सद्गुरु के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी अंडमान और निकोबार कमान


 नयी दिल्ली - अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी), ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्‌गुरु के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी। समारोह के तहत, 20 और 21 जून को बिर्चगंज, मिन्नी बे और आईएनएस उत्कर्ष में विभिन्न समूहों में योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। 21 जून को अंतिम दिन, सद्गुरु भारतीय नौसेना के फ्लोटिंग डॉक (एफडीएन-2) पर योग सत्र की अगुवाई करेंगे। वाइस एडमिरल बिमल वर्मा, एवीएसएम, एडीसी, कमांडर-इन-चीफ, अंडमान और निकोबार कमान के साथ भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मी और उनके परिवार इस योग कार्यक्रम में भाग लेंगे।


दो दिनों तक चलने वाले इस योग कार्यक्रम में 800 से अधिक कर्मियों और उनके परिवारों के भाग लेने की उम्मीद है। आयुष प्रोटोकॉल के तहत योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 10 से 16 जून तक मिन्नी बे में एक योग शिविर भी आयोजित किया गया था तांकि विभिन्न जगहों पर होने वाले योग सत्र में एएनसी के सभी घटकों को प्रशिक्षित किया जा सके।



अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सद्‌गुरु के 20 जून को पोर्टब्लेयर पहुंचने और 22 जून को प्रस्थान करने की उम्मीद है। यात्रा के दौरान सद्गुरु कमान के अंग दान करने वालों को सम्मानित करेंगे और एएनसी के कर्मियों तथा परिवारों के साथ बातचीत भी करेंगे।


बातचीत के दौरान चर्चा व्यक्तिगत और व्यावसायिक चुनौतियों सहित कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा जिसका सामना पुरुषों और महिलाओं को एक समान रूप से करना पड़ता है। इस दौरान इस पर भी चर्चा की जाएगी कि कैसे योग सशस्त्र बलों को बेहद आवश्यक संतुलन और शक्ति प्रदान कर सकता है। यात्रा से पहले सद्गुरु ने कहा, 'अंडमान और निकोबार द्वीप समूह देश के सबसे वीरान और कमजोर इलाकों में से एक है। राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना की तीनों सेवाओं की कमान का प्रयास वास्तव में अनमोल है। इन सैनिकों में बदलाव लाने के लिए उन्हें योगिक साधनों से लैस करना सर्वोपरि है।'


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

प्रदेश स्तर पर यूनियन ने मनाया एआईबीईए का 79वा स्थापना दिवस

वाणी का डिक्टेटर – कबीर