माता का दरबार ( पैरोड़ी)


सुषमा भंडारी


तेरा सजा है दरबार ओ मैया
हो रही जय-जयकार ओ मैया
हर लो सारे संकट मैया 
डूब रही है जीवन नैया
दुनिया है उस में सवार ओ मैया
तेरा -----------
संकट कोरोना का छाया
जन- जीवन पल-पल घबराया 
त्रस्त हुआ संसार ओ मैया
तेरा-----
थम- सा गया है सारा जीवन
चुप्प है सारी धरती - आंगन 
है जन-जन लाचार ओ मैया
तेरा--------
छिप कर के दुश्मन ये आया
दुनिया को इसने चकराया
तू ही कर उपचार ओ मैया
तेरा-------
छूने से होती बीमारी
आई है ये विपदा भारी
जूझ रहा एतबार ओ मैया
तेरा ------


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

ग्रासरूट लीडरशिप फेस्टिवल में भेदभाव, छुआछूत, महिला अत्याचार पर 37 जिलों ने उठाये मुद्दे

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

घरेलू कामगार महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा का लाभ मांगा, कहा हमें श्रमिक का दर्जा मिले