दिल्ली से मेरठ तक का सफर होगा आसान

० विनोद तकियावाला ० 
नयी दिल्ली -राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व मेरठ के बीच यात्रा करने वाले नियमित यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है कि वह दिन अब दुर नही जब दिल्ली से मेरठ व मेरठ से दिल्ली तक रोजना सफर करने हजारों यात्रियों का समय व पैसे की बचत होगी ।खासकर उनके लिए जो प्रतिदिनअपने आफिस व कारोबार के लिए प्रतिदिन दिल्ली से मेरठ व मेरठ से दिल्ली तक का सफर करते है।आप को बता दे कि अभी ये लोग आवागमन के लिए सड़क मार्ग व रेल मार्ग का प्रयोग किया करते है।जिसमें यात्रियो का समय व धन दोनों की बर्वादी होती है। भारतीय रेल ने इन मार्ग पर रेगुलर यात्रियों को आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अपनी नई परियोजना प्रारंभ की है। 
इसके नई परियोजना के तहत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआर टी एस कॉरिडोर पर रैपिड रेल का परिचालन 2025 तक पूरी तरह से प्रारम्भ करने का लक्ष्य रखा है। सबसे पहले कम दूरी के बीच रेपिड ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। सुत्रों के अनुसार पहले चरण का सफर मार्च 2023 से शुरू हो जाएगा। जिससेभारतीय रेलवे द्वारा देश की पहली रैपिड रेल का इंतजार जल्द .ही खत्म होने वाला है।फिलहाल दिल्ली से मेरठ तक82 किमी लंबे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(आरआरटीएस)के पहले फेज का काम अंतिम चरण में है।आरआरटीएस की इस परियोजना में कई खूबियां हैं,जिसकी वजह से इसे दुनिया का सबसे हाइटेक रैपिड रेल प्रोजेक्ट माना जा रहा है।

आज मै जिस दिल्ली-मेरठ के इस नई परियोजना की बात कर रहा हुँ। वे विश्वस्तीस परियोजना है । जिसकी एक झलक इस प्रकार है।(1)दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल की दुरी कुल 82 किलोमीटर है। (2)परियोजना अनुमानित लागत की 34 हजार करोड़ रुपए की है।(3)अत्याधुनिक इस रेपिड ट्रेक के लिए28 सौ पिलर की निर्माण कियाजायेग जिनमें41किलोमीटर मे17 सौ से अधिक पिलर तैयार हो चुके हैं।(4) इस ट्रेक मे70 कि मी एलिवेट होगा।(5)मेरठ से दिल्ली के बीच चलाई जाने वाले रैपिड रेल की संख्या 30 होगी।(6)इस ट्रेन की गति180 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।(7)दिल्ली से मेरठ के बीच स्टेशन की कुल संख्या17होगी।(8)दिल्ली में जंगपुरा से प्रारम्भ होकर मेरठ के मोदीपुरम तक जायेगी तथा मेरठ से दिल्ली की बापसी की फेरे लगागी।

(9)दिल्ली से मेरठ रैपिड ट्रेन के साथ साथ में मेरठ में मेट्रो ट्रेन के 13 स्टेशन भी होंगे।यह मोदीपुरम से मेरठ साउथ तक मेट्रो ट्रेन भी चलेगी।(10)रेपिड ट्रेन में 6 कोच वाली होगें तथा देखने में बुलेट ट्रेन की तरह है।हालांकि साइड से यह मेट्रो की तरह नजर आती है।(11)दिल्ली में 14किलो मीटर तथा उत्तर प्रदेश की 68 किलो मीटर अथार्त कुल लंबाई 82 कि मी है। मैआप के संज्ञान में लाना चाहूँगा कि रैपिड ट्रेन केआउट में मेट्रो का निर्माण काम भी तेजी के साथ-दोनों का चल रहा है। वापसी के फेरे मेंमेरठ की सीमा से रैपिड ट्रेन गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश करते हुए मोदीनगर के दो स्टेशन पर रुकेगी। इन दिनों पिलर के ऊपर सिंडिकेट रखने का काम तेजी से चल रहा है।मेरठ से दिल्ली की तरफ जितना आगे बढते जा रहे हैं उतना ही काम पूरा होता हुआ ।पहले चरण को लेकर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है।

हालांकि यह एक तरह से शॉर्ट ट्रायल हैl मुख्य ट्रायल इसी बर्ष नवंबर के आखिर में शुरू होगा!भारतीय रेल के रेपिड रेल के इस परियोजना को लेकर यात्रियों व आम जनता में खास कौतुहल बना है।जैसे रेपिड रेल का प्रारूप व परिचालन कब होगा ,देखने में यह स् कैसा होगा, आदि आदि तो हम आप को स्पष्ट कर दे कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह से परिचालित कर ने की पूरी संम्भावना है। हालांकि इससे पहले कम दूरी के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।पहले चरण का सफर मार्च 2023 से शुरू होने की सम्भावना है।प्रथम चरण में रेपिड ट्रेन का यह सफर साहिबाबाद से दुहाई के बीच17किमी का होगा।जिसे बाद में यह परियोजना जैसे-जैसे पूरा होगा,ये दूरी बढ़ती चली जाएगी। जहाँ तक गति का सबाल है तो तकनीकी विशलेषज्ञ के मुताबिक

इस कॉरिडोर पर ट्रेनें की अधिकतम गति सीमा180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।हालांकि इनकीऔसत गति 100 किमी प्रति घंटे की होने की सम्भावना है।रेपिड ट्रेन में 6 कोच वाली होगें तथा देखने में बुलेट ट्रेन की तरह है।हालांकि, साइड से यह मेट्रो की तरह नजर आती है।इस कॉरिडोर में दिल्ली की 14 किलो मीटर तथा उत्तर प्रदेश की 68 किलो मीटर अथार्त कुल लंबाई 82 किमी है।इस दौरान नई दिल्ली के सराय काले जंगपुरा से प्रारम्भ होकर सराय काले खां,न्यू अशोक नगर,आनंद विहार चार स्टेशन ये सभी दिल्ली के स्टेशन होगी,आनंदविहार स्टेशन सिर्फ अंडरग्राउंड स्टेशन है।जहाँ यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रैपिड रेल नेटवर्क के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए समानान्तर दो टनल का बनाए जा रहे हैं।आनंद विहार के बाद यह ट्रेन उतर प्रदेश के साहिबाबाद में प्रवेश करेगी। जहाँ से रेपिड ट्रेन अपनी अगली सफर के लिए गाजियाबाद,गुलधर,दुहाई,मुराद नगर,मोदी नगर(साउथ)मोदी नगर(नॉर्थ) मेरठ (साउथ) शताब्दीनगर नगर,बेगम पुल होते हुए मोदीपुरम पहुंचेगी।

जहाँ तक दिल्ली से मेरठ दुरी तय करने का प्रशन है तो इसमे तकरीबन50मिनट का समय लगेगा।रेपिड ट्रेनों के रखरखाव के लिए मेरठ व दुहाई मेंदो डिपो बनाए जा रहे हैं दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का मुख्य मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में भीड़ भाड़ को कम करना है तथा मोटर वाहनों के यातायात और पर्यावरण में वायु प्रदूषण को कम करना है शाथ ही दैनिक यात्रियों की बहुमूल्य समय ' सुविधा व जेब पड़ने वाले अनावश्यक बोझ को करने के लिए इस परियोजना यथार्थ की धरातल पर सफल करने का संक्लप लिया है।जिसके लिए रेपिड ट्रेन की परियोजना का कार्य दिन रात जोर शोर से चल रहा है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

बेफी व अरेबिया संगठन ने की ग्रामीण बैंक एवं कर्मियों की सुरक्षा की मांग

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

राजस्थान चैम्बर युवा महिलाओं की प्रतिभाओं को पुरस्कार