‘3एम-सीआईआई यंग इनोवेटर्स चैलेंज अवॉर्ड्स 2020’ से विजेताओं का सम्मान 


बैंगलुरू : 3एम इंडिया ने बैंगलुरू में आयोजित 16वें सीआईआई इनोवेशन समिट 2020 के दौरान प्रतिष्ठित 3एम-सीआईआई यंग इनोवेटर्स चैलेंज अवॉर्ड्स के सातवें संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। इस साल के चैलेंज का विषय था “Resilience and Resurgence: Innovating for Society 5.0”। जजों ने विभिन्न प्रकार की प्रविष्टियों को स्वीकार किया, जिनमें बुजु़र्गों, दिव्यांगों, स्वास्थ्यसेवा कर्मियों एवं कृषि कर्मियों के लिए आधुनिक टेक समाधान शामिल थे। प्रतियोगिता में तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गयाः इनोवेशन, उद्यमिता और स्थायी जीवनशैली। प्रतियोगिता ने ऐसे युवा इनोवेटर्स को आकर्षित किया, जिनके आधुनिक विचार समाज कल्याण के लिए क्रान्तिकारी साबित हो सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए शानदार प्रतिक्रिया मिली, देश भर से 2500 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।


ब्राण्ड 3एम को अपनी आधुनिक संस्कृति के लिए जाना जाता है। इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने और देश भर के इनोवेटर्स को एक समावेशी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए 3एम इंडिया ने 2014 में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (सीआईआई) के साथ हाथ मिलाए। इस चैलेंज के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, पर्यावरण, प्रशासन और/ या समावेशी विकास के क्षेत्रों में आइडियाज़ और प्रोजेक्ट्स को आमंत्रित किया जाता है। इसकी सफलता की पुष्टि इस बात से होती है कि पिछले सालों के दौरान प्रतियोगिता तेज़ी से लोकप्रिय हुई है, 2019 में इसके लिए 800़ प्रविष्टियां आईं, जो 2020 में बढ़कर 2500़ हो गईं। रोचक तथ्य यह है कि ‘ग्रामीण इनोवेशन’ कैटेगरी ते़ज़ी से लोकप्रिय हो रही है और तीसरे साल में प्रविष्टियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


पिछले साल से चुनाव एवं एंगेजमेन्ट प्रक्रिया लगातार विकसित हुई है, 3एम ने प्रतियोगिता के आयोजन में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। पिछले साल की तुलना में मूल्यांकन प्रक्रिया में संशोधन किए गए हैं, प्राथमिक अवस्थाओं में उम्मीदवारों के मूल्यांकन के लिए बाहरी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इसी बीच, फाइनल मुकाबले में जज पैनल का विस्तार किया गया, 3-4 सदस्यों की जूरी से विस्तारित कर हर श्रेणी के लिए 4 सदस्यों का एक्सक्लुज़िव पैनल बनाया गया। इस पैनल में सामाजिक क्षेत्र, कॉर्पोरेट क्षेत्र के विशेषज्ञ तथा अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं। सम्पूर्ण चैलेंज का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया, प्रतियोगिता को रोचक बनाने के लिए विशेष प्रश्नोत्तर सत्रों (Ask Me Q&A) का आयोजन भी किया गया।


इस साल छह विजेता रहे, सर्विस इनोवेशन, प्रोडक्ट इनोवेशन और रूरल एण्ड इन्क्लुज़िव इनोवेशन की प्रत्येक श्रेणी में दो विजेता घोषित किए गए। हर कैटेगरी में दो पुरस्कार घोषित किए गए, अवधारणात्मक प्रोटोटाईप के साथ ठोस निष्पादन योजनाओं के लिए ‘आइडिया पुरस्कार’ तथा संस्थागत या व्यक्तिगत स्तर पर सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार प्रभाव के लिए ‘इम्पैक्ट पुरस्कार’। साथ ही, इस साल जजों ने विशेष टीम-स्पेशल मेंशन- का उल्लेख करने का फैसला भी लिया, जिसके आइडियाज़ पर विशेष रूप से रोशनी डाली जानी चाहिए। विजेताओं को कुल रु 3,00,000 के पुरस्कार तथा स्पेशल मेंशन को रु 1,50,000 के पुरस्कार दिए गए।


विजेताओं को बधाई देते हुए श्री रमेश रामदुराई, मैनेजिंग डायरेक्टर, 3एम इंडिया ने मौजूदा प्रणाली में इनोवेशन के बढ़ते महत्व पर बात करते हुए कहा, ‘‘3एम  में, हम समझते हैं कि इनोवेशन समावेशी, लागत प्रभावी और स्थायी होना चाहिए। हमारा मानना है कि स्टैम शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना ज़रूरी है। देश भर के युवा इनोवेटर्स को पहचान कर उन्हें प्रेेरित करने के लिए सीआईआई के सहयोग से हमने इस पुरस्कार की शुरूआत की है।’’  


विजेता परियोजनाएं ,श्रेणीः ग्रामीण एवं समावेशी इनोवेशन,इम्पैक्ट पुरस्कार,परियोजना का विषयः बस्तर से बाज़ार तक, प्रतिभागी,संदीप साहू, आइडिया का सारांश: यह संगठन उत्तरी बस्तर, छत्तीसगढ़ में फसल की कटाई के बादे नुकसान को कम करने, प्राकृतिक वन उत्पादों के निर्माण तथा सामुहिक प्रयासों के ज़रिए स्थानीय रोजगार को समर्थन प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। आइडिया पुरस्कार,परियोजना का विषयः सब्जीकोठी/ प्रीज़रवेटर,प्रतिभागीः निक्की कुमार झा, आइडिया का सारांश: एक अनूठा प्रीज़रवेटर, यह इनोवेशन ताज़ा फलों और सब्ज़ियों के स्थानान्तरण के लिए व्हील माउन्टेबल स्टोरेज है। यह लागत प्रभावी, आईओटी इनेबल्ड, माइक्रोक्लाइमेट आधारित, लाभाकारी स्टोरेज है, जो फलों और सब्ज़ियों की शेल्फ-लाईफ बढ़ाता है। उन्हें 5-30 दिनों तक ताज़ा रखता है।


श्रेणीः प्रोडक्ट इनोवेशन,इम्पैक्ट पुरस्कार,परियोजना का विषयः एन लाईट 360,प्रतिभागीः अखिथा कोलोजु,आइडिया का सारांश: यह नवजात शिशु में जॉन्डिस यानि पीलिया के लिए इंटेलीजेन्ट फोटोथेरेपी डिवाइस है जो एआई-पावर्ड है तथा बच्चे में इस स्थिति की पहचान करती है। यह डिवाइस नवजात शिशुओं में हर जॉन्डिस के लिए सही इलाज देती है। आइडिया पुरस्कार,परियोजना का विषयः एंकल रीहेबिलिटेशन,प्रतिभागीः कार्तिक एम, धामो थरन के, अरविंद आरएम, आइडिया का सारांश:इस डिवाइस का उपयोग स्ट्रोक के कारण फुट ड्रॉप से पीड़ित मरीज़ों की समस्या के समाधान के लिए किया जाता है।


श्रेणीः सर्विस इनोवेशन,इम्पैक्ट पुरस्कार,परियोजना का विषयः समत्वा,प्रतिभागीः निहाल उमेश कोनन,आइडिया का सारांश: यह दिव्यांगों के लिए अनूठा इनोवेशन है, जो उन्हें मल्टीनेशनल कंपिनयों में स्मार्ट, विविध एवं अनुकूल भर्ती प्रक्रिया उपलब्ध कराता है।आइडिया पुरस्कार,परियोजना का विषयः ईःसाथी- एक असिस्टिव यूआई प्लेटफॉर्म,प्रतिभागीः क्षितिज खंडेलवाल, मान गोयलआइडिया का सारांश: एक B2B SaaS SDK इनोवेशन जो विभिन्न स्थानीय भाषाओं में इंटरैक्टिव यूज़र इंटरफेस एवं ऑडियो विजु़अल सहायता केे ज़रिए पेटीएम एवं ऊबर जैसे ऐप्स के माध्यम से असिस्टिव हैण्डहोल्डिंग उपलब्ध कराता है।


विशेष सम्मान-इम्पैक्ट,परियोजना का विषयः तोड़ फोड़ और जोड़,प्रतिभागीः वैशाली शर्मा; अनिल प्रधान,आइडिया का सारांश: यह पहल प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के ज़रिए ग्रामीण छात्रों के लिए लर्निंग के अनुभव को बेहतर बनाती है। ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उनमें शिक्षा को बढ़ावा देना ज़रूरी है। उन्हें ऐसे ग्रामीण उद्यमियों में बदलना इस पहल का लक्ष्य है जो सभी समस्याओं के समाधान में सक्षम हों।


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

सारस्वत ब्राह्मण समाज द्वारा जिला जयपुर का होली मिलन समारोह आयोजित