मधुकर आंनद का दर्द भरा गाना ‘कहाँ कहाँ भागे मनवा’ रिलीज




गाना 'कहाँ कहाँ भागे मनवा' के लिरिक्‍स रायटर संतोष पुरी हैं और यह गाना बहुचर्चित म्‍यूजिक कंपनी वेब म्‍यूजिक के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। हालांकि इस गाने का सिर्फ ऑडियो अभी जारी किया गया है, जिसको खेसारीलाल यादव और मधुकर आनंद के फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। गाना के वीडियो डायरेक्‍टर राजू और पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं। वहीं, गाना 'कहाँ कहाँ भागे मनवा' को मिल रही सफलता से उत्‍साहित मधुकर आनंद ने अपने श्रोताओं का आभार जताया और कहा कि यह गाना मेरे दिल के करीब है।


म्‍यूजिक डायरेक्‍टर मधुकर आनंद म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री में किसी पहचान के मोहताज नहीं है, यही वजह है कि जब उनका एक दर्द भरा गाना यू-ट्यूब पर रिलीज होते वायरल हो गया। गाना के बोल है - 'कहाँ कहाँ भागे मनवा', जिसे खुद मधुकर आनंद ने अपनी आवाज में डब कराया है। इस गाने की खास बात ये है कि गाना भोजपुरी सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव की अपकमिंग भोजपुरी फिल्‍म 'मेरी जंग- मेरा फैसला' का है, जो जल्‍द ही बॉक्‍स ऑफिस पर रिलीज होने वाली है।



मधुकर आनंद ने कहा कि 'कहाँ कहाँ भागे मनवा' गाना मेरे लिए खास इसलिए भी है कि इसके संगीत के साथ – साथ मैंने अपनी आवाज में गाना गया है। जिस तरह से लोग मेरे गाने और मेरी आवाज को पसंद कर रहे हैं, उससे मुझे ऊर्जान्वित करने वाला है। उम्‍मीद करता हूं कि जो लोग भी इस गाने को सुनेंगे, वे इससे खुद को जोड़ पायेंगे। उन्‍होंने कहा कि गाना फिल्‍म की कहानी के अनुसार है। इसलिए यह फिल्‍म की कहानी के साथ भी इंसाफ करने वाला है।


उन्होंने श्रोताओं से अपील करते हुए कहा कि इस गाने को सुनकर कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। क्योंकि यह गाना कोई साधारण गाना नहीं है। इसे बहुत ही बेहतरीन लिरिक्स के साथ बहुत ही बेहतरीन अंदाज में कंपोज किया गया है। एक सधी हुई आवाज इस गाने की शास्त्रीय पक्ष भी दर्शाती है। यह सब संयोग भोजपुरी सिनेमा के गानों में बहुत ही कम देखने को मिलता है। अगर इस गाने का प्रमोशन सही ढंग से किया गया तो भोजपुरी संगीत को ऊंचाई मिलेगी और उस पर लगे धब्बे धुल जाएंगे।





 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

प्रदेश स्तर पर यूनियन ने मनाया एआईबीईए का 79वा स्थापना दिवस

वाणी का डिक्टेटर – कबीर