जयपुर विधानसभा में प्रवेश पर पत्रकारों के लिए तुगलकी आदेश


जयपुर - लोकतंत्र का किस तरह से गला घोटने का प्रयास विधानसभा अध्यक्ष कर रहे हैं मीडिया कर्मियों के विधानसभा प्रवेश पत्र पर जिस तरह की पाबंदी थोपी गई है वह किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है
प्रेस क्लब समर कैंप समापन उपरांत इस विषय को लेकर में मुकेश चौधरी और अभय जोशी विधानसभा अध्यक्ष  सीपी जोशी से मिलकर पत्रकार प्रवेश पत्र और नियमावली का विरोध दर्ज करा कर आए थे।


विधानसभा अध्यक्ष के साथ चर्चा में मालूम चला कि कमेटी की आम राय से यह काली नियमावली तैयार की गई है अध्यक्ष से चर्चा के दौरान PRO साहब को बुलाया और उनसे तस्दीक कराई कि जो भी फैसला लिया गया है वह कमेटी की सहमति से लिया गया है वहीं कमेटी सदस्यों से हुई चर्चा में सहमति से इंकार कर रहे हैं कई कमेटी मेंबर कह रहे हैं कि काली नियमावली के वह भी खिलाफ है


नए - नए विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकार प्रवेश पत्र पर तुगलकी फरमान जारी करते हुए आगामी 5 वर्षों के लिए पत्रकारों पर अंकुश का चाबुक चलाना शुरू कर दिया है ।
विधानसभा का सत्र आज 27 जून से प्रारंभ हो रहा है पत्रकार प्रवेश पत्र पर साफ-साफ लिखा है "यह प्रवेश पत्र सिर्फ पत्रकार दीर्घा एवं मीडिया सेंटर तक ही मान्य है" यानी पत्रकारों को मंत्री, विधायक, विधानसभा अध्यक्ष से मिलने या इंटरव्यू करने से रोक दिया गया है ।
दूसरा बड़ा चाबुक वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकारों पर अपनाया है उन्हें विधानसभा प्रवेश के लिए पीआरओ को फोन कर एक दिनी प्रवेश पत्र स्वागत कक्ष पर बनवाना होगा (चाहे आप उम्र के किसी पड़ाव पर हो)
 एक और व्यवस्था अध्यक्ष ने की है विधानसभा प्रवेश पत्र धारी पत्रकार का accridation होना आवश्यक है बिना accridation के आप विधानसभा की रिपोर्टिंग नहीं कर सकते
साथ ही  राज्यस्तरीय अखबारों पर यानी कि राजस्थान सरकार ने जिन अखबारों को राज्यस्तरीय समाचार पत्र का दर्जा दे रखा है उनकी प्रसार संख्या के हिसाब से सिर्फ दो ही पास बनाए जाएंगे
 राजस्थान सरकार से विज्ञापन नहीं लेने वाले समाचार पत्र यानी कि जिन्होंने अपने अखबार विज्ञापन के लिए एप्रूव्ड नहीं कराए हैं उनको विधानसभा प्रवेश सपने में भी नहीं करने की हिदायत है। ..


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