मोदी सरकार के शासन में 10 लाख करोड़ का विदेशी निवेश वापस चला गया

० संवाददाता द्वारा ० 

० प्रश्न यह है कि वर्ष 2014 से पहले मंहगाई कितनी थी और आज कितनी है। उन्होंने कहा कि जिस मंहगाई के मुद्दे पर मोदी जी ने चुनाव लड़ा था ० स्विस बैंक में कांग्रेस के शासन में कालाधन जमा हुआ था जबकि वर्ष 2014 में जो राशि स्विस बैंक में भारतीयों की जमा थी वह 2022 में बढ़कर दुगुनी हो गई है ० मोदी सरकार के लिये वोट मांगते हुए बाबा रामदेव ने कहा था कि 35 रूपये लीटर पेट्रोल चाहिये तो मोदी को वोट दो, जनता ने उस पर विश्वास किया, किन्तु आज के हालात में जनता को जगाने का समय है ० जब 17 लाख करोड़ रूपये उद्योगपतियों का केन्द्र सरकार माफ कर सकती है तो किसानों व आम जनता का ऋण माफ करने में केन्द्र सरकार को क्या परेशानी है ० 04 सितम्बर को इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा दिल्ली में विशाल रैली आयोजित की जा रही है
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पूर्व देश के नागरिकों से जो वादे किये थे तथा उस परिपेक्ष्य में आज देश के क्या हालात हैं, इस पर पूरे देश में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में चुनाव पूर्व कहा था कि देश में चुनाव में हो रहे हैं लेकिन मंहगाई पर चर्चा नहीं हो रही है। मोदी ने इस तथ्य पर हैरानी भी जताई थी कि मंहगाई को लेकर लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ चुप क्यों है और आज हम देश के नागरिक भी हैरान है कि मंहगाई पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है।

उक्त विचार मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनावों में नरेन्द्र मोदी कहते थे कि जो कीमतें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन के समय थी उन्हें वापस लाया जाये, किन्तु प्रश्न यह है कि डॉ. मनमोहन सिंह के शासन के समय जो वस्तुओं की कीमतें थी मोदी उन्हें तो वापस ले आयें। उन्होंने कहा कि प्रश्न यह है कि वर्ष 2014 से पहले मंहगाई कितनी थी और आज कितनी है। उन्होंने कहा कि जिस मंहगाई के मुद्दे पर मोदी जी ने चुनाव लड़ा था, आम जनता ने मोदी जी पर जिन मुद्दों पर भरोसा कर वोट दिया था, उन मुद्दों का क्या हश्र हुआ है इस बात की चर्चा जनता की बीच होती है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से पूर्व अपने भाषणों में स्विस बैंक में जमा काले धन को वापस लाने हेतु कानून बनाने व प्रयास की बात कही थी तथा यह माहौल बनाया था कि स्विस बैंक में कांग्रेस के शासन में कालाधन जमा हुआ था जबकि वर्ष 2014 में जो राशि स्विस बैंक में भारतीयों की जमा थी वह 2022 में बढ़कर दुगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि स्विस बैंक से राशि वापस लाने की भावना के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक कदम भी नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि देश के सामने बेरोजगारी की ज्वलंत समस्या है। उन्होंने कहा कि विगत् 45 वर्ष में सर्वाधिक बेरोजगारी दर आज देश में है तथा 42 प्रतिशत युवाओं के पास आज रोजगार नहीं है। उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा मोदी ने देश की जनता से किया था किन्तु उनके शासनकाल में हर साल एक करोड़ 45 लाख रोजगार छिन गये हैं। पटवारी ने कहा कि दैनिक आवश्यकता की खाद्य वस्तुयें आटा, दही, चावल मंहगी कर दी गई हैं जबकि केन्द्र सरकार का दायित्व है कि जनता के लिये कार्य करे। 

उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात बिगड़ने पर जनता की जेब पर कैसे डाका डाला जाये भारत की केन्द्र सरकार के अलावा ऐसा कोई दूसरा उदाहरण विश्व में नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में केन्द्र सरकार ने आटा, दही को जीएसटी लगाकर मंहगा कर दिया तथा पेट्रोल व डीजल की कीमतें आसमान छू रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिये वोट मांगते हुए बाबा रामदेव ने कहा था कि 35 रूपये लीटर पेट्रोल चाहिये तो मोदी को वोट दो, जनता ने उस पर विश्वास किया, किन्तु आज के हालात में जनता को जगाने का समय है क्योंकि आज पेट्रोल व डीजल जो जनता भरवा रही है उसकी कीमत का बड़ा हिस्सा मोदी के कुकर्मों को ढकने के लिये सरकार के पास जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की आमदनी घटी तो उसकी पूर्ति आम जनता से पेट्रोल व डीजल पर टैक्स लगाकर केन्द्र सरकार कर रही है। 

उन्होंने प्रश्न किया कि क्या कारण है कि डॉलर की कीमत रूपये के मुकाबले प्रधानमंत नरेन्द्र मोदी की उम्र से ज्यादा हो गई है। उन्होंने प्रश्न किया कि केन्द्र सरकार बताये कि क्या कारण है कि पिछले दो साल से सेना की एक भी भर्ती नहीं निकली थी और जब निकली तो भी केवल 4 साल के लिये भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि 4 साल बाद जो 17 साल का युवा 21 वर्ष की उम्र में सशस्त्र प्रशिक्षण लेकर घर वापस लौटा दिया जायेगा तो वह क्या करेगा तथा उसका गुस्सा अलग-अलग राज्यों में निकलेगा तो देश के क्या हालात होंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत की जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया है किन्तु मोदी इस बात पर आज चुप हैं और पहले झूठ बोल रहे थे। उन्होंने केन्द्र सरकार से प्रश्न किया कि फसल बीमा की कम्पनियों को 40 हजार करोड़ रूपये का मुनाफा प्रतिवर्ष हुआ है, किन्तु किसान की आय दुगुनी क्यों नहीं हुई।

 उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि विशाल किसान आन्दोलन होने के पश्चात् भी केन्द्र सरकार समर्थन मूल्य एमएसपी के मुद्दे पर अपने कदम आगे नहीं बढ़ा रही है तथा केन्द्र सरकार अथवा कृषि मंत्री इस मुद्दे पर ना तो बात करते हैं और ना ही बोलते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि आन्दोलन के आन्दोलनकारियों से झूठ बोलकर व गुमराह कर आन्दोलन समाप्त करवा दिया गया किन्तु अब केन्द्र सरकार का कोई मंत्री एमएसपी पर बात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि बैंकों का 12 लाख करोड़ का लोन उद्योगपतियों का माफ हुआ तथा 5 लाख करोड़ टैक्स चंद उद्योगपतियों के केन्द्र सरकार ने वापस ले लिये, किन्तु जब कांग्रेस नेता  राहुल गाँधी तथा कांग्रेस पार्टी किसानों के ऋण माफ करने की मांग करती है तो केन्द्र सरकार मुफ्त की रेवड़ी बांटने से देश बर्बाद हो जायेगा कहने लगती है। उन्होंने कहा कि जब 17 लाख करोड़ रूपये उद्योगपतियों का केन्द्र सरकार माफ कर सकती है तो किसानों व आम जनता का ऋण माफ करने में केन्द्र सरकार को क्या परेशानी है।

 उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी का 75 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक देश की सरकार का कर्ज हो गया है जो कि चिंताजनक है क्योंकि लगभग ऐसे ही हालात पड़ौसी मुल्क श्रीलंका थे। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात बदतर होते जा रहे हैं। आज 80 करोड़ लोगों को गरीबी के कारण राशन प्रदान किया जा रहा है जो बढ़कर 90 करोड़ की संख्या हो गई तो देश और गरीब हो जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में मंहगाई दर सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 8 से 10 प्रतिशत है जिसका अर्थ यह है कि आने वाले वर्ष जनता के लिये और भी ज्यादा कष्टकारी होंगे। उन्होंने कहा कि देश में यह हालात केन्द्र सरकार के गलत आर्थिक प्रबंधन का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सभी आर्थिक सर्वे इंगित करते है कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, मंहगाई बढ़ी है, देश की जीडीपी के मुकाबले कर्ज का रेशो बढ़ा है जो कि इस बात का द्योतक है कि देश आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आमजन की भावना को ही अपने अभियान के माध्यम से प्रकट कर रही है तथा देश की जनता को जागरूक कर रहे है कि जिस भावना से केन्द्र सरकार से चुना गया, केन्द्र सरकार जनता की उस भावना के विपरीत कार्य कर रही है।

पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम जनता से किये गये वादों को पूरा करने की बजाए नई-नई योजनायें बता रहे हैं, जैसे कि हाल ही में मोदी ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की बात कही है जबकि वर्ष 2014 में जनता से किये गये वादे जो उनके भाषणों के वीडियो के रूप में साक्षी हैं साबित करते हैं कि प्रधानमंत्री देश की जनता से झूठ बोलते हैं, झूठे वादे करते हैं, किन्तु वादों का निभाते नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण मोदी सरकार के शासन में 10 लाख करोड़ का विदेशी निवेश वापस चला गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने विदेशी दौरों से खूब सुर्खियां बटोरी थी किन्तु विदेशी निवेश आने की बजाए वापस जा रहा है और मोदी जी नये नये सब्जबाग दिखा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि कोविड महामारीकाल को ढाल बनाकर केन्द्र सरकार अपनी अकर्मण्यता छिपाने का काम कर रही है । उन्होंने कहा कि आज समय है कि भारत सरकार के मनमोहन सिंह जी के शासनकाल के 10 साल जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश को नई ऊंचाईयों पर ले गये और मोदी शासन जहाँ मोदी ने जनता से बड़े-बड़े वादे किये थे की तुलना की जानी चाहिये, क्योंकि एक ओर पूर्ववर्ती सरकार पर टूजी स्पेकट्रम एवं कोयला घोटाले जैसे आरोप लगाये गये किन्तु 8 वर्ष में एक आरोप भी साबित नहीं हुआ जबकि दूसरी ओर वर्तमान केन्द्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं एवं कृत्य सर्वविदित हैं । उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं को सस्ता करने, किसान की आय दुगुनी करने, हर नागरिक को अपना घर, हर घर में नल से जल, दो करोड़ रोजगार, बुलेट ट्रेन जैसे नारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये थे किन्तु झूठे साबित हो गये, तो 2047 में विकसित राष्ट्र के नारे पर देश कैसे भरोसा करेगा।

उन्होंने सवाल किया कि टूटता रूपया, कमर तोड़ मंहगाई, बेलगाम बेरोजगारी, बढ़ता व्यापार घाटा, देश छोड़ते निवेशक, कर्जदार होता किसान, बढ़ता हुआ नशे का कारोबार आज महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के कन्टेनर पकड़े जा रहे हैं यह चिंता का विषय है तथा युवाओं को पीछे धकलने की साजिश है जो पूर्व में हिटलर ने भी अपनाई थी। उन्होंने कहा कि देश के इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाकर जागरूकता अभियान चलायेगी तथा 04 सितम्बर को इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा दिल्ली में विशाल रैली आयोजित की जा रही है क्योंकि आमजनता की आवाज केन्द्र सरकार तक पहुंचाना एवं आमजनता को राहत दिलवाने हेतु संघर्ष करना कांग्रेस पार्टी का दायित्व है।

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