़री में हुआ। इस मौके अमित खरे, सचिव, उच्च शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, आई. आई. टी. रोपड़ के डायरैक्टर प्रोफैसर सरित कुमार दास और आई. आई. टी रोपड़ के रजिस्ट्रार रविन्द्र कुमार और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।


भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड़ की स्थापना 2008 में हुई थी और यह शानदार कैंपस सतलुज नदी के किनारे पर स्थित है। कैंपस 500 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। संस्थान के स्थाई कैंपस के लिए ज़मीन 2008 मेें सुपुर्द की गई थी और निर्माण कार्य 15 जनवरी 2015 को आरंभ्भ हुए थे, जिस उपरांत संस्थान का कार्य 2017 में अत्याधुनिक इमारतें और प्रयोगशालाओं के साथ लैस स्थाई कैंपस में तबदील कर दिया गया था। आई.आई.टी.रोपड़ संस्था अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ 1.37 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माणी गई है और इस में 2324 छात्र, 170 फेकल्टी मैंबर और 118 स्टाफ सदस्यों के लिए रिहायश, शानदार प्रवेश द्वार, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, खेल सुविधाओं और अन्य सह पाठ्यक्रम गतिविधियों के लिए खुले स्थान के साथ-साथ विद्यार्थियों के होस्टलों के माडरन डिज़ायनों के साथ यह शानदार संस्थान है। बताने योग्य है कि यह संस्थान साल 2021 तक 2.32 लाख वर्ग मीटर निर्माण पूरा करने की दिशा में कार्यशील है जिससे 2500 छात्रों, 220 फेकल्टी सदस्यों और 250 स्टाफ सदस्यों के लिए रिहायश उपलब्ध हो सके।


7 अकादमिक विभागों के लिए 4.76 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एक सुपर अकादमिक ब्लाक बनाया जा रहा है। हमारा कैंपस जीरो पानी डिस्चार्ज के साथ ग्रीन कैंपस है। 800 व्यक्तियों के बैठने की सामथ्र्य वाली सैंट्रल पुस्तकालय और आडीटोरियम 2020 की सर्दियों तक तैयार हो जायेगा। आई.आई.टी. रोपड़ ने 2017 में एक नया नावल और विलक्षण पाठ्यक्रम पेश किया जिसमें मानवता, सामाजिक सामग्री और प्रोजैक्ट-आधारित प्रशिक्षण के मजबूत आधार के साथ, शिक्षा देने के लिए अंतर-अनुशासनी पहुंच पर जंोर दिया गया था।  नये बने स्थाई कैंपस का आनलाइन मोड के द्वारा उद्घाटन किया और कैंपस की वीडियो के द्वारा इस की अलग-अलग इमारतें और प्रयोगशालाओं की पूरी झलक ली और जानकारी प्राप्त की।


 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आईआईटी रोपड़ के समूह भाईचारे को बधाई दी और विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं की प्रशंसा करते कहा कि वह देश को विश्व स्तर पर एक मज़बूत और जीवंत राष्ट्र्र में बदलने की तरफ कदम उठाएं। नवीनता और शोध पर निरंतर ध्यान केंद्रित करके आई. आई. टी रोपड़ की तरफ से ‘मेक इन इंडिया’ पहल कदमी की तरफ किए गए प्रयासों की प्रशंसा की।


आई. आई. टी रोपड़ के निर्देशक प्रोफैसर सरित कुमार दास ने संस्थान की एक दशक की सफलता की कहानी को हाज़रीनों और मुख्य मेहमान के साथ सांझा किया, जो कैंपस मास्टर पलान की एक ज़रूरी विशेषता रही है। उन्होंने ग्रीन कैंपस का एक वीडियो भी सांझा किया, जिसमें सौर ऊर्जा, वातावरण के अनुकूल लघुकरण विकल्प, कुशल जल प्रबंधन, साफ अवशेष प्रबंधन तकनीकें, शून्य डिस्चार्ज और कई अन्य उपायों सहित अलग-अलग स्थिरता सुविधाओं पर काफी जोर दिया गया है। आई. आई. टी रोपड़ कैंपस ने कैंपस मास्टर पलान के लिए इंटीगरेटड हैबीटेट असेसमेंट फार लार्ज डिवैल्पमैंट (गरीहा एल डी) के लिए 5-स्टार ग्रीन रेटिंग प्राप्त की है।


संस्थान ने रैंकिंग में भरपूर प्रशंसा हासिल की है और शुरू से ही खोज और विकास में सक्रियता के साथ जुड़े हुए हैं। संस्थान ने कोविड -19 संकट के साथ निपटने के लिए अलग-अलग टैकनॉलॉजी आधारित उपाय विकसित किये हैं और इनको बड़े स्तर पर समाज के साथ सांझा किया है। मंत्री जी ने आई. आई. टी रोपड़ में विक्सित कुछ प्रौद्योगिकियों जो कि कोविड-19 संकट दौरान ईजाद हुई थीं, को देश को समर्पित किया।


प्रौद्यौगिकी में एकांतवास वार्ड और नकारात्मक दबाव चेंबर शामल हैं जिससे प्रयोगशालाओं में टैस्ट करने दौरान हवा के द्वारा कोविड-19 की रोकथाम की जा सके, यह तकनीक डाक्टरी अमले को समीपता से बचाता है। आई. आई. टी रोपड़ रोपड़ में एक अनोखा यूवीजीआई आधारित चेंबर रोगाणु मुक्त उपकरण, यूवी सेफ ईजाद किया गया है, विलक्षण पेटैंटड डिज़ाइन जीरो शैडो तकनीक के अंतर्गत हर दिशा को कीटाणू रहित करना यकीनी बनाता है और इसका प्रयोग आई. पी. एल, दुबई में किया जा रहा है। इसके अलावा कोविड के मरीज़ों के लिए दो आधुनिक कम खर्च वाली गाडिय़ां, मेडी-सार्थी और ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अधारित ट्राली’, संक्रमित मरीज़ों और दूषित वातावरण से सेहत कर्मचारी के संपर्क को घटाने के लिए ईजाद की गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ज़ोर दे कर कहा कि भारत प्राचीन समय से ही ज्ञान भरपूर राष्ट्र है और विश्व स्तर पर अमीर विरासत और संस्कृति के देश के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को ‘राष्ट्र के योद्धा’ बताते उनको राष्ट्र्र के विकास में योगदान डालने की अपील की। आई. आई. टी रोपड़ द्वारा देश और विदेशों के शीर्ष रैकिंग वाले विद्यार्थी संस्थानों की सूची में लगातार अपना स्थान कायम किया हुआ है। आई. आई. टी रोपड़ ने टायमस हायर एजुकेशन वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में 351-400 रंैक सूची में अपनी जगह के साथ आई. आई. एस.सी बंगलोर के बाद भारत में शीर्ष स्थान सांझा किया है। दरअसल, शोध प्रशास्ति पत्र में आई. आई. टी रोपड़ को विश्व भर में पहला स्थान दिया गया है।


आई.आई.आर.एफ में आई. आई. टी रोपड़ आल इंडिया इंजीनियरिंग इंस्टीच्यूशनल रैंकिंग 2019-20 में 25वें स्थान पर रहा। प्रति पेपर प्रशास्ति पत्र में सबसे अधिक अंक प्राप्त करते हुए भारत में 25वें स्थान के साथ क्यू एस इंडिया रैंकिंग 2020 में आई. आई. टी रोपड़ शोध गुणवत्ता में सब आई. आई. टीज़ से अग्रणी है। उन्होंने कृषि एंव पानी के क्षेत्र में टैकनॉलॉजी इनोवेशन रंग (टी.आई.एच) स्थापित करने के लिए डी.एस.टी से आई. आई. टी रोपड़ को हाल ही में प्राप्त हुई 110 करोड़ रुपए की ग्रांट की भी सराहना की। अग्रणी और विलक्षण यह सैटअप साईबर फिजिकल व्यवस्था (एन.एम. आई. सी. पी. एस.) पर अधारित राष्ट्रीय मिशन के ढांचे का अहिम हिस्सा है। इसके अतिरिक्त जल एंव मिट्टी गुणवत्ता मुल्यांकन, जल उपचार और प्रबंधन, कृषि स्वैंचालन और सूचना प्रणाली, पराली प्रबंधन प्रणाली और शहरी खेती, पानी और मिट्टी में खतरनाक पदार्थों को जांचने और उनके उपचार, कृषि क्षेत्र में अन्य कृषि वस्तुओं के प्रबंधन में आई. ओ.टी तकनोलोजी की तायनाती आदि कृछ अहम टैकनोलाजी इस केंद्र में ईजाद किए गए हैं।


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