जामिया द्वारा उर्दू अकादमी दिल्ली के शिक्षकों को किया गया प्रशिक्षित 


नयी दिल्ली  - जामिया मिलिया इस्लामिया की उर्दू माध्यम शिक्षक प्रशिक्षण अकादमी द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उर्दू अकादमी दिल्ली द्वारा संचालित उर्दू साक्षरता केंद्रों के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई ।



जामिया द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें उर्दू साक्षरता केंद्र के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया 13 सितंबर से 15 सितंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यशाला में उर्दू रस्मुल ख़त की तदरीस ,तारीख ए ज़बान उर्दू का तआर्रूफ़ , मनसूबा ए सबक़ की अहमियत, अफसानवी अदब,तदरीस और तरबियत की मुबादियात- शिक्षण और प्रशिक्षण की मूल बातें , मुहावरा,कहावत, ज़र्ब उल मिस्ल,  शायरी की तदरीस पर लेक्चर हुए। प्रोफेसर कौसर मज़हरी,  प्रोफेसर अब्दुल रशीद,डाॅक्टर शोएब रज़ा ख़ान,डाॅक्टर वाहिद नज़ीर,डाॅक्टर हिना आफ़रीं और डाॅक्टर नौशाद आलम ने लेक्चर दिए। 



प्रोग्राम के इफ्तेताही इजलास की की सदारत प्रोफेसर शहज़ाद अंजुम सदर शोबा ए उर्दू जामिया मिलिया इस्लामिया ने की उन्होंने अपने ख़ुतबे  में कहा कि शिक्षा देना एक तरह से तरीक़ा ए पेशा ए इबादत की तरह है शिक्षक को चाहिए कि वह ख़ुलूस और मुहब्बत के साथ ही इस फ़रीज़े को अंजाम दें ,प्रोफेसर शहज़ाद अंजुम ने जामिया मिलिया इस्लामिया के बुनियाद गुज़ार असातज़ा के हवाले से तदरीसी पेशे के तक़द्दुस और तक़ाज़ों पर भरपूर रोशनी डाली । मुख्य अतिथि प्रोफेसर वहाजउद्दीन अलवी पूर्व डीन फैकल्टी ऑफ हयूमैनिटीज़ एंड लैंग्वेज जामिया मिलिया इस्लामिया ने शिक्षकों को बताया कि तालीम और तदरीस के साथ साथ बच्चों के मानसिक और बौद्धिक प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । दूसरे मुख्य अतिथि प्रोफेसर शहपर रसूल वाइस चेयरमैन उर्दू अकैडमी दिल्ली ने अपनी तक़रीर में कहा कि किताबें तो तदरीस का वसीला हैं बुनियादी हैसियत तो असातज़ा के तजुर्बे और उसके विचार विमर्श को हासिल है ।



                 इफ़्तेताही इजलास में अकादमी बराए असातज़ा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एज़ाज़ी  डायरेक्टर प्रोफेसर अहमद महफ़ूज़ ने मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत किया उन्होंने अपने खैर मक़दमी कलिमात में कहा कि ऐसे ही संस्थान इदारे बहुत ही अहमियत के हामिल हैं जो तदरीस के तरीक़ा ए कार की बेहतरी और मसाइल के हल के लिए समर्पित हैं, उन्होंने आगे कहा कि जदीद तरीक़ा ए तदरीस से आगाही तालीम के मयार की ज़ामिन है । डाॅक्टर वाहिद नज़ीर ने प्रोग्राम के अग़राज़ ओ मक़ासिद पर रोशनी डाली उन्होंने अपनी गुफ्तगू में कहा कि इल्म हासिल करने का मकसद शख्सियत के ज़ाहिरी और बातिनी पहलुओं की तज़ईन सौंदर्यीकरण है ।


इफ़्तेताही जलसे की निज़ामत प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डाॅक्टर  हिना आफरीं ने अंजाम दिए । आख़िर में डाॅक्टर हिना आफ़रीं ने तमाम मेहमानों,प्रतिभागी शिक्षकों, जामिया मिलिया इस्लामिया के अरबाब हल ओ अक़्द, उर्दू अकादमी दिल्ली के वाइस चेयरमैन और उर्दू ख़्वान्दगी मर्कज़ के स्टाफ का दिल की गहराइयों से शुक्रिया अदा किया ।
 
             ट्रेनिंग के आख़री दिन प्रतिभागियों की नुमाइंदगी करते हुए मोहतरमा नाज़िमा परवीन और जनाब रिज़वान अहमद ने अपने तास्सुरात पेश किए उन्होंने प्रोग्राम के ताल्लुक से और खुशी का इजहार करते हुए कहा कि तमाम शिरका इस प्रोग्राम से बहुत मुस्तफ़ीज़ हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के और भी प्रोग्राम होते रहने चाहिएं ताकि उर्दू शिक्षा में और निखार आ सके । 


            प्रोग्राम की को ऑर्डिनेटर डाॅक्टर हिना आफ़रीं ने प्रोग्राम की विस्तृत रिपोर्ट पेश की । इस अवसर पर उर्दू अकादमी दिल्ली के सभी प्रतिभागी उर्दू शिक्षकों को ट्रेनिंग सर्टिफ़िकेट भी दिये गये साथ ही अकादमी बराए उर्दू असातज़ा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रिसाला तदरीस नामा के तीनों अंकों की काॅपी भी सभी को दी गईं । आख़िर में डाॅक्टर नौशाद आलम ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।


नयी दिल्ली से इरफ़ान राही की रिपोर्ट 


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