संवेदना के स्वर’ का लोकार्पण-समारोह

० संवाददाता द्वारा ० 

गुरुग्राम हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान में राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, सेक्टर-14, गुरुग्राम के सभागार में सम्मेलन की प्रान्तीय उपाध्यक्ष व हरियाणा की वरिष्ठ महिला साहित्यकार सुरेखा शर्मा की काव्य-पुस्तक ‘संवेदना के स्वर’ का लोकार्पण-समारोह आयोजित किया गया। इससे पूर्व उनकी छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रस्तुत पुस्तक की भूमिका जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डाॅ॰ रामबक्ष द्वारा लिखी गई है तथा पुस्तक के फ्लैप पर मुद्रित ‘अभिमत’ द्रोणाचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुरुग्राम के हिन्दी विभाग की सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर प्रेमलता चैधरी द्वारा लिखा गया है।
समारोह में के॰एल॰पी॰ स्नातकोत्तर काॅलेज, रेवाड़ी के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर तथा लेखिका सुरेखा शर्मा के आदर्श काॅलेज, सफीदों के शिक्षाकाल 1977-1979 के गुरुवर डाॅ॰ दयाकिशन शर्मा ने मुख्य अतिथि व अध्यक्ष की भूमिका का निर्वाह किया। काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ॰ रमेश कुमार गर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। लेखिका सुरेखा शर्मा ने भावुकतापूर्ण शब्दों में कहा कि वे आज 43 वर्ष पश्चात् अपने गुरुवर डाॅ॰ दयाकिशन शर्मा से मिलकर रोमांचित व गौरवान्वित अनुभव कर रही हैं। अपने गुरु के प्रति आभार अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वे आज हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में जो कुछ भी हैं, वह उनके गुरुवर के परिश्रम का ही परिणाम है जिन्होंने उनकी हिन्दी का सुधार-परिष्कार किया और उन्हें हिन्दी विषय में एम॰ए॰ करने की प्रेरणा दी।
 समारोह में काॅलेज के संगीत विभाग की सहायक प्रोफेसर डाॅ॰ ललिता ने सरस्वती की संगीतमय वन्दना प्रस्तुत की। संगीत विभाग के अध्यक्ष डाॅ॰ लोकेश शर्मा ने कृष्ण भक्ति सम्बन्धी मधुर गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। समारोह में कवयित्री सुरेखा शर्मा का सम्मेलन के पदाधिकारियों व विभिन्न साहित्यकारों द्वारा फूल-मालाओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। सम्मेलन के संरक्षक डाॅ॰ कुन्दनलाल पटेल, अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी, कार्यकारी अध्यक्ष शशांक मोहन शर्मा तथा दिल्ली, फरीदाबाद व गुरुग्राम से पधारे अनेक साहित्यकारों व वक्ताओं ने कवयित्री के गरिमापूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। काॅलेज के हिन्दी विभाग के वरिष्ठ सहायक प्रोफसर डाॅ॰ अमितेश बोकन, सहायक प्रोफेसर डाॅ॰ राधा शर्मा, सहायक प्रोफेसर डाॅ॰ रश्मि जोशी तथा शहर के प्रमुख साहित्यकार राजपाल यादव ने लोकार्पित पुस्तक की सारगर्भित समीक्षाएँ  प्रस्तुत कीं। 

सम्मेलन के साहित्य मंत्री व काॅलेज के सेवानिवृत्त हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ॰ रघुबीर सिंह बोकन ने ‘साहित्य का स्वरूप और प्रभाव’ विषय पर विद्वतापूर्ण व मनोमुग्धकारी व्याख्यान दिया। सम्मेलन के द्वारा मुख्य अतिथि डाॅ॰ दयाकिशन शर्मा, काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ॰ रमेश कुमार गर्ग तथा प्रान्तीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन की वयोवृ( साहित्यकार सरोज गुप्ता को सम्मेलन के प्रति की गई उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। काॅलेज के संगीत विभाग के अध्यक्ष व संस्कृत-ज्ञाता डाॅ॰ लोकेश शर्मा ने सम्मेलन के यजमान पदाधिकारियों के सान्निध्य में पुरोहित की भूमिका का निर्वाह करते हुए पुष्प मालाओं, गंगाजल व आनुष्ठानिक पूजा-सामग्री सहित वैदिक विधि-विधानपूर्वक मन्त्रोच्चार करके फल-मंजूषा, अंगवस्त्र व स्मृति-चिन्ह प्रदान कर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा वयोवृ( साहित्यकार का सम्मान-अनुष्ठान सम्पन्न करवाया। डाॅ॰ लोकेश शर्मा के संगीतमय वैदिक मंत्रोच्चार ने सभागार के वातावरण को पूर्णतया यज्ञ-रूप में परिणत कर दिया। समारोह के अंत में मुख्य अतिथि डाॅ॰ दयाकिशन शर्मा ने साहित्य विषयक पाण्डित्यपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए अपनी शिष्या और समारोह की केन्द्रीय पात्र सुरेखा शर्मा को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। 

समारोह में डाॅ॰ अनुपमा शर्मा, वसुधा कौशिक, नरेन्द्र गौड़, त्रिलोक कौशिक, ब्रह्मप्रकाश यादव, ताराचन्द, रमेश राम, शीशराम जून, जयपाल सिंह, दौलतराम कौशिक, दिनेश वशिष्ठ, मनबीर राघव, अभय राज, नरेन्द्र धींगड़ा, लाड़ो कटारिया, कुमारी राज वर्मा, सुखवर्षा पाठक, प्रेम दहिया, राधा शर्मा, स्क्वाड्रन लीडर केदारनाथ शर्मा, डाॅ॰ सुदर्शन शर्मा, डाॅ॰ राजशेखर शर्मा, डाॅ॰ मधुलिका पटेल, बनवारी लाल सिंगला, कृपाल कौर छाबड़ा, सुनीता शर्मा, संदीप यादव, दीपिका यादव, नीलम यादव, सुदेश यादव, दीपक यादव, दिनेश गुप्ता, मोनिका शर्मा, गरिमा संजय, सविता उपाध्याय, दीपा सिंह, सुषमा भण्डारी, परिणिता सिन्हा, कमलेश कौशिक, बेबी हलधर सहित 112 व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज की अखिल भारतीय केन्द्रीय समिति की स्थायी सदस्य सुनीता मुकुल शर्मा तथा हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक डाॅ॰ मुक्ता मदान की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में डाॅ॰ अमितेश बोकन ने मंच संचालन किया।

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