भारत सरकार ने "सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार" की शुरुआत की

पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र होगा। इस पुरस्कार के साथ कोई भी नकद पुरस्कार नहीं होगा। एक वर्ष में तीन से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। यह अति असाधारण और अत्यधिक सुयोग्य मामलों को छोड़कर मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाएगा।



नयी दिल्ली - भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर भारत की एकता और अखंडता के क्षेत्र में योगदान के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार शुरू किया है। इस पुरस्कार का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने और एक मजबूत और अखण्ड भारत के मूल्य को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान के लिए सम्मानित करना है। इस पुरस्कार की घोषणा राष्ट्रीय एकता दिवस, 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर की जाएगी।



यह पुरस्कार राष्ट्रपति के द्वारा उनके हस्ताक्षर और मुहर के तहत एक सनद  के  तौर पर प्रदान किया जाएगा और राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार समारोह के साथ एक पुरस्कार समारोह में उनके द्वारा दिया जाएगा।


प्रधानमंत्री द्वारा एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, गृह सचिव और प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन-चार प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे।


नामांकन प्रति वर्ष आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदनों को गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से डिज़ाइन की गई वेबसाइट पर ऑनलाइन फाइल करना आवश्यक होगा। भारत का कोई भी नागरिक और कोई भी संस्था/संगठन, इस पुरस्कार के लिए पात्र होगा।


भारत में स्थित कोई भी भारतीय नागरिक या संस्था या संगठन इस पुरस्कार के लिए विचारार्थ किसी व्यक्ति को नामांकित कर सकता है। व्यक्ति स्वयं को भी नामांकित कर सकते हैं। राज्य सरकारें, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन और भारत सरकार के मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं।


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