सेंसेक्स,निफ्टी में आखिर दिखी तेजी 


नयी दिल्ली -  सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपने महत्वपूर्ण लेवल पर वापस लौट आए हैं। मार्केट बंद होने तक निफ्टी-50 190.80 पॉइंट ऊपर चढ़कर 7,801.05 और सेंसेक्स 692.72 पॉइंट ऊपर चढ़कर 26,674.03 पर बंद हुआ। भारतीय बाजारों में तेजी के साथ अन्य एशियाई बाजारों निकेई, हैंग सेंग, एससीआई और कोस्पी भी बढ़त में रहे। मार्केट को सरकार से एक बेहतर प्रोत्साहन पैकेज की अपेक्षा थी। निफ्टी जहां 7900 अंकों पर ट्रेड कर रहा था, वहीं सेंसेक्स 27000 के आसपास था, जब वित्तमंत्री ने 20 मिनट का संबोधन दिया और इसके तुरंत बाद मार्केट में 150 से 200 पॉइंट की तेजी देखने को मिली। खैर सरकार द्वारा किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा न होने से निवेशकों में निराशा हुई और फिर एक राउंड की बिकवली हुई। सकारात्मक बात यह रही है कि अंतिम 30 मिनट में मार्केट अपने महत्वपूर्ण लेवल में वापस आ गया।


अमेरिकी और यूरोपीय डेटा का आना बाकी:


यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों का डेटा बाद में आएगा और इससे विश्व की आर्थिक स्थिति की असल तस्वीर का पता चल पाएगा। कुछ आकलन में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरोनावायरस के कारण दूसरी तिमाही में जीडीपी में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। यहां पर यह बात ध्यान रखने योग्य है कि जब तक यह पब्लिश होगा, तब तक कुछ चीजें पुरानी हो चुकी होंगी। ऐसा कोरोनावायरस के तेजी से फैलने और बाजार में तेज गिरावट के कारण हो सकता है। आज यूएस फ्यूचर में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अपर सर्किट लगा।


इंफोटेक और एनर्जी:


बीएसई, एस&पी बीएसई इंफोटेक स्टॉक्स बेस्ट परफॉर्मर बनकर उभरे। इन्होंने आज के दिन में कुल 6.95 फीसदी का मुनाफा कमाया। इसी प्रकार एनएसई में सभी आइटी कंपनियों में कुल 6.91 फीसदी की तेजी देखने को मिली। इसके बाद एमएनसी और एफएमसीजी कंपनियों में क्रमश: 3.87 फीसदी और 3.24 फीसदी की कमी देखने को मिली है। एनर्जी स्टॉक में आरआईएल में 6.7 फीसदी, ओएनजीसी में 3.39 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एनर्जी में जीओसीएल 8.93 फीसदी की गिरावट के साथ सबसे बड़ा लूजर रहा। इसके बाद अडाणी गैस में 8.08 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।


भारतीय परिदृश्य :


हालांकि सब कुछ अच्छा नहीं है, पर भारत के लिहाज से बेहतर बात यह है कि कोरोनावायर के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम कर रहा है। आज कोई भी देख इस वैश्विक महामारी से अछूता नहीं रहा है। खैर, भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने और कंज्यूम दोनों करने की क्षमता है, इसलिए आर्थिक मंदी से उभरने में आसानी होगी। इसके साथ ही इससे क्षमता का निर्माण भी होगा।


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