शान के गीत 'ओ टीचर शुक्रिया' के साथ राष्‍ट्रव्‍यापी पहल शुरू

नयी दिल्ली - हम सभी अपने स्‍कूल और कॉलेज के दिनों के उन टीचर्स को बहुत याद करते हैं जिन्‍होंने हमें हर रोज नई-नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित किये। हमारे मन में अक्‍सर यह ख्‍याल आता है, काश! हम उनके प्रति बेहतर तरीके से कृतज्ञता प्रकट कर पाते जिन्‍होंने अपने बहुमूल्‍य मार्गदर्शन से हमारे जीवन को संवारा। भारत के प्रमुख अर्ली चाइल्‍डहुड एजुकेशन व के-12 कंपनी, यूरोकिड्स इंटरनेशनल ने इसी उद्देश्‍य से सोशल व डिजिटल चैनल्‍स पर अपनी 'टीचर माय सुपरहीरो' पहल शुरू की है। 



यह पहल कोविड-19 महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान देश भर में शिक्षकों के कार्यों व प्रयासों को उजागर करने पर केंद्रित है। जब महज दो हफ्तों के भीतर सभी स्‍कूलों और कॉलेजों के सभी उम्र के लाखों छात्रों की पढ़ाई बाधित हो गई, तो शिक्षकों ने वर्चुअल कक्षाओं व अन्‍य प्‍लेटफॉर्म्‍स के जरिए अपने छात्रों से जुड़ने हेतु कदम उठाया ताकि पढ़ाई जारी रहे और इस प्रकार, देश में शिक्षा के एक नये तरीके की शुरुआत की। 


यूरोकिड्स इंटरनेशनल ने  'टीचर माय सुपरहीरो' कैंपेन शुरू किया। इस उपलक्ष्‍य में, बॉलीवुड के मशहूर गायक, शान द्वारा लिखे व गाये गीत 'ओ टीचर शुक्रिया' रिलीज किया गया, ताकि हमारे बच्‍चों के लिए घर से पढ़ाई करने की सुविधा प्रदान हेतु शिक्षकों द्वारा किये गये प्रयासों को अभिनंदन किया जा सके। 


शान और स्‍वरात्‍मा व व्‍हेन चाय मेट टोस्‍ट जैसे बैंड्स के साथ आयोजित एक वर्चुअल इवेंट के दौरान, यूरोकिड्स इंटरनेशनल के फेसबुक चैनल https://www.facebook.com/EurokidsInternational पर यह गीत रिलीज किया गया और निर्बाध शिक्षा उपलब्‍ध कराने वाले योद्धाओं अर्थात् शिक्षकों को सलाम किया गया। #TeacherMySuperHero एक आनंदायक पहल है जो शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने हेतु लोगों को मंच प्रदान करती है। यूरोकिड्स ग्रुप के स्‍कूल - यूरोकिड्स प्रीस्‍कूल, यूरोस्‍कूल इंटरनेशनल, कंगारू किड्स प्रीस्‍कूल और बिल्‍लाबोंग हाई इंटरनेशनल द्वारा इस पहल को 1,100 से अधिक प्रीस्‍कूल और 30 से अधिक स्‍कूलों के साथ मिलकर सामूहिक रूप से देश भर में ले जाया जायेगा। 


यूरोकिड्स इंटरनेशनल के सह-संस्‍थापक व ग्रुप सीईओ, प्रजोध राजन ने कहा, "आज हमारे समाज में एक शिक्षक का योगदान अक्सर अप्राप्य है, लेकिन हर पीढ़ी को समृद्ध करने में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है।" यह हमारे लिए हाथ मिलाने और शिक्षण समुदाय की सराहना करने का समय है, जो हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देता रहेगा और हम उन लोगों को भी सलाम करते हैं जिन्होंने आज हमारे रास्ते में हमारी मदद की है। इस पहल को चलाने के लिए हमारे सभी ब्रांड एक साथ आ रहे हैं, और मैं अन्य स्कूलों और संस्थानों से इस अभियान को आगे बढ़ाने में शामिल होने का आग्रह करता हूं। यह कम से कम हम उन लोगों के प्रति कर सकते हैं जो अपना जीवन हमारे बचपन और हमारे बच्चों को आकार देने में बिताते हैं।


शान ने कहा, अक्सर, हम उन लोगों को स्वीकार करने में विफल होते हैं जो हमें मदद करते हैं कि हम कहाँ हैं। मुझे इस गीत का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करने के लिए अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता की गहरी भावना थी, जिन्होंने मुझे वह व्यक्ति बनाया है जो मैं हूं। और मैं देश भर के हजारों शिक्षकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस अवसर के लिए आभारी हूं, जो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महामारी के कारण हमारे आसपास की बाधाओं के बावजूद शिक्षा निर्बाध है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले