MG के ‘ड्राइव हर बैक’ रिटर्नी-शिप प्रोग्राम में 32 महिलाएं शामिल होगीं

नई दिल्ली : लैंगिक विविधता और महिला सशक्तीकरण के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए MG मोटर इंडिया ने अब ‘ड्राइव हर बैक’ पहल का दूसरा संस्करण लॉन्च किया है। रिटर्नी-शिप प्रोग्राम के तहत मार्केटिंग, कम्युनिकेशन, सेल्स, आफ्टर-सेल्स और प्रोडक्ट फंक्शन में एक वर्ष की इंटर्नशिप के लिए 32 महिलाओं को शामिल किया जाएगा।



2019 में लॉन्च किया गया ‘ड्राइव हर बैक’ एक अनूठा कार्यक्रम है जो अनुभवी और योग्य महिलाओं को गरिमा और गर्व के साथ अपना करियर फिर शुरू करने में सक्षम बनाता है। चुनी गई महिलाओं को कॉर्पोरेट परिवेश में प्रवेश के लिए व्यक्तिगत कोचिंग और असाइन किए गए इंटरनल मेंटर्स दिए जाते हैं। MG सभी उम्मीदवारों को नेटवर्किंग और व्यावसायिक विकास के अवसर भी प्रदान करता है।


ड्राइव हर बैक पहल के दूसरे संस्करण के शुभारंभ पर बोलते हुए MG Motor इंडिया में डायरेक्टर-एचआर यशविंदर पटियाल ने कहा, “MG Motor इंडिया प्रमुख सामाजिक चुनौतियों की ओर टारगेट करते हुए सामुदायिक और विविधता आधारित पहल के लिए प्रतिबद्ध है। MG के कार्यबल में महिलाएं एक्टिव चेंज-मेकर्स हैं और उन्हें कई विभागों में नेतृत्व करते देखा जा सकता है। भले ही ऑटोमोबाइल उद्योग में हमारे यहां लैंगिक विविधता का अनुपात सबसे ज्यादा है, हमारी लगातार कोशिश 50:50 का अनुपात हासिल करने की है।”


कार निर्माता 14 अक्टूबर को अपनी वेबसाइट (mgmotor.co.in) पर प्रोग्राम के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित करना शुरू करेगा। उम्मीदवारों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी, और वे शॉर्टलिस्ट किए जाने पर MG Motor इंडिया में परमानेंट रोल में होंगी। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया विजिट करें-  https://www.mgmotor.co.in/drive-her-back


MG Motor इंडिया ने पहले भी बालिका शिक्षा, ‘ड्राइव हर बैक’, पाटन गर्ल्स का सपोर्ट, महिला कर्मचारियों के लिए समर्पित हॉस्टल, और अन्य कई पहल के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को संचालित और समर्थन किया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले