सफलता उन्हीं को मिलती है जो घुमक्कड़ जिज्ञासा की भावना में खोए रहते हैं


संत कुमार गोस्वामी


मणि भूषण अपने बारे में बताते हैं कि सफलता पूर्ण रूप से उन्हीं को मिलती है जो घुमक्कड़ जिज्ञासा जैसी भावना में खोए रहते हैं।  जगह-जगह घूमने पठन-पाठन उचित कार्य अंजाम देते हैं सफलता मिलने में कतई कोताही नहीं बस सफर में सफलता जरूर मिलते हैं।  
 मणि भूषण अपने गांव के बारे में बताते हैं गांव का मित्र विकास उसे दुनिया पागल बावरा आदि से जानती थी। आज दांत तले उंगलियां काटते हैं कारण है विकास आज अपने गांव में सर्वाधिक विकास कर क्षणिक समय में सफलता जो अर्जित किया है वस्तुतः अपने जमीनी अस्तर से आसमां तक का सफर तय जो किया......... इसकी लंबी उड़ान युवाओं में ख़ास चर्चा का विषय बना है युवा  दीपक के उसूलों पर चलने को उतारू है l


कभी दीपक की उस गांव में लोग आंख बचाकर निकल जाया करते थे आज उसकी बहा वहीं से कतई नहीं चूकते कल दूसरे से मदद मांगने वाला आज जिस मुकाम पर खड़ा हो दूसरे की मदद में अक्सर तत्पर रहता हो बुजुर्गों युवाओं और बच्चों में अच्छा खासा पैठ जमा चुका दीपक लोगों को लघु उद्योग में जॉब देने के साथ बेरोजगारी पन दूर कर  सफलता की विशाल मिशाल पेश किया आज अपने क्षेत्र में अच्छा उद्यमियों के रूप में जाना जाता हैl
इसलिए किसी व्यक्ति की उपहास और हिन भावनाओं से कभी नहीं देखना चाहिए सबका अपना वसूल कामयाबी की दास्तान अलग-अलग होते हैं कब कौन कैसे किस्मत बदल जाए कोई नहीं जानता
 


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