नेप - 2020 को लेकर सीएसयू तथा इग्नू के बीच मेमोरेंडम औफ अन्डरस्टेंडिंग -कुलपति प्रो वरखेड़ी '

० योगेश भट्ट ० 

नयी दिल्ली
। कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा इग्नू के बीच एक ' समझौता ज्ञापन ' के अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह समझौता तो अग्नि की तरह संकेतित है जो वस्तुत: चेतना की तरह काम करेगी । उन्होंने कहा कि इग्नू जहां दुनिया की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है ,वहीं केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी संस्कृत के डोमेन में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है । अतः दोनों विश्वविद्यालयों के इस पांच वर्षीय अकादमिक समझौते से संस्कृत वैश्विक स्तर पर पहुंचेगी । इसके लिए हर संभव यह प्रयास करना होगा कि इसका लाभ संस्कृत के प्रति छात्र-छात्रा तक पहुंच सके ।
अतः विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में छात्र -छात्रा के लिए सजगता अभियान भी चलाना होगा क्योंकि अपने विश्वविद्यालय के द्वारा उठाया गया कोई भी कदम का प्रभाव बड़ा ही प्रभावी तथा दूरगामी होता है ।प्रो वरखेड़ी ने यह भी कहा कि यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रिय शिक्षा नीति - 2020 को ध्यान में रखते हुए किया गया है जिसके माध्यम से संस्कृत को लेकर मल्टी डीसीप्लीनरी (भगनी भाषा) पाठ्यक्रम बनाने पर भी बल देने की आवश्यकता है ।उन्होंने इस समझौते ज्ञापन के मार्गदर्शन के लिए शिक्षा मन्त्रालय को धन्यवाद करते हुए शिक्षा सचिव,भारत सरकार , श्री के. संजय मूर्ति की कृतज्ञता जताते हुए इग्नू के कुलपति प्रो नागेश्वर राव का भी आभार व्यक्त किया । कुलपति प्रो राव ने कहा कि इन दोनों विश्वविद्यालयों की केन्द्रीय तथा क्षेत्रीय संरचना लगभग एक जैसी ही है । अतः आपसी सहयोग से सभी भाषाओं की महत्ता को ध्यान में रखते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को वैश्विक स्तर पर लाया जा सकता है ।
दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों,उपकुलपतियों तथा उनके अनेक संकाय प्रमुखों तथा इनके सदस्यों और अधिकारियों के समक्ष केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा इग्नू के उपकुलपति क्रमशः प्रो रणजित कुमार बर्मन तथा प्रो श्रीकान्त महापात्र ने इस समझौते ज्ञापन पर अपने अपने हस्ताक्षर किये । उपकुलपति प्रो महापात्र ने मसौदे के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार के निर्देशन में इग्नू पहली बार भारत के किसी संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहा है ।इसका लक्ष्य सीएसयू तथा इग्नू के साथ मिल कर संस्कृत भाषा तथा इसकी ज्ञान राशि को विश्व तक पहुंचाना है ।इसमें औन लाईन पाठ्यक्रमों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और इसमें स्कील डेवेलपमेन्ट के साथ साथ वोकेशनल स्टडीज़ पर विशेष बल दिया जाएगा । 

सीएसयू को इग्नू के लगभग 270 ओपन लर्निंग व्यवस्था से जोड़ा जाएगा ।साथ ही साथ दोनों विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त कार्यशालाओं तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी चलाया जाएगा । ।और इस विश्वविद्यालय को इग्नू के' स्वयं प्रभा ' तथा 'ज्ञान वाणी ' आदि चैनल्स से भी जोड़ा जाएगा । दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे के स्टडी सेंटर पर अपने अपने केन्द्रों को भी खोलेंगे ।इससे संस्कृत तथा इसकी विद्या का प्रचार तथा प्रसार देश- विदेश में होगा । कुलसचिव प्रो बर्मन ने कहा कि आज समय की मांग है कि ज्ञान के समन्वित चिन्तन से अपने आप को संपुष्ट किया जाय ।इस दिशा में यह समझौता ज्ञापन ऐतिहासिक होगा । आईक्यूसी के अध्यक्ष प्रो सुदेश शर्मा ने भी अपने विचार रखे।

कुलपति प्रो वरखेड़ी के मार्गदर्शन में परियोजना अधिकारी डा श्रीनिवासू मंथा की आईसीटी टीम ने 'प्रतिस्पंदन ' नामक अपने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रा हित के लिए एक नया ऐप भी बनाया है जिसका लोकार्पण कुलपति नागेश्वर राव ने किया । कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय एक बहुपरिसरीय राष्ट्र व्यापी विश्वविद्यालय है जिसमें ऐसे ऐप वाले मोड औफ कौम्यूनिकेशन की विशेष आवश्यकता है । इसे गुगल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और आज ही इसे विश्वविद्यालय के माध्यम से ट्यूटर पर लिंक शेयर कर दिया जाएगा । डायरेक्टर एकेडमिक अफ्यर्स, प्रो बनमाली बिश्बाल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा प्रो पवन कुमार, परीक्षा नियंत्रक ने धन्यवाद दिया । शान्ति पाठ के साथ इस ऐतिहासिक बैठक का समापन हुआ ।

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
समाचार अच्छा है। बधाई

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