इस बार देश भर में दिवाली पर बाज़ार नहीं सजेंगे


दिवाली के त्यौहार पर अच्छे व्यापार की उम्मीद में व्यापारियों के पास सामान के स्टॉक का अम्बार लगा हुआ है लेकिन देश के सभी बाज़ारों में बेहद निराशा का माहौल है,त्योहारी बिक्री की कोई गहमा गहमी नहीं है और त्योहारों के होते हुए भी सभी प्रमुख खुदरा एवं थोक बाजार पूरी तरह सुनसान पड़े हैं  प्रतिवर्ष देश में लगभग 45 लाख करोड़ का कारोबार होता है जिसमें से लगभग 6 लाख करोड़ रुपए का व्यापार केवल दिवाली के त्योहारी सीज़न में होता है । 


देश में दिवाली को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और व्यपारियों के लिए दिवाली का त्यौहार कई सदियों से बेहद महत्वपूर्ण है प्रति वर्ष  नवरात्र के पहले दिन से लेकर 14 दिसंबर तक व्यापारियों के लिए त्योहारी सीजन का यह पहला चरण होता है जिसमें लगभग पूरे वर्ष के व्यापार का लगभग 30 प्रतिशत व्यापार इसी चरण में होता है लेकिन इस वर्ष दिल्ली सहित देश भर के व्यापारी बेहद हताश और निराश हैं ! दिवाली में अब जब केवल एक सप्ताह का समय ही रह गया है , दिल्ली सहित देश भर के बाज़ारों में बेहद सुस्ती का आलम है और अब व्यापारी त्यौहारी बिक्री की उम्मीद खो चुके हैं !


 देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैटके मुताबिक इस सब की मुख्य वजह  कॉमर्स पर हो रहा व्यापार है जिसमें खुले आम लागत से भी कम मूल्य पर और बड़ी मात्रा में विभिन्न उत्पादों पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है जिसने बाज़ारों में आने वाले ग्राहकों को अपनी ओर खींच लिया है ! अभी हाल ही में अमेज़न और फ्लिपकार्ट द्वारा लगाई गयी फेस्टिवल सेल में दोनों कंपनियों ने केवल चार दिनों में ही लगभग 19 हजार करोड़ की बिक्री की है जिससे यह स्पष्ट हो जाता है की बाज़ारों में होने वाले व्यापार का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन कंपनियों ने अपनी ओर खींच लिया है !


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की ऑनलाइन कंपनियों के अनैतिक व्यापार के कारण इस दिवाली त्यौहार पर  कॉमर्स कंपनियों की वजह से व्यापारियों के कुल व्यापार में लगभग 50 से 60 प्रतिशत की गिरावट आएगी जो बेहद चिंताजनक है इस वर्ष अब तक ऑनलाइन कम्पनियों के अनैतिक कारोबार के कारण व्यापारियों के व्यापार में लगभग 30 प्रतिशत  ज़्यादा का कारोबारी घाटा हो चुका है


 


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