आल इंडिया फेयर शॉप वर्कर्स को सरकार घोषित करे कोरोना वारियर : प्रह्लाद मोदी

० योगेश भट्ट ० 

नई दिल्ली, 2 अगस्त: ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने अपनी 9-सूत्रीय मांग की पूर्ति के लिए जंतर-मंतर, नई दिल्ली में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। देश भर से उचित मूल्य की दुकान के डीलर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए हजारों की संख्या में एकत्र हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रहलाद मोदी राशन डीलर हैं। प्रहलाद मोदी देश के राशन डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष व् गुजरात राशन डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। प्रहलाद मोदी का कहना है कि वह अपने भाई नरेंद्र मोदी से नाराज नहीं हैं बल्कि राशन डीलर को दिए जाने वाले कमीशन के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि लगातार मांग के बावजूद राशन डीलरों की मांग नहीं मानी जा रही है, इसलिए आज उनकी एसोसिएशन को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करना पड़।
विशाल सभा को संबोधित करते हुए, फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष,  प्रह्लाद मोदी ने कहा, “देश के प्रधान मंत्री को देश भर में 80 करोड़ लोगों को भोजन के वितरण के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिली। जब सरकार इस योजना को लागू कर रही थी तो हम जैसे दुकानदार ही थे जो लोगों के पास गए और खाना बांटा। और इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि मजदूरों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाए। प्रहलाद मोदी के मुताबिक राशन डीलर को दिया जा रहा कमीशन नाकाफी है. बार-बार मांग के बावजूद राशन डीलर की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें जंतर मंतर पर पहुंचना पड़ा और अपनी कुछ मांगों को लेकर सरकार की नीतियों विरोध किया।

 विशाल सभा को संबोधित करते हुए, फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रह्लाद मोदी ने कहा, “देश के प्रधान मंत्री को देश भर में 80 करोड़ लोगों को भोजन के वितरण के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिली। जब सरकार इस योजना को लागू कर रही थी तो हम जैसे दुकानदार ही थे जो लोगों के पास गए और खाना बांटा। और इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि मजदूरों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाए। प्रहलाद मोदी के मुताबिक राशन डीलर को दिया जा रहा कमीशन नाकाफी है. बार-बार मांग के बावजूद राशन डीलर की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें जंतर मंतर पर पहुंचना पड़ा और अपनी कुछ मांगों को लेकर सरकार की नीतियों विरोध किया।

उन्होंने राशन डीलरों का मुद्दा उठाते हुए कहा, 'राशन डीलर की सबसे बड़ी मांग यह है कि कोरोना के दौरान जहां परिवार के सदस्य भी एक दूसरे से दूर रह रहे थे. उस दौरान भी लोगों को राशन उपलब्ध कराने में सबसे बड़ा योगदान राशन डीलर का ही था. राशन डीलरों ने बिना पीपीई किट के लोगों तक पहुंचाया राशन, इसलिए राशन डीलर को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। विशाल जनसभा को महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव श्विश्वम्भर बसु ने सम्बोधित करते हुए कहा । ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने न्यूनतम मासिक गारंटी 50,000/- रुपये की मांग की है। चावल, गेहूं और चीनी की हैंडलिंग और खाद्य तेल और दालों की उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए, सभी राज्यों को सभी देय मार्जिन को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए। मांग में यह भी शामिल है कि पूरे देश में मुफ्त वितरण का 'पश्चिम बंगाल राशन मॉडल' लागू किया जाए। एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति मेला दुकानों के माध्यम से भी की जानी चाहिए। कोरोना पीड़ित डीलरों का मुआवजा भी रु. 50 लाख राजस्थान सरकार द्वारा दी गई I

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