मस्जिदों के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग पश्चिमी दिल्ली का दौरा करेगा


नयी दिल्ली - दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के उस विवादित दावे की जांच करने के लिए एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली में 90% मस्जिद व क़ब्रिस्तान अवैध हैं तथा सरकारी ज़मीनों पर बनाए गए हैं ।


इस मुद्दे पर दिल्ली के मुसलमानों में रोष देखने को मिल रहा है जिसके चलते मुस्लिम एडवाइजरी कमेटी दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों तथा समाजसेवियों, संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आयोग चेयरमैन डाॅक्टर ज़फ़र उल इस्लाम ख़ान से सासंद प्रवेश वर्मा के बयान की शिकायत की ।


दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता ओवैस सुल्तान खान की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें गुरमिंदर सिंह मथारू (सदस्य - SGPC), डॉ डेन्ज़िल फर्नांडीस (सामाजिक वैज्ञानिक, अंकुर ओटो (मानवाधिकार कार्यकर्ता) के साथ और सदस्य के रूप में रईस अहमद (पत्रकार) शामिल हैं ।


समिति दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से पश्चिमी दिल्ली का दौरा करेगी, और दस कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट को पूरा करेगी। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ ज़फरुल-इस्लाम ख़ान ने कहा कि दिल्ली में सरकारी ज़मीनों पर अवैध निर्माण एक पुरानी समस्या है, लेकिन इसे एक निश्चित धार्मिक समुदाय का मुद्दा बनाना ग़लत है। आयोग सरकारी जमीनों पर अवैध कब्ज़े का समर्थन नहीं करता है, लेकिन जिस तरह से इस मुद्दे को उठाया गया है, वह एक निश्चित समुदाय के खिलाफ माहौल बनाने के लिए इसका उपयोग करना चाहता है जो स्वीकार्य नहीं है।


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