ग्लोबल ट्रेड एंड कस्टम्स जर्नल का विशेषांक लॉन्च


नयी दिल्ली - ग्लोबल ट्रेड एंड कस्टम्स जर्नल के विशेषांक में भारत और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में भारत की सहभागिता से जुड़े विषय पर लेख संकलित किए गए हैं। जर्नल में क्षेत्रीय व्यापार समझौतों में भारत का सहयोग, इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य पर भारत की स्थिति और देशों को सामान्यकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) के रूप में विकसित करने के लिए लचीलापन तथा कृषि क्षेत्र में आयात प्रतिबंध उपायों की उपलब्धता की आवश्यकता जैसे विषयों पर फोकस किया गया है।   


ग्लोबल ट्रेड एंड कस्टम्स जर्नल का विशेषांक नई दिल्ली के इस्लामिक कल्चर्ल सेंटर में लॉन्च किया गया। विशेषांक का संपादन भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट सेंटर के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. जेम्सजे नेदुमपारा ने किया और इसे नीदरलैंड के वोसल्टर्स केलुवे ने प्रकाशित किया है। जर्नल लॉन्च किये जाने के बाद “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में भारत : विषय और परिदृश्य” विषय पर पैनल चर्चा प्रारंभ हुई।


वाणिज्य विभाग के अपर सचिव सुधांशु पांडे ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि व्यापार समझौते महत्वपूर्ण हैं क्योंकि निवेशक न केवल विदेशी बाजार को देखते हैं, बल्कि यह भी देखते हैं कि वस्तु और सेवा क्षेत्र में अधिक पहुंच और एकीकरण के लिए किस तरह निवेश आकर्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश नीतियों पर समग्र रूप से और अंतर-मंत्रालय खेमे की जगह एकीकृत रूप से विचार करने की आवश्यकता है।


पैनल चर्चा की अध्यक्षता क्षेत्रीय व्यापार सेंटर के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. राम उपेन्द्र दास ने की। म्यांमार में भारत के राजदूत वी एस शेषाद्री, अंकटाड की पूर्व भारतीय समन्वयकर्ता तथा पार्टनर इकध्वज एडवाइजर्स डॉ. वीणा झा, सेंटर फॉर डब्ल्यूटीओ स्टडिज के प्रोफेसर और प्रमुख प्रो. अभिजीत दास, क्लारस लॉ की पार्टनर सुश्री आर वी अनुराधा, आर्थिक कानून विशेषज्ञ पार्थसारथी झा, दक्षिण-एशियाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. प्रभास रंजन और काउंसल की सुश्री रोहिणी सिसोदिया ने प्रजेंटेशन दिये।


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