समाज को दिशा देने में साहित्यकारों की अहम भूमिका होती है-अशोक लव

मुख्य अतिथि रणधीर सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को अपने कर्तव्यों की याद दिलाते हैं और राष्ट्रीयता का संदेश देते हैं। भारतीय होने पर गर्व कराते हैं। विशिष्ट अतिथि इंदर मोहन खन्ना ने कहा कि हमारी संस्था एज वेल एसोसिएशन भी देश के नागरिकों के हितों के लिए कार्य करती है। साहित्य विशेष रूप से कविता लोगों के मन को छू लेती है। उनमें संस्कार और संस्कृति का भाव जाग्रत करती है।



नयी दिल्ली - देश के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सूर्या अपार्टमेंट प्रबंधक समिति और सर्व भाषा ट्रस्ट की ओर से कवि सम्मेलन और पुस्तक लोकार्पण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। प्रबंधक समिति के अध्यक्ष रणधीर सिंह मुख्य अतिथि और एज वेल एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर मोहन खन्ना विशिष्ट अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार और सर्व भाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक लव ने की।



समारोह का कुशल आयोजन और संचालन केशव मोहन पाण्डेय ने किया। समारोह का आयोजन दीप प्रज्वलन से हुआ। गायक और कवि सुनील अग्रहरि ने देशभक्ति के गीतों से श्रोताओं में देश प्रेम की भावना भर दी। सर्व भाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक लव ने दिल्ली, गुरुग्राम, ग़ाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद से आए साहित्य प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज को दिशा देने में साहित्यकारों की अहम भूमिका होती है। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से देशवासिययों को एकता, सांस्कृतिक महत्त्व, शिक्षा और राष्ट्रभक्ति का संदेश देते हैं। सर्व भाषा ट्रस्ट देश की समस्त भाषाओं को मंच प्रदान करके राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने का कार्य कर रही है। 



सर्व भाषा ट्रस्ट के समन्वयक केशव मोहन पाण्डेय ने ट्रस्ट के कार्यों का उल्लेख करते हुए उसके उद्देश्यों से परिचित कराया और कहा कि यह संस्था समस्त भाषाओं के विकास को समर्पित है। 


केशव मोहन पाण्डेय द्वारा सम्पादित काव्य-संग्रह 'समवेत' का लोकार्पण हुआ। इस पर सुप्रसिद्ध समालोचक डाॅ. मनोज तिवारी ने विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की। इस संग्रह में दस कवि-कवयित्रियों की रचनाएँ संकलित हैं। सूर्या अपार्टमेंट प्रबंध समीति की ओर से उन्हें 'समवेत काव्य सम्मान' से सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन में दिल्ली और एन.सी.आर. के कवि-कवयित्रियों ने देशभक्ति और मानवीय मूल्यों की कविताएँ सुनाईं।


कवि सम्मेलन का सफल संचालन कवयित्री श्वेता ने किया। रचनाकारों में अशोक वर्मा, रोमी शर्मा, पम्मी सिंह, युवराज भट्टाराई, ध्रुव गुप्ता, तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्रा, केशी गुप्ता, पूजा कौशिक, सुनील अग्रहरि, मुकेश नरूला, अनिल शूर, एल आर राघव, संदीप तोमर, विनिता मल्लिक, किरण सोनी, चंद्रमणि मणिका, भावना अरोड़ा, रचना चौधरी, मधु त्यागी, गुरविंदर सिंह, सरोज सिंह, जियाउल हक और अनीता शर्मा थे। इस अवसर पर नन्हीं बालिकाओं महक, नंदिनी और तनीशा की कविताओं पर खूब तालियाँ बजीं।


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