एमएस धोनी और उनकी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई करेगी केंद्र सरकार ?


कैट के साथ-साथ नेफोवा ने भी धोनी और उनकी पत्नी साक्षी की कंपनियों की जांच कराने की मांग की है। इसके लिए संस्था ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र भी लिखा है। नेफोवा ने पत्र में आम्रपाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में फोरेंसिक ऑडिटर्स का हवाला दिया है, जिसमें आम्रपाली ग्रुप ने फ्लैट खरीदारों के रुपये धोनी की कंपनी से समझौता कर अवैध तरीके से डायवर्ट करने का जिक्र है।


नयी दिल्ली - कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की संस्था नेफोवा ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखकर धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।






टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। विश्व कप से शुरू हुआ विवादों का सिलसिला मैदान के बाहर भी जारी है। विश्व कप के दौरान धीमे खेल की वजह से उनकी आलोचना हुई और अब आम्रपाली समूह के कारण उनका नाम विवादों में है। आम्रपाली समूह से फ्लैट खरीदने वाले उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दरअसल, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की संस्था नेफोवा ने केंद्र सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखकर धोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।







संस्था ने केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान से महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि धोनी ने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित किया। कैट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ विभिन्न अनियमितताओं के लिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश को आधार बनाकर कहा है कि बिल्डर दोषी पाया गया है, इसलिए धोनी की भी जवाबदेही बनती है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि धोनी का विज्ञापन लोगों को मेहनत की कमाई परियोजनाओं में लगाने के लिए बढ़ावा देता है, जो अभी भी अपूर्ण हैं।








कैट ने रामविलास पासवान से संसद के इसी सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित कराने की भी मांग की है। माना जा रहा है कि यह विधेयक मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों से लोगों को बचाएगा।






पत्र में कहा गया है कि होम बॉयर्स के पैसों को डायवर्ट करने के मकसद से आम्रपाली ग्रुप ने महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धौनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि.(आरएसएमपीएल) और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ बेमानी समझौते किए और होम बॉयर्स के पैसे अवैध तरीके से इन कंपनियों में डायर्वट किया गया।









वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी आम्रपाली समूह और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि.(आरएसएमपीएल) में हुए समझौते को कानूनन सही नहीं माना है। कोर्ट से नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के बाद शीर्ष अदालत ने आरएसएमपीएल से रियल एस्टेट समूह द्वारा भुगतान की गई राशि वापस लेने को कहा है।








 






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