बाजारों ने इंट्रा-डे में कमाया लाभ आखिरी घंटे में गंवाया


नयी दिल्ली -  कारोबारी सत्र में मुनाफावसूली से बाजार निगेटिव नोट पर बंद हुआ। इंट्रा-डे ट्रेड्स के अंतिम घंटों में बेंचमार्क सूचकांक मामूली नुकसान के साथ समाप्त हुए और उन्होंने इंट्रा-डे में कमाया लाभ गंवा दिया। सेंसेक्स 81.48 या 0.26% की गिरावट के साथ 31561.22 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 12.30 अंकों या 0.13% की गिरावट के साथ 9239.20 पर बंद हुआ। ऑटो सेक्टर में मजबूत तेजी का रुख दिखा, जिससे इंट्रा-डे ट्रेड में निफ्टी ऑटो इंडेक्स 4% चढ़ गया। कारोबारी सत्र के दौरान 1084 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 1280 शेयरों ने नुकसान दर्ज किया और 186 शेयर अपरिवर्तित रहे। अमर देव सिंह, हेड एडवायजरी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड


ऑटोमोबाइल क्षेत्र में, हीरो मोटोकॉर्प निफ्टी-50 इंडेक्स में 6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,082 रुपये पर बंद होकर टॉप पर रहा, जबकि टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो और मारुति सुजुकी भी पॉजीटिव नोट पर बंद हुए। अन्य शेयर जिन्होंने लाभ कमाया उनमें भारती इंफ्राटेल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और वेदांता शामिल थे।


बैंकिंग क्षेत्र और निफ्टी बैंक के लिए बुरी खबरें जारी रहीं और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेस 1.5 प्रतिशत से अधिक गिर गया। कोविड-19 के प्रकोप के कारण वित्तीय संस्थानों में लोन डिफॉल्ट बढ़ने की उम्मीदें बढ़ रही हैं। वित्तवर्ष की चौथी तिमाही में 1,221.36 करोड़ रुपए के साथ शुद्ध लाभ में 26 प्रतिशत की बढ़त पाने वाले आईसीआईसीआई बैंक की कीमतें 4.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। बैंकिंग स्पेस में अन्य लूजर्स में कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल थे। बैंकिंग क्षेत्र के बाहर अन्य लूजर्स में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान यूनिलीवर, डॉ रेड्डीज लैब्स, नेस्ले इंडिया और टेक महिंद्रा शामिल थे।


आरआईएल ने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 10 लाख करोड़ पर फिर से कब्जा किया है।  कंपनी ने 84% की रिकवरी की है, जो 52 हफ्तों के निम्नतम स्तर से मिडकैप के 1614.85 रुपए के उच्च को छूने से हिट हुआ। कंपनी के मजबूत रिबाउंड ने खरीदारों का विश्वास बढ़ाया, इसलिए इंट्रा-डे सेशन में स्टॉक में मजबूत खरीद देखी गई। मौजूदा कोविड-19 महामारी के बावजूद कंपनी को कर्ज मुक्त बनाने के प्रबंधन के प्रयासों के बाद दलाल स्ट्रीट पर आरआईएल ने आज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया


अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 19 पैसे फिसलकर 75.73 के स्तर पर बंद हुआ और देश में कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों ने निवेशकों की भावनाओं को परखा। भारतीय रुपया 75.55 पर खुला और बाद में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 75.73 पर बंद हुआ और 19 पैसे नीचे आ गया। सकारात्मक घरेलू इक्विटी ने स्थानीय इकाई को सपोर्ट दिया, और प्रतिभागी कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं, जो अर्थव्यवस्था को नीचे खींच रहा है।


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