दिल्ली में रह रहा हर व्यक्ति मेरा अपना है,किसी को भूखे नहीं सोने देंगे-अरविंद केजरीवाल


नई दिल्ली, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कोरोना के प्रकोप को नियंत्रित करने के साथ लाॅक डाउन से प्रभावित गरीब परिवारों को दो वक्त की रोटी मुहैया कराने के लिए शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता कर बताया कि अभी तक दिल्ली सरकार 20 हजार लोगों को प्रतिदिन दोपहर और रात में खाना खिला रही थी, लेकिन अब 2 लाख लोगों को खाना खिलाया जाएगा।


इसके लिए 325 स्कूलों में खाना खिलाने की व्यवस्था की गई है। वहीं, 28 मार्च से 4 लाख लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झारखंड, बंगाल, यूपी, बिहार समेत सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को आश्वासन दिया है कि वे चिंता न करें। दिल्ली की सीमा में रहने वाला हर व्यक्ति मेरा अपना है और हम किसी को भूखे नहीं सोने देंगे। वहीं, कोरोना के केस बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए बनाई गई डाॅ. सरीन की टीम ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को दे दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली में अगर 1000 केस प्रतिदिन आते हैं, तो उसकी व्यवस्था की जा रही है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 मार्च तक दिल्ली में 35 केस थे और 27 मार्च को 3 केस और बढ़ गए हैं। अब दिल्ली में कुल 3़9 केस हो चुके हैं। इन 39 केस में से 29 केस विदेश से आए हुए यात्रियों के हैं, जिन्हें क्वारंटाइन के लिए रखा गया था और उसमें से सामने आए हैं। वहीं, 10 केस उन लोगों से स्थानीय स्तर पर संक्रमण होने से हुए हैं। दिल्ली में अभी तक स्थिति नियंत्रण में है। एक दिन में तीन-चार केस बढ़ रहे हैं। बीच में एक-दो दिन एक भी केस नहीं बढ़े हैं। वहीं, दूसरे देशों का हाल बुरा है। यहां तक कि अमेरिका, इंग्लैंड और यूके में भी इस समय बुरा हाल है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर कोरोना के केस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं, तो क्या हम उसके लिए तैयार हैं? इसकी तैयारियों के लिए मैंने आईएलबीएल के प्रमुख डाॅ. सरीन की अध्यक्षता में पांच डाॅक्टरों की टीम बनाई थी। उनकी टीम ने बहुत शानदार काम किया है। टीम ने सभी तैयारियों का प्लान बना कर रिपोर्ट सौंप दी है। आने वाले दिनों में दिल्ली के अंदर कोरोना के केस बहुत ज्यादा बढ़ गए, तो हमें क्या-क्या तैयारियां करनी है, इसे डाॅ. सरीन की टीम ने तीन स्टेज में बांटा है। एक, अगर प्रतिदिन 100 से कम केस कोरोना के आते हैं, तो हमें क्या तैयारियां करनी है। दूसरा, अगर 500 केस प्रतिदिन आते हैं, तो हमें क्या तैयारियां करनी है? तीसरा, अगर प्रतिदिन 1000 केस कोरोना के आते हैं, तो हमें क्या तैयारियां करनी होगी?


पांच डाॅक्टरों की टीम से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सरकार कर रही तैयारी


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अभी 100 से कम केस प्रतिदिन आते हैं, तो आज हमारे पास काफी पर्याप्त है। इसे हमने चार-पांच चीजों में देखा है। अगर हमारे पास 100 केस आते हैं तो आइसोलेशन बेड की कितनी जरूरत पड़ेगी। 500 और 1000 हजार होते हैं तो आइसोलेशन बेड की कितनी जरूरत पड़ेगी। दूसरा, यदि 100 केस होते हैं, तो कितने वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। 500 और 1000 हजार केस प्रतिदिन आते हैं, तो कितने वेंटिलेंटर की जरूर पड़ेगी। इसके साथ हर स्टेज पर कितने आईसीयू बेड की जरूरत पड़ेगी। कितने टेस्टिंग क्षमता की जरूरत पड़ेगी। यदि 100 केस प्रतिदिन आते हैं, तो कितने टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है। उस दौरान फैले हुए लोगों, संपर्क में आए लोगों और संक्रमित लोगों के कितने टेस्ट की जरूरत पड़ेगी। इसी तरह 500 केस आते हैं, तो कितने टेस्ट की जरूरत पड़ेगी। इस दौरान 100, 500 व 1000 केस पर कितने एंबुलेंस की जरूरत पड़ेगी। कितने डाॅक्टर और नर्स की जरूरत पड़ेगी। यह डाॅक्टर और नर्स कहां से आएंगे और कहां पर रहेंगे। डाॅक्टर सरीन की टीम ने इसकी विस्तार से योजना बनाई है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 100 केस तक की हमारी तैयारी है। वहीं, 100 से अधिक केस बढ़ती है, तो कुछ अस्पतालों में और तैयारियां करनी होगी। इस दौरान कुछ प्राइवेट अस्पतालों को इसमें शामिल करना होगा। 100 से अधिक केस बढ़ते ही हम डाॅ. सरीन की रिपोर्ट के मुताबिक व्यवस्थाएं करना शुरू कर देंगे। हमारी पूरी योजना अब तैयार हो गई है कि 100 से अधिक केस बढ़ने पर हमें क्या कदम उठाने होंगे। अब जो भी कमियां हमें नजर आ रही है, उस पर ध्यान दे रहे हैं। मसलन, 100 से बढ़ कर 500 मरीज हो गए तो वेंटिलेटर कम पड़ जाएंगे। इसकी हम तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि दिल्ली में 1000 मरीज प्रतिदिन बढ़ जाते हैं, तो उसकी सारी तैयारी हम कर के चल रहे हैं। भगवान करे कि ऐसी स्थिति न आए। मुझे उम्मीद है कि ऐसी स्थिति नहीं आएगी। आज जो 3 या 4 मरीज बढ़ रहे हैं, वह भी आने वाले समय में कम होने चाहिए। यह लाॅक डाउन इसे कम करने के लिए किया गया है और अगर मरीज बढ़ते भी हैं, तो हम उसकी तैयारी कर रहे हैं।


224 रैन बसेरों के साथ अब 325 स्कूलों में भी मिलेगा दोपहर और रात में मुफ्त भोजन


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम एक तरफ दिल्ली में रहने वाले गरीब तबके के लोगों को राशन दे रहे हैं, लेकिन जिन लोगों के पास राशन नहीं है। जिनके पास बिल्कुल खाने के लिए कुछ नहीं है और उनके घर में चूल्हा जलना बंद हो गया है। ऐसे लोगों को सरकार खाना बना कर खिला रही है। अभी तक हम प्रतिदिन 20 हजार लोगों को रैन बसेरों में खाना बना कर खिला रहे हैं। दिल्ली सरकार के कुल 224 रैन बसेरे चल रहे हैं। हमने पाया है कि यह रैन बसेरे कम पड़ रहे हैं। प्रतिदिन खाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई स्थानों से खबर आ रही थी कि वहां लोग भूखे हैं। मैंने कई वीडियो भी देखी है, जिसमें लोगों ने बताया है कि वे भूखे हैं और खाने के लिए खाना नहीं है। इसको दिल्ली सरकार ने बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने का फैसला किया है। अब हम आज से 325 स्कूलों के अंदर दोपहर और रात में खाने का इंतजाम कर रहे हैं। इन 325 स्कूलों में दोपहर और रात में 500-500 लोगों के खाने का इंतजाम किया गया है। साथ ही 224 रैन बसेरों में भी खाना बढ़ाया गया है। कल तक हम प्रतिदिन 20 हजार लोगों को खाना खिला रहे थे, लेकिन अब इसे 10 गुना बढ़ा कर 2 लाख लोगों प्रतिदिन खाना खिलाएंगे। यह संख्या कल (28 मार्च) से बढ़ कर दोगुनी हो जाएगी। कल से दिल्ली सरकार 4 लाख लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाएगी। हम केंद्रों को जगह-जगह बांट रहे हैं, ताकि लोगों को खाना खाने के लिए ज्यादा दूर तक चल कर नहीं जाना पड़े।


विधायकों को अपने क्षेत्र में भूखों को खाना खिलाना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी, मदद करने वाली संस्थानों को धन्यवाद


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैने अपने सभी विधायकों को बोला है कि उनकी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के अंदर समाज के लोगों के साथ मिल कर सुनिश्चित करें कि कोई भूखा न सोने पाए। इस दौरान सामाजिक दूरी भी बनी रहे, इसका अवश्य ध्यान रखना है। ऐसा न हो कि खाना तो खिला दें, लेकिन कोरोना वहीं से फैलना शुरू हो जाए। ऐसे में यह लाॅक डाउन बेकार चला जाएगा। अगर हमने इन केंद्रों पर सामाजिक दूरी को बना कर नहीं रखा और यहां से कोरोना फैलता है, तो लाॅक डाउन बेकार चला जाएगा। इसलिए हर हाल में सामाजिक दूरी बना कर रखनी है। मैं देख रहा था कि रैन बेसेरों में बहुत अच्छा इंतजाम चल रहा है। वहां लोगों को दूर-दूर बैठा कर खाना खिलाया जा रहा है। वे मास्क भी अच्छे से पहन रहे हैं। कई सारी सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं मदद के लिए साथ आई हैं। ईस्काॅन, राधा स्वामी और गुरूद्वारा वाले बहुत मदद कर रहे हैं। यह सरकार की भी मदद कर रहे हैं और खुद भी खाने के कई केंद्र चला रहे हैं। इसके अलावा भी कई संस्थाएं मदद कर रही हैं। इसमें से कई लोगों के नाम लेना भूल रहा हूं, तो उसके लिए माफ कीजिएगा। सभी लोगों को जनता की तरफ से मैं धन्यवाद करता हूं।


दिल्ली में रह रहे देश भर के लोग अब हमारे अपने हैं, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी और ममता दीदी के सोशल मीडिया पर संदेश आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि झारखंड और बंगाल के जितने लोग दिल्ली में रह रहे हैं, उनका ख्याल रखिए। मुख्यमंत्री ने का कि दिल्ली में यूपी और बिहार के लोग भी रह रहे हैं। मैं सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि दिल्ली की सीमाओं के अंदर जो लोग रह रहे हैं, उन सभी लोगों की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। यह सभी लोग बिहार, झारखंड, बंगाल, तमिलनाडु, केरला या कहीं के रहने वाले हों, लेकिन अब वो हमारे साथ हैं और वो अब हमारे हैं। आप सभी बिल्कुल चिंता मत कीजिए। एक-एक व्यक्ति का हम ख्याल रखेंगे। एक-दो दिन कुछ दिक्कतें आई थी, लेकिन अब किसी को खाने की दिक्कत नहीं होने देंगे। दिल्ली देश की राजधानी है और दिल्ली देश का दिल है। पूरे देश से लोग आकर यहां पर रहते हैं। मैं सभी अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और लोगों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि दिल्ली में जो भी रह रहे है कि उन्हें कम से कम तकलीफ हो। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि किसी को बिल्कुल भी तकलीफ नहीं होगी। यह बहुत कठित समय है। सबको तकलीफें हो रही हैं और सब लोग तकलीफों का सामना भी कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है कि सबको कम से कम तकलीफ हो।


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