हिंदी के प्रति हीनभावना से बाहर आना होगा : शांता कुमार

शिमला -सोलन के संस्कृत कालेज में हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज द्वारा साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।  यह आयोजन तीन दिन तक चला। इस 72 वे सम्मेलन की शुरुआत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा किया गया।  इस अवसर पर प्रधानमंत्री विभूति मिश्र ,डॉ० राजेंद्र अभिराज,राजेंद्र मिश्र,श्याम चंद्र पांडये , पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफत , डॉ राधा रमण शास्त्री , हरियाणा से वरिष्ठ साहित्यकार/समीक्षक सुरेखा शर्मा,प्रमुख संयोजक डॉ०उत्तम चंद इत्यादि उपस्थित रहे।



 इस अवसर पर शांता कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा को उसका न्यायोचित स्थान प्रदान करने के लिए हम सभी को हिंदी के प्रति हीनभावना से बाहर आना होगा और अपनी मानसिकता को बदलना होगा। शांता कुमार ने आगे कहा कि विदेशी आक्रांताओं भारत पर अपने धर्म और भाषा को थोपने का प्रयास किया।  उन्होंने कहा कि हम सभी को समझना होगा कि हम अंग्रेजी भाषा से नहीं अपितु अंग्रेजी भाषा की दासता से मुक्ति की बात कर रहे हैं। सम्मेलन में देश भर के साहित्यकारों ने भाग लिया।  



72 वें अधिवेशन सोलन, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग के अधिवेशन में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार सुरेखा शर्मा ने इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री शांताकुमार का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया । सम्मेलन के सचिव  श्याम कृष्ण पाण्डेय द्वारा सफल मंच संचालन किया गया।


इस तीन दिवसीय साहित्य सम्मेलन में देश भर के साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य के वर्तमान और भविष्य के स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही वर्तमान समय में डिज़िटल मीडिया का साहित्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी गंभीर रूप से विचार विमर्श किया।  


इस अवसर पर गरिमा संजय की पुस्तक का लोकार्पण सम्मेलन के प्रधानमंत्री विभूति मिश्र,सभापति सूर्य प्रसाद दीक्षित,सचिव श्याम कृष्ण पाण्डेय,पूर्व मुख्य मंत्री शांता कुमार,महामहिम बंडारू दत्तात्रेय सम्मेलन के सचिव श्याम कृष्ण पाण्डेय द्वारा गरिमामय पूर्ण किया गया ।


 


 


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