CBIC की ‘डिन’ प्रणाली आज से अमल में आएगी


नयी दिल्ली - राजस्‍व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय ने कहा, 'अप्रत्‍यक्ष कर प्रशासन में सबसे पहले डिन का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा। अब से जीएसटी अथवा सीमा शुल्‍क अथवा केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्‍क विभाग यदि कम्‍प्‍यूटर सृजित डिन के बिना ही कोई पत्र-व्‍यवहार करता है तो वह अमान्‍य होगा। यह कानूनन गलत होगा अ‍थवा ऐसा समझा जाएगा कि इसे कभी जारी ही नहीं किया गया है।'


केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) की दस्‍तावेज पहचान संख्‍या (डिन) 08 नवम्‍बर, 2019 से अमल में आ जाएगी। अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था से जुड़ी इस क्रांतिकारी डिन प्रणाली का सृजन केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के निर्देश पर हुआ है और अब से सीबीआईसी के किसी भी पत्र-व्‍यवहार इत्‍यादि में दस्‍तावेज पहचान संख्‍या (डिन) का उल्‍लेख करना आवश्‍यक होगा। सरकार ने प्रत्‍यक्ष कर प्रशासन या व्‍यवस्‍था में डिन प्रणाली को पहले ही अमल में ला दिया है। यह अप्रत्‍यक्ष कर प्रशासन में पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के सरकारी लक्ष्‍यों की पूर्ति की दिशा में एक और अहम कदम है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी के व्‍यापक उपयोग के जरिए भी यह संभव होगा।


डॉ. पांडेय ने कहा, 'डिन प्रणाली अप्रत्‍यक्ष कर प्रशासन में भी अपेक्षाकृत अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। यह किसी भी तरह के पत्र-व्‍यवहार को सत्‍यापित करने के लिए करदाताओं को डिजिटल सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा डिन प्रणाली को अगले माह के आखिर तक अन्‍य तरह के पत्र-व्‍यवहार में भी अमल में लाया जाएगा। विशिष्‍ट अपवाद स्थितियों को छोड़ कोई भी पत्र-व्‍यवहार डिन के बिना नहीं होगा।'


सीबीआईसी के अध्‍यक्ष प्रणब के.दास ने कहा, 'इस उपाय से इस तरह के पत्र-व्‍यवहार की समुचित ऑडिट जानकारियों को बनाए रखने के लिए एक डिजिटल निर्देशिका (डायरेक्टरी) का सृजन होगा। अब डिन युक्‍त इस तरह के सभी निर्दिष्‍ट पत्र-व्‍यवहार का सत्‍यापन ऑनलाइन पोर्टल cbicddm.gov.in पर हो सकेगा। 05 नवम्‍बर, 2019 को जारी डिन संबंधी सर्कुलर के अनुसार निर्दिष्‍ट दिशा-निर्देशों के अनुरूप न रहने वाले किसी भी पत्र-व्‍यवहार को अमान्‍य माना जाएगा।'


सीबीआईसी ने यह निर्दिष्‍ट किया है कि अपवाद स्थितियों में मैनुअल ढंग से जारी किसी भी तरह के पत्र-व्‍यवहार को इसके जारी होने के 15 कार्य दिवसों में इस प्रणाली पर नियमित करना होगा। 


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