उन्नति ने नाबवेंचर्स फंड से प्री-सीरीज़ ए फंडिंग में $ 1.7 मिलियन जुटाए

नयी दिल्ली - एग्रीटेक स्टार्टअप उन्नति ने नाबवेंचर्स फंड से प्री-सीरीज़ ए फंडिंग में $ 1.7 मिलियन जुटाए हैं। इस फंड का मुख्य रूप से उपयोग अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करने और अधिक पार्टनर स्टोर स्थापित करने में किया जाएगा।



अमित सिन्हा (पेटीएम के पूर्व सीएफओ, आईआईएम कलकत्ता के पूर्व छात्र) और अशोक प्रसाद (पहले टाटा टेलीसर्विसेज, आईआईएफटी के पूर्व छात्र) द्वारा स्थापित उन्नति किसानों को प्रतिस्पर्धी मूल्य तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक टेक-इनेबल्ड प्लेटफार्म के रूप में तैनात है। साथ ही किसानों को अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए उनकी उपज के लिए उचित और पारदर्शी तरीके से बेहतर बाजारों तक पहुंच बनाकर अच्छा मूल्य प्राप्त करने में सक्षम करता है। यह किसान को पॉइंट-ऑफ-पर्चेज फार्म एडवायजरी के साथ-साथ वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करता है। 


नाबार्ड और नाबवेंचर्स के चेयरमैन डॉ. जीआर चिंताला ने कहा, “उन्नति ने फूड और एग्री बिजनेस वैल्यू चेन में प्रमुख घटकों को डिजिटल बनाने के लिए एक प्लेटफार्म बनाया है। इस प्लेटफार्म द्वारा कैप्चर किए गए डेटा की अनुमानित क्षमता इस वैल्यू चेन की क्षमता को बढ़ाती है, वहीं इसकी पारदर्शी प्रक्रिया किसानों और एफपीओ के बीच विश्वास बनाने में मदद करती है। उन्नति में एग्रीकल्चर वैल्यू चेन में कई सेवाओं के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्लेटफार्म बनाने की क्षमता है। ”


नाबवेंचर्स के सीओओ मणिकुमार एस. ने कहा, “उन्नति टीम किसानों के सामने आने वाली कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान कर रही है, जैसे पारदर्शी कीमतों पर क्वालिटी इनपुट्स की कमी और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपज बेचने के लिए लास्ट-माइल बाजार लिंकेज की कमी। एक फिनटेक लेयर के समामेलन के परिणामस्वरूप ग्राहकों से जुड़ाव मिलता है। हम उन्नति प्लेटफॉर्म की एग्री इनपुट सेलिंग और मार्केट लिंकेज पेशकश की सराहना करते हैं। साथ ही इसके आगे बढ़ने की यात्रा में इसका समर्थन करने को लेकर बेहद खुश हैं। ”


उन्नति के पास पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत में एग्री इनपुट्स और पर्चेजिंग प्रोड्यूस की बिक्री के लिए पार्टनर स्टोर्स का एक मजबूत नेटवर्क है। नए जुटाए फंड के साथ उन्नति अब देश में किसानों और एफपीओ के लिए सबसे अच्छी डिजिटल तकनीकों को पेश करने पर फोकस करेगा।


उन्नति के सह-संस्थापक अशोक प्रसाद ने कहा, “उन्नति में हमारा लक्ष्य देश के किसानों को सशक्त बनाना और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों को लाना है। चूंकि, हम खेती की कई सारी जरूरतों को पूरा करते हैं, वर्तमान फंडिंग से हमें हमारे द्वारा प्रदान किए जाने वाले नए डिजिटल टूल्स के संदर्भ में हमारे वैल्यू प्रपोजिशन का विस्तार करने की अनुमति मिलेगी। हम नाबवेंचर्स (नाबार्ड) के इस सहयोग के लिए आभारी हैं और इस फंडिंग के सहारे नई और महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने के लिए तत्पर हैं। यह फंडिंग हमें टेक्नोलॉजी में और हमारी भौगोलिक और क्रॉप फुटप्रिंट बढ़ाने में मदद करेगा।”


इस फंडिंग पर बात करते हुए को-फाउंडर अमित सिन्हा ने कहा: “डिजिटल टूल्स के माध्यम से फार्मप्रेन्योर बनाने की इस यात्रा पर हमें एक भागीदार के रूप में नाबवेंचर्स (नाबार्ड) का साथ मिलने पर गर्व है। नाबवेंचर्स एग्री इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव लाने और सभी हितधारकों के लिए वैल्यू बनाने के हमारे विजन को शेयर करता है। हम भारतीय कृषि क्षेत्र में नाबार्ड के गहन अनुभव, नॉलेज और ऑपरेशन के पैमाने का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं और इस साझेदारी को लंबा और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बनाने के लिए तत्पर हैं। ”


टेक-ड्रिवन प्लेटफॉर्म को पहले विजय शेखर शर्मा (पेटीएम),के आर एस जामवाल, वर्तमान और पूर्व पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारी विकास गर्ग, शंकर नाथ, रेनू सत्ती, गेम्बा कैपिटल और अजय लखोटिया सहित उल्लेखनीय एंजिल इन्वेस्टर्स से फंडिंग प्राप्त हुई है। मौजूदा निवेश लेन-देन को सुमित सेराफ ने भी समर्थन दिया है जिन्होंने लेन-देन पर सलाहकार के रूप में काम किया है।


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