द क्रिएटिव निर्वाणा द्वारा आर्ट के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने की पहल

नयी दिल्ली - द क्रिएटिव निर्वाणा कला का उपयोग करके सामाजिक मुद्दों की सार्वजनिक चेतना बनाने का एक प्रयास है। हमारा उद्देश्य बड़े पैमाने पर युवाओं को सामाजिक और वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए रचनात्मक विचारों के साथ अंकुरित करना है।



10 मई 2020 को, हमने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अपनी पहली अखिल भारतीय कला प्रतियोगिता “द महाARTमा @ 150” लॉन्च की। प्रतियोगिता का विषय 'रीसायकल फॉर द लाइफ साइकिल' था। प्रतियोगिता में बच्चों और 15-21 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों को न केवल रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन करने में मदद की, बल्कि सामाजिक जागरूकता पैदा करने में भी मदद की। इसने युवा दिमागों को इन विषयों पर सोचने, समझने के साथ ही उनकी कलात्मक्ता और रचनात्मकता को भी बढ़ावा दिया। हमें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और पूरे देश से 250 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से हमारे सम्मानित ज्यूरी ने 20 सेमी-फाइनलिस्ट चुने।


इन 20 सेमीफाइनलिस्टों को सार्वजनिक मतदान के लिए हमारे सामाजिक हैंडल्स पर प्रदर्षित गया था।कठोर चयन प्रक्रिया में कलाकृति, मूलविषय, प्रतिभागी का विश्वास, सार्वजनिक मुद्दों के बारे में जागरूकताऔरजनता के सामने संवाद करने की क्षमता शामिल थी।इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद 10 फाइन लिस्ट चुने गए। इन 10 प्रतियोगियों को उनकी कलाकृति के पीछे की सोच और अवधारणा को समझाते हुए एक वीडियो बनाने के लिए कहा गया।इस वीडियो के आधार पर हमारी प्रतिष्ठित ज्यूरी ने विजेताओं का फैसला किया।
प्रतियोगिता के विजेता: 
प्रथम पुरस्कार– सात्विक तिवारी, एसरपब्लिकस्कूल, नॉएडा(₹10,000/- नगद पुरस्कार के विजेता) द्वितीय पुरस्कार– नीलिमा ब्यहुत, स्वामीश्रद्धानन्दकॉलेज, दिल्ली(₹5,000/- नगद पुरस्कार कीविजेता) तृतीय पुरस्कार – अनुज श्रीवास्तव, एमिटीइंटरनेशनल, नॉएडा(₹3000/- नगद पुरस्कार के विजेता)


सांत्वनापुरस्कार   – रेशमा ख़ातून, हाई सेकेंडरी स्कूल, गैरताला, मध्य प्रदेश(₹.2,000/- नगद पुरस्कार के विजेता)
उज्जवल चौधरी, आईआईएमटीअकडेमी, मेरठ
श्रेयसी पाठक,एसएसइंटरकॉलेज, वाराणसी आने वाले समय में, हमारी रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कला, ग्राफिक डिज़ाइन, एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, वीडियो एडिटिंग, आदि में कई और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को आयोजित करने की योजना है। अगर हम प्रतिभाशाली युवाओ की पहचान करके, इन युवाओ को वैश्विक सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक मुद्दों के बारे में जानने और उनका पोषण करने के लिए सक्षम बना पाते हैं, तो द क्रिएटिव निर्वाणा का उद्देश्य पूर्ण होगा।


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