"तिनका-तिनका" रोचक,मनोरंजक,प्रेरक नाटक का कुशल मंचन


रोचक, मनोरंजक, प्रेरक और चुस्त कहानी, कसे हुए निर्देशन एवं सभी कलाकारों के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा और अनेक अवसरों पर दर्शकों को रुलाया भी खूब।


नई दिल्ली। यहां भव्या कल्चरल सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा लोक कला मंच, लोधी रोड में प्रेम भारती की कहानी पर तैयार नाटक तिनका-तिनका का अनूठा प्रदर्शन किया गया।  नाटक में बेहतरीन अभिनय के साथ ही कुशल निर्देशन संजय पोपली ने किया और सह निर्देशन में उनके साथ थे मंजीत सिंह।


कहानी आज की घर-घर की उस समस्या पर आधारित थी, जिसमें बहु के अपने ससुराल जनों के प्रति दोहरे रवैये और रात दिन की कलह के चलते बेटे को भी अपने माँ बाप को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रखने पर परेशानी होती है और बहु के साथ वह भी उनके प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाता है। बहु बेटे की आँखें तब खुलती हैं जब बेटे के माता-पिता बेटे की विपरीत परिस्थितियों और बुरे दिनों में अपना घर-खेत बेंचकर और सड़क पर आकर भी उनकी मदद करते हैं। 


     नाटक में अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ अन्य कलाकारों, पीके आर्य, वंदना कपूर, श्रुति झा,एकम बनर्जी, नीता गुप्ता, हरीश चौधरी, निश्चय कु. सागर, विजय शर्मा, राकेश शर्मा, रीना एवं नरेश बंसल ने भरपूर न्याय किया।
       नाटक के दौरान धर्मपाल अरोड़ा एवं रोबिनसन पॉल की एंकरिंग भी जबरदस्त रही साथ ही धीरज सिंह के गाये गए गीत भी दर्शकों की आँखें नम करने में पीछे नहीं रहे।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले