स्टैंज़ा लिविंग हर हफ़्ते दिहाड़ी मजदूरों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को 5000 मील पैकेट बांटेगा 


नयी दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी शेयर्ड लिविंग कंपनी स्टैंज़ा लिविंग ने दिल्ली, बैंगलोर, पुणे, हैदराबाद और इंदौर में प्रत्येक सप्ताह 5000 मील पैकेट्स की आपूर्ति के लिए फूड डिस्ट्रिब्यूशन अभियान शुरू किया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ हाथ मिलाकर कंपनी लॉकडाउन में फंसे और संसाधनों की कमी से प्रतिकूलता का सामना  कर रहे लोगों को भोजन उपलब्ध कराएगी।


स्टैंज़ा लिविंग अधिकारियों द्वारा चिन्हित क्षेत्रों में स्वच्छता से तैयार भोजन की आपूर्ति करेगी, जहां प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों जैसे महामारी से प्रभावित लोगों की मदद की जा सकेगी। यह स्थानीय निकायों के ऑन-ग्राउंड स्टाफ, फ्रंटलाइन सिविल वर्कर्स और अन्य को भी भोजन उपलब्ध कराएगी। अपनी इस पहल के बारे में बात करते हुए स्टैंज़ा लिविंग के एमडी और सह-संस्थापक संदीप डालमिया ने कहा, “एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हमारा मानना है कि हमें कठिन समय में समुदाय के साथ देने के लिए अपने संसाधनों का लाभ उठाना चाहिए। हमारा फूड डिस्ट्रिब्यूशन अभियान इस दिशा में एक छोटी-सी कोशिश है ताकि हम सबसे कमजोर तबके और सीमित समर्थन के साथ जमीन पर लगातार काम करने वालों को राहत प्रदान कर सके। हम प्रभावी ढंग से पहल करने और हमारे देश के सामूहिक राहत प्रयासों में योगदान देने के लिए स्थानीय पुलिस अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। "


महामारी के मद्देनजर स्टैंज़ा लिविंग ने हाल ही में समुदाय-केंद्रित चुनौतियों को संबोधित करने और समाधान के उद्देश्य से यह पहल की है। लॉकडाउन के कारण विभिन्न शहरों में फंसे लोगों के लिए अपने आवास को किफायती दरों पर उपलब्ध कराया है। इसके अलावा कंपनी स्थानीय अधिकारियों और सरकारी निकायों को भी आवास उपलब्ध कर रही है जो उन्हें आइसोलेशन/ क्वारेंटाइन उद्देश्यों के लिए आवश्यक हैं। स्टैंज़ा लिविंग ने सह-संस्थापकों के योगदान से समर्थित ऑन-गोइंग एम्प्लॉई कंटिन्जेंसी फंड भी बनाया है, जिसमें कंपनी के 10 से अधिक शहरों में कर्मचारियों ने अपने वेतन का एक हिस्सा देने का संकल्प लिया है। यदि कंपनी का कोई कर्मचारी कोरोनावायरस से पीड़ित होता है तो इस फंड का इस्तेमाल उस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में किया जाएगा।


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