कला और संस्कृति की समाप्त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्व है। आईजीएनसीए अपने स्थापना दिवस के अवसर पर सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है जिसमें शास्त्रीय संगीत प्रदर्शन, सेमिनार, कार्यशालाएं, फिल्म समारोह, प्रदर्शनियां और पुस्तक विमोचन शामिल हैं।
नयी दिल्ली - केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के 32वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में पटेल ने कहा कि कला और संस्कृति की समाप्त हो रही शैलियों के संरक्षण में निभाई जा रही अपनी भूमिका के लिए आईजीएनसीए का अपार महत्व है। उन्होंने इस अवसर पर 20 नई पुस्तकों और 6 डीवीडी का भी विमोचन किया। इस समारोह में अन्य लोगों के अलावा संयुक्त सचिव (संस्कृति) श्रीमती निरुपमा कोतरू, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक, श्री अद्वैत गडनायक और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया गया है। पहली प्रदर्शनी महात्मा गांधी पर आधारित है, जिसमें एलिजाबेथ सैस ब्रूनर और उनकी बेटी एलिजाबेथ ब्रूनर के तैल चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। तीन चित्र 1932 से 1961 के बीच बनाए गए थे। एक फोटो प्रदर्शनी डीआरडी वाडिया और शंभू शाह की है जिन्होंने महात्मा गांधी के जीवन के कई पहलुओं के फोटोग्राफ लिए थे। एक अन्य प्रदर्शनी तीजी त्योहार पर केंद्रित है, तीजी नेपाल और तिब्बत के मस्तंग क्षेत्र का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत पर आधारित है। इसके अलावा सुप्रसिद्ध भारतीय अकार्डियन हनोक डेनियल्स ने अपनी बेजोड़ प्रस्तुति पेश की।