NGO समेत सामाजिक संगठनों का विज्ञान को प्रयोगशाला से जनता तक पहुंचाने में मदद देने का आह्वान


कोलकाता -चार दिन का वार्षिक विज्ञान महोत्सव कोलकाता में 5 नवंबर से 8 नवंबर के बीच आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उन्नत समावेश की नीति बनाना है। इस वर्ष के महोत्सव का विषय है आरआईएसईएन-इण्डिया-अनुसंधान नवाचार और राष्ट्र का वैज्ञानिक सशक्तिकरण ।


राष्ट्रीय र्स्टाटअप सम्मेलन एवं एक्सपो को संबोधित करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने देश के युवा प्रतिभावान बुद्धिजीवियों को प्रेरित किया कि वे भारत सरकार के र्स्टाटअप इण्डिया-स्टैंडअप इण्डिया कार्यक्रमों से फायदा उठाएं।


केन्द्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने एनजीओ समेत सामाजिक संगठनों का विज्ञान को प्रयोगशाला से जनता तक पहुंचाने में मदद देने का आह्वान किया। कोलकाता में पांचवें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के दौरान राष्ट्रीय सामाजिक संगठनों और संस्थाओं के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि  प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने आज अग्रणी स्थान बना लिया है। उन्होंने देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में एनजीओ की महत्वपूर्ण भूमिका को अहम बताया।


 दिव्यांगजनों के लिए सहायक प्रौद्योगिकी सम्मेलन और एक्सपो को संबोधित करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि विशेष रूप से कुशल व्यक्ति दूसरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकते हैं। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपनी शोध नई प्रौद्योगिकियों पर करें जिससे विभिन्न शारीरिक अक्षमतओं पर काबू पाने में मदद मिल सकेगी।


स्कूली बच्चों की एक नया गीनिज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की कोशिश की सराहना करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने विज्ञान में उनकी रूचि की सराहना की । इस आयोजन में 480 विद्यार्थी शामिल हुए जिनमें से 268 ने एक साथ रेडियो किट तैयार की। इस तरह उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों द्वारा एक बार रेडियो किट बनाने का नया गिन्नीज रिकार्ड बनाया।


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