अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच ,दिल्ली इकाई द्वारा हिंदी आयोजन

० शकुंतला मित्तल ० 
नयी दिल्ली - अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच,दिल्ली इकाई ने डाॅ मुक्ता,पूर्व निदेशिका,हरियाणा अकादमी की गरिमामयी अध्यक्षता में साहित्यिक अनुष्ठान कर के मनाया।सर्वप्रथम डाॅ शारदा मिश्रा ने दीप प्रज्वलित किया और उसके बाद सरोज गुप्ता ने अपनी सुमधुर सरस्वती वंदना से मंच को रससिक्त कर दिया।मंच की संस्थापिका और वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने बीज वक्तव्य में हिंदी भाषा की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा हिंदी राजनैतिक और प्रादेशिक अड़चनों के कारण राष्ट्र भाषा के पद पर चाहें अब तक नहीं पहुँच सकी पर विश्व भाषा और लोक भाषा बन चुकी है

वैश्विक स्तर पर हिंदी का स्तर सुदृढ़ और गौरवान्वित करता है। इसी के साथ उन्होंने यह भी सूचना दी कि साहित्य संस्कृति सेवा न्यास ,बदायूं द्वारा सेवा रत्न सम्मान की घोषणा की गई है। यह समाचार सुन कर सबमें हर्ष की लहर दौड़ गई और सबने करतल ध्वनि से इस समाचार का स्वागत किया। साहित्य की सभी विधाओं का आदर करते हुए इस आयोजन में नीलम दुग ने अपनी बहुत मार्मिक और भावपूर्ण कहानी 'चीख' को पढ़ कर सुनाया।सबने इस कहानी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।वरिष्ठ साहित्यकार सुरेखा जैन ने नीलम दुग्गल की कहानी की समीक्षा करते हुए कहा कि कहानी पंजाबी संस्कृति को दर्शाती भावपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण है।जीवंत चलचित्र की तरह गति पाती कहानी जिज्ञासा बनाए रख सब श्रोताओं को बांध कर रखने में पूर्णतया सक्षम है।

इसके बाद शकुंतला मित्तल ने देवप्रयाग पर अपना यात्रा संस्मरण पढ़ा,जिसकी समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार और कवयित्री कल्पना पाण्डेय ने की।उन्होंने कहा कि संस्मरण में लेखिका की यायावर वृत्ति का स्पष्ट परिचय मिलता है।भौगोलिक तथा देवप्रयाग से जुड़ी सभी जानकारियों को समेटे यह यात्रा वृत्तांत रोचक शैली में लिखा सार्थक संस्मरण है।कौतूहल उत्पन्न कर यह पढ़ने वाले में उस स्थल की यात्रा की ललक उत्पन्न करता है। फिर आयोजन की अध्यक्षता कर रहीं डाॅ मुक्ता ने अपने उद्बोधन में हिंदी को संस्कृति और संस्कारों की संवाहिका बताया और कहा कि हिंदी हममें संवेदनशीलता उत्पन्न करती है।यद्यपि विदेशों में,इंटरनेट, पर,मनोरंजन के रूप में हिंदी का वर्चस्व बढ़ रहा है तथापि कुछ लोग हिंदी बोलने में हीनता का अनुभव करते हैं।अंत में पुनीता सिंह ने सबका भावपूर्ण आभार व्यक्त किया।

इस संपूर्ण आयोजन का संयोजन दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शकुंतला मित्तल और महासचिव अर्चना पाण्डेय जी के कुशल संयोजन में हुआ और वरिष्ठ कवयित्री सरिता गुप्ता ने अपने शानदार संचालन से आयोजन को सफलता के शीर्ष पर पहुँचा दिया।दर्शक दीर्घा में डाॅ प्रमिला वर्मा, पुष्पा शर्मा कुसुम , डाॅ विनीता शर्मा,निशा गर्ग,वीणा अग्रवाल,तरुणा पुंडीर,डाॅ भावना शुक्ल,राधा गोयल,शुभ्रा वर्मा, जैसे प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी और इस आयोजन को विशेष बना दिया।

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