हमें अपने जीवन को फिर से रास्ते पर लाना है,सुनहरे भविष्य के लिए सपनों को स्वरूप देना है-मनीष सिसोदिया

नयी दिल्ली - उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों के सरकारी स्कूलों में पीटीएम का आयोजन हुआ। जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री  मनीष सिसोदिया ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बच्चों से मुलाकात व बात की। वह सर्वोदय कन्या विद्यालय जाफ़राबाद, राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय गोकुल पुर और राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, यमुना विहार (ब्लॉक -2) पहुँचे थें। मनीष सिसोदिया ने बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और उन्हें इस बात की प्रेरणा दी की वे अपने आत्मविश्वास को किसी भी तरह हिंसा के कारण कमजोर ना पड़ने दें बल्कि अपने पढ़ाई पर ध्यान दें।



दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विशेष पेरेंट्स टीचर मीटिंग(पीटीएम) का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य हिंसा के बाद बच्चों में उनका विश्वास वापस लाना और उनके परिवारों को इस बात का भरोसा दिलाना था कि वे बच्चों को वापस स्कूल भेजना शुरू करें। पेरेंट्स टीचर मीटिंग में शामिल होने दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह एक प्रयास है कि हमें अपने जीवन को फिर से रास्ते पर लाना होगा। और जिसके लिए  यह जरूरी है कि हम अपने मन के अंदर भरी नफरत को खत्म करें और एक बार फिर से प्रेम और सौहार्द का वातावरण शुरू करें। यह वो समय हैं जब हमें गलियों में फैली हिंसा के खौफ़नाक मंजर से निकलकर बेहतर भविष्य की सपने की ओर देखना होगा। इस पीटीएम का उद्देश्य बच्चों के अंदर अपने परिवार द्वारा संजोये गए सपनों और स्वयं के लिए मजबूत भविष्य तैयार करने की इरादों को फिर से रूप देना है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस मीटिंग में बच्चों के साथ उनके पैरेण्ट्स काफी तादाद में मौजूद हैं।


 मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि "बोर्ड की परीक्षायें चल रही हैं और बच्चे अपने परीक्षा केंद्रों पर जाते हैं इसलिए सामान्य कक्षायें नहीं संचालित हो रही और जिसके कारण बच्चे अपनी शिक्षकों के संपर्क में नहीं है। इन इलाकों में हिंसा हो जाने से बच्चों के मन में एक भय व्याप्त है। जिसे समाप्त करने के लिए ये मीटिंग बेहद महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि बच्चों को एक मौका दिया जाए कि वे अपने टीचर्स से मिलकर बात कर सकें और परेशानियाँ साझा कर सकें।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बच्चों से यह भी पूछा कि उनका पहला पेपर कैसा हुआ? और क्या वे अभी भी घर से बाहर निकलकर अपनी परीक्षा देने जाने में डर रहे हैं? बच्चे अपने पहले पेपर के बारे में काफी खुश दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि वे शिक्षा मंत्री से बात के बाद काफी सहज महसूस कर रहे हैं।


 मनीष सिसोदिया ने पीटीएम आयोजन के पीछे का कारण बताया कि बोर्ड की परीक्षा दे रहे बच्चों में आत्मविश्वास लाना बेहद जरूरी है। हिंसा वाले इलाकों में बहुत से परिवार प्रभावित हुए हैं जिनके बच्चे बोर्ड परिक्षाओं में शामिल हो रहे थे। 26 व 29 फरवरी की बोर्ड परीक्षायें टाल दी गयीं थी। और इन इलाकों के बच्चों में हिंसात्मक वातावरण के कारण अभी भी भय है। जिसे समाप्त करना बेहद जरूरी है। किसी भी बच्चे का भविष्य हिंसा की वजह से खराब न हो, दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा निदेशालय ने विशेष पीटीएम का आयोजन किया। जिससे सीबीएसई द्वारा निर्धारित की गई नई परीक्षा तिथियों के बारे में जानकारी दी जा सके। क्योंकि शिक्षा निदेशालय की सीबीएसई के साथ संवाद के आधार पर ऐसे बच्चों को फिर से परीक्षा का मौका देने की बात कही गयी है जो 7 मार्च तक परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते। इस मीटिंग के दौरान बच्चों को यह भी बताया कि यदि उन्होंने 26 फरवरी से 7 मार्च के बीच कोई परीक्षा छोड़ दी है तो उसके लिए उन्हें कैसे पंजीकरण कराना होगा?


शिक्षा निदेशालय ने इस मीटिंग में बच्चों और पैरेण्ट्स को सामान्य वार्षिक स्कूल परीक्षा (इंटर्नल एग्ज़ाम) के भी नये शेड्यूल की जानकारी दी गयी जो कि हिंसा के कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली और आस पास के इलाकों में फैली हिंसा के कारण स्थगित कर दी गयी थी।


इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने बच्चों और उनके पैरेण्ट्स से भी बात की, उनकी हौसलाफ़जाई की जिससे कि बच्चे वापस स्कूल आ सकें। स्कूलों के प्रमुखों (प्रिंसिपल्स) को ये भी निर्देश दिये गये कि वे ऐसे बच्चों की सही से लिस्ट व रिकॉर्ड तैयार करें जिनकी परीक्षा छूटी है और ये रिकॉर्ड सीबीएसई के साथ साझा करें। शिक्षा निदेशालय ने प्रिंसिपल्स को हिंसा प्रभावित इलाकों के बच्चों को यूनिफॉर्म और स्टेशनरी देने के प्रबंध करने के भी निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोना वायरस के संबंध में भी बच्चों से बात की और नियमित तौर पर हाथ साफ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं चल रही हैं, अब हम आने वाले समय में बच्चों को कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में देते हुए जागरुकता अभियान चलाएंगे।


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