दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन


रेट्रोस्पेक्टिव भाग में पहली फिल्म 'पा' दिखाई जाएगी। अन्य दिखाई जाने वाली फिल्में हैं- शोले, दीवार, ब्लैक, पीकू तथा बदला।सिनेमा को सार्वभौमिक माध्यम बताते हुए बच्चन ने कहा कि फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं। 'जब हम अंधेरा हॉल में बैठते हैं, तब अपने पड़ोस में बैठे व्यक्ति से कभी भी जाति, नस्ल, रंग नहीं पूछते। हम एक समान फिल्म का आनंद लेते हैं एक तरह के व्यंग्य पर हंसते हैं और समान भावनाओं पर रोते-चिल्लाते हैं।' उन्होंने कहा कि तेजी से खंडित हो रही दुनिया में सिनेमा जैसे कुछ माध्यम ही बचे हैं, जो एकता का दावा कर सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम लोगों को जोड़ने वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे। 


गोवा में कला अकादमी में आयोजित दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन किया गया।  इस वर्ष 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्में दिखाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें इस वर्ष के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईएफएफआई 2019 में अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए एक अलग भाग में अमिताभ बच्चन की 6 बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी।


इस अवसर पर बच्चन ने कहा, 'काफी अधिक विनम्र महसूस कर रहा हूं और इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैंने यह हमेशा महसूस किया है कि मैं ऐसे सम्मान का पात्र नहीं हूं, लेकिन अनुग्रह और लगाव के साथ इसे विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।'


आईएफएफआई स्वर्ण जयंती के बारे में उन्होंने कहा, 'यह आईएफएफआई का 50वां संस्करण है और इसके अद्भूत आयोजन के लिए मैं भारत सरकार और आईएफएफआई की सराहना करता हूं। प्रत्येक वर्ष हम प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ती हुई पाते हैं और फिल्मों की पसंद हमें विश्व के विभिन्न भागों के सृजनात्मक कार्यों को देखने का अवसर प्रदान करती हैं।'


जाने-माने अभिनेता ने कहा कि रंग, जाति और धर्म की पुरानी प्रथा तोड़नी होगी। 'हमें एक समुदाय के रूप में सबको साथ लाना चाहिए, सृजनात्मकता की सराहना के लिए एक-दूसरे का हाथ थामना रखना चाहिए और इस विश्व को शांतिपूर्ण जगह बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाना चाहिए।'


 बच्चन ने गोवा में की गई अपनी पहली फिल्म की शूटिंग को याद किया। उन्होंने कहा, 'गोवा आना, घर आने जैसा है और मुझे यहां कार्य करने के अद्भुत अवसर मिले हैं और शूटिंग के दौरान गोवा की जनता का आतिथ्य सत्कार मिला है।'


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

प्रदेश स्तर पर यूनियन ने मनाया एआईबीईए का 79वा स्थापना दिवस

वाणी का डिक्टेटर – कबीर