आने वाले वक्त के अंदर जनता और सबक सिखाएगी CM अशोक गहलोत


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विशेष संवाददाता की हुई बातचीत के कुछ अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं।  


सवाल: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया है क्या जल्दबाजी की है?


जवाब: नियत अच्छी नहीं लगती है, महाराष्ट्र बहुत महत्वपूर्ण राज्य है देश का उसमें अगर हंग असेंबली आ गई तो राज्यपाल महोदय की ड्यूटी थी कि वह कम से कम कि कैसे स्थिति संभल सकती है, किस प्रकार स्थाई गवर्नमेंट बन सकती है, उसकी बजाय जल्दबाजी में उन्होंने पहले बुलाया शिवसेना को और टाइम दे दिया, टाइम बाउंड 7:30 यह कहां लिखा हुआ है, आपने 2 दिन 3 दिन, 7:30 टाइम दिया और इंतजार किया 7:30 कब हो और immediately रिएक्शन दे दिया अगली एनसीपी को बुलाएंगे और बाद में एनसीपी का मामला क्या हुआ सबको मालूम है देश को मालूम है।


अब जो ध्वनियां निकल रही है मिस्टर राणे जो पहले कांग्रेस में थे, शिवसेना में थे और अब वह बीजेपी में है वह कहते हैं कि हम तो साम दाम दंड भेद कुछ भी करेंगे सरकार बनाएंगे आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है, उस रूप में आज मोदी जी, अमित शाह जी और यह एनडीए गवर्नमेंट देश को चला रही है, पूरा मुल्क देख रहा है इनको झटका मिल गया है हरियाणा के अंदर भी और महाराष्ट्र के अंदर भी तब भी अगर इनकी सोच नहीं बदली है तो आने वाले वक्त के अंदर जनता और सबक सिखाएगी और समझ जाएंगे।


सवाल: आपको क्या लगता है सर अब कांग्रेस का आगे क्या कदम रहेगा....


जवाब: वह तो चर्चा चल रही है कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना जो भी फैसला करेगी सबको मंजूर होगा, वह तो हमारे हाई कमांड के जो प्रतिनिधि है वह आपस में चर्चा कर रहे हैं वह तो आने वाला वक्त बताएगा क्या फैसला होता है। पर यह अच्छा फैसला नहीं किया राज्यपाल महोदय ने, स्टेबिलिटी कायम करने के बजाए अस्थिरता कायम कर दी महाराष्ट्र के अंदर राष्ट्रपति शासन लगा कर के।


सवाल: क्या राज्यपाल मोहरे की तरह काम कर रहे हैं आप का मानना है....


जवाब: इनके शासन के अंदर पूरे देश के अंदर जो इन्होंने अहम,घमण्ड से शासन किया है उसमें और क्या उम्मीद कर सकते हैं। सब डरे हुए हैं, टेलीफोन टेप हो रहे हैं बातचीत करेंगे तो पता नहीं क्या होगा, फैसला गलत नहीं हो जाए। राज्यपाल चाहते हुए भी सही फैसला नहीं ले पा रहे हो यह भी हो सकता है।


सवाल: कांग्रेस को शासन में शामिल होना चाहिए क्या आप के अनुसार विचारधारा अलग है शिवसेना अगर सरकार बनाती है तो....
जवाब: यह इसीलिए तो वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी जी ने इतना टाइम लगाया छह-सात घंटे लगाए हैं बातचीत करने में क्योंकि ऐसे फैसले अहम फैसले होते हैं जो भविष्य को देखकर किए जाते हैं, हमें कोई सत्ता का लोभ नहीं है पहले भी सत्ता आई है और गई है पर कांग्रेस चाहेगी कि स्टेबल गवर्नमेंट हो उसके लिए क्या कदम उठाते हैं वह टाइम बताएगा।


सवाल:  बाल दिवस पर कोई संदेश...
जवाब: नेहरू का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह था इसलिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं, मनाते आए हैं कल भी यहां कई प्रोग्राम होंगे और आज दुर्भाग्य है देश का ऐसे लोग सत्ता में बैठ गए आकर के जो पंडित नेहरू का योगदान है आठ 10 साल तक वह जेल में बंद रहे आजादी के आंदोलन के अंदर, आजाद करवाया मुल्क को, आधारभूत ढांचा तैयार किया, नीव खड़ी करी देश की उसपर आज देश खड़ा है, विदेश नीति शानदार बनाई उसके बावजूद भी उनके बारे में सोशल मीडिया में क्या क्या नहीं कहा गया और किस प्रकार नौजवान पीढ़ी को गुमराह किया गया यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हुए हैं जो कि पंडित नेहरू के व्यक्तित्व को, उनके कृतित्व को जिसको दुनिया मान रही है, देश मान रहा है और यह लोग सोशल मीडिया के माध्यम से नई पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं देश इन्हें कभी माफ नहीं करेगा और पंडित नेहरू का व्यक्तित्व और कृतित्व कभी खत्म नहीं हो सकता वह इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

राजस्थान चैम्बर युवा महिलाओं की प्रतिभाओं को पुरस्कार