मुम्बई लोकल ट्रेनों में सफर को आरामदेह और सुरक्षित बनाने के लिए ‘उत्तम-रेक’ शामिल


मुंबई - नई रेक 6 नवम्बर से अपनी सामान्य सेवा शुरू कर दी है और दिन में 10 बार इसका परिचालन होगा।  पश्चिम रेलवे ने दुनिया की पहली लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन 5 मई, 1992 को तथा भारत की पहली वातानुकूलित ईएमयू ट्रेन 25 दिसंबर, 2017 को मुम्बई उपनगर सेक्शन में शुरू की थी। अब तक केवल दो उत्तम रेकों को चेन्नई के इंटीग्रल कोच कारखाना में निर्मित किया गया है, जिनमें से बाकी रेकों को दक्षिण मध्य रेलवे को दे दिया गया है।   


पश्चिम रेलवे के 69वें स्थापना दिवस के शुभावसर पर भारतीय रेल ने शानदार 'उत्तम रेक' को शामिल किया गया। चर्चगेट से विरार जाने वाली लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन में इन डिब्बों को लगाकर उद्घाटन किया गया। उत्तम रेक में मुम्बईकरों की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई सुधार किये गए हैं।


उत्तम रेक की विशेषताएं –सभी कोचों में सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का प्रावधान,चोरी रोकने के लिए कोचों में लगे अभेद्य पार्टीशन,मॉड्यूलर लगेज रैक,पहले दर्जे के कोचों में ऊंची पीठ वाली सीटें,दूसरे दर्जे के कोचों में लकड़ी की सज्जा वाली फाइबर मिश्रित प्लास्टिक की सीटों का प्रावधान,सभी कोचों में 2 हैंडल वाली खिड़कियां, जिन पर बेहतर दोहरे स्टॉपर लगे हैं, बेहतर पकड़ के लिए हैंडलों को चौड़ा बनाया गया है,


सभी कोचों में आधुनिक ब्रशलेस डीसी (बीएलडीसी) पंखे, जो पारंपरिक पंखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम बिजली खाते हैं,मॉड्यूलर श्रेणी की एलईडी लाइटों का प्रावधान,पारंपरिक आपातकालीन जंजीरों के स्थान पर बिजली से चलने वाली यात्री अलार्म प्रणाली,चिकनी सतह वाली जालीदार एफआरपी सीलिंग और लकड़ी से सज्जित रोशनदान के कारण कोच की भीतरी सुंदरता में बढ़ोतरी,चोरी रोकने के लिए फर्श पर न दिखाई देने वाली एल्यूमिनियम की मोल्डेड स्ट्रीप लगाई गई हैं,सभी यात्री सीटों के नजदीक स्टेनलेस स्टील की प्लेट लगाई गई है, ताकि चलने-फिरने से रंग फीका न पड़े,लाल रंग का आपातकालीन बटन इस्तेमाल किया गया है।  


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